
Politician Devesh Thakur Wikipedia (Image Credit-Social Media)
Politician Devesh Thakur Wikipedia (Image Credit-Social Media)
Politician Devesh Thakur: देवेश चंद्र ठाकुर, एक ऐसा नाम जो बिहार की राजनीति में सादगी, अनुभव और दृढ़ निश्चय का प्रतीक बन चुका है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में सीतामढ़ी लोकसभा सीट से सांसद, ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन में न केवल सफलता के कई मुकाम हासिल किए, बल्कि जनसेवा और सामाजिक सरोकारों को भी प्राथमिकता दी। एक वक्त ऐसा था जब उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी यात्रा शुरू की थी और आज वे संसद में अपने क्षेत्र की आवाज बन चुके हैं। 3 जुलाई को उनके जन्मदिवस के मौके पर आइए जानते हैं उनके पारिवारिक जीवन, राजनीतिक सफर, चुनावी संघर्ष और उपलब्धियों की लंबी यात्रा के बारे में –
जन्म और प्रारंभिक जीवन

देवेश चंद्र ठाकुर का जन्म 3 जुलाई 1953 को बिहार के सीतामढ़ी जिले के डुमरा गांव में हुआ था। उनका बचपन एक साधारण परिवार में बीता। उनके पिता स्वर्गीय अवध ठाकुर एक शिक्षित और समाजसेवी व्यक्ति थे, जबकि माता रम्भा देवी एक धार्मिक और कर्मनिष्ठ गृहिणी थीं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हजारीबाग के सेंट जेवियर्स स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वह नासिक के सैनिक स्कूल में पढ़ाई के लिए गए। यहां अनुशासन और नेतृत्व के गुणों ने उनके व्यक्तित्व में एक ठोस आधार तैयार किया। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित फर्ग्यूसन कॉलेज से बीए ऑनर्स किया। तत्पश्चात, उन्होंने पुणे स्थित ILS लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
पारिवारिक जीवन
देवेश चंद्र ठाकुर का विवाह 4 मार्च 1971 को रीता ठाकुर से हुआ। यह दंपती सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहा है और रीता ठाकुर हमेशा देवेश जी के राजनीतिक जीवन में सहयोगी रही हैं। उनके परिवार की छवि आज भी समाज में मर्यादित और सादगीपूर्ण मानी जाती है।
छात्र जीवन से राजनीति की ओर

देवेश चंद्र ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन की नींव छात्र राजनीति में रखी। पुणे विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्होंने छात्र संघ का चुनाव लड़ा। वे महाराष्ट्र प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी बने और इस दौरान उन्होंने विलासराव देशमुख और सुशील कुमार शिंदे जैसे कद्दावर नेताओं के साथ काम किया। राजनीति में सक्रिय रहने के बावजूद, वे कुछ वर्षों तक एक शिपिंग कंपनी में निदेशक भी रहे और इस दौरान लगभग 25 देशों की यात्रा की, जिससे उन्हें वैश्विक सोच और अनुभव भी मिला।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
देवेश ठाकुर ने 1990 में बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में सीतामढ़ी के बथनाहा सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि वे जीत नहीं सके और तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन यही चुनाव उनके राजनीतिक करियर की पहली सीढ़ी बना।
विधान परिषद में लंबा कार्यकाल
2002 में, ठाकुर ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बिहार विधान परिषद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस सीट में चार जिले शामिल हैं, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली और शिवहर।
2008 में उन्होंने फिर से यह सीट जीती और लगातार 2020 तक चार बार निर्वाचित होकर इस क्षेत्र के लोगों का विश्वास अर्जित किया। इसी स्थायित्व और लोकप्रियता के कारण उन्हें ‘तिरहुत का अजातशत्रु’भी कहा गया।
मंत्री और विधान परिषद अध्यक्ष के रूप में भूमिका

अपनी लोकप्रियता और संगठनात्मक अनुभव के बल पर देवेश ठाकुर को बिहार विधान परिषद का अध्यक्ष बनाया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने परिषद की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके अलावा, वे बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग में कैबिनेट मंत्री भी रहे। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की योजनाओं और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू किया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता की भूमिका
जनता दल यूनाइटेड ने ठाकुर की योग्यता और सुलझी हुई वाणी को देखते हुए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने पार्टी के पक्ष को विभिन्न राष्ट्रीय मंचों और मीडिया डिबेट्स में मजबूती से रखा।
लोकसभा चुनाव 2024- ऐतिहासिक जीत
2024 के आम चुनाव में देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी अर्जुन राय को 51,356 मतों के अंतर से हराकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक रही।
पहली बार वे लोकसभा सदस्य बने। यह सीट कई वर्षों से विपक्ष के कब्जे में रही थी। जनता दल यूनाइटेड के लिए यह एक महत्वपूर्ण जीत थी। हालांकि चुनाव के बाद एक विवाद भी खड़ा हुआ, जब ठाकुर ने कहा कि ‘वे मुसलमानों और यादवों के लिए काम नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया।’ इस बयान की राजद नेता मीसा भारती ने आलोचना की, जबकि भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने समर्थन किया। बाद में ठाकुर ने सार्वजनिक रूप से अपना बयान वापस ले लिया।
वर्तमान पद और जिम्मेदारियां
वर्तमान में देवेश चंद्र ठाकुर सीतामढ़ी से लोकसभा सांसद हैं और संसद में जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ प्रतिनिधियों में से एक माने जाते हैं। उनकी संसद में भागीदारी, क्षेत्र में सक्रियता और सामाजिक मुद्दों पर उनकी संवेदनशीलता उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाती है।
सामाजिक सरोकार और योगदान

देवेश ठाकुर केवल राजनीतिक नेता नहीं हैं, बल्कि एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि भी हैं। उन्होंने शिक्षा, आपदा राहत, बेरोजगारी, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर हमेशा सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के विकास, शौचालय निर्माण, बिजली और पानी की उपलब्धता जैसे विषयों पर अनेक योजनाएं शुरू कराईं। आपदा प्रबंधन मंत्री रहते हुए बाढ़, भूकंप जैसी आपदाओं में त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित किए।
व्यक्तित्व और कार्यशैली
वे एक अनुशासित, अध्ययनशील और दूरदर्शी नेता के रूप में जाने जाते हैं।
उनकी वाणी में स्पष्टता होती है और वे अपने विचारों को बेझिझक रखते हैं।
संसद में या मीडिया में वे तथ्यों के साथ अपनी बात कहते हैं। देवेश चंद्र ठाकुर का जीवन इस बात का प्रमाण है कि लगन, शिक्षा और प्रतिबद्धता से कोई भी व्यक्ति राजनीति में न केवल सफलता पा सकता है, बल्कि समाज में बदलाव भी ला सकता है। छात्र राजनीति से लेकर लोकसभा तक की उनकी यात्रा प्रेरणादायक है। वे न केवल सीतामढ़ी के बल्कि बिहार के उन नेताओं में हैं जिनसे युवा वर्ग आज भी प्रेरणा लेता है।
आज जब वे संसद में जनता की आवाज़ बन चुके हैं, यह उम्मीद की जाती है कि वे अपने अनुभव, ज्ञान और जनसमर्थन के बल पर क्षेत्र और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।