
Politician Raksha Khadse (Image Credit-Social Media)
Politician Raksha Khadse (Image Credit-Social Media)
Politician Raksha Khadse: भारत के लोकतंत्र में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, सामाजिक प्रतिबद्धता और जनसेवा के संकल्प के बल पर जनता के बीच एक अलग पहचान बना लेते हैं। महाराष्ट्र की युवा और ऊर्जावान सांसद रक्षा खडसे का नाम भी उनमें से एक है। रावेर लोकसभा क्षेत्र की तीन बार की निर्वाचित सांसद और वर्तमान में केंद्र सरकार में क्रीड़ा एवं युवक कल्याण राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत रक्षा खडसे ने बहुत कम उम्र में राजनीति में प्रवेश कर जिस लगन और कर्मठता से जनसेवा की राह चुनी, वह आज के युवा राजनेताओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है। एक गांव की सरपंच से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने का उनका सफर दिखाता है कि भारतीय लोकतंत्र में योग्यता, मेहनत और ईमानदारी की हमेशा जगह है। रक्षा खडसे आज की युवतियों के लिए एक उदाहरण हैं कि वे चाहे जिस परिस्थिति में हों, यदि वे ठान लें तो किसी भी ऊंचाई को छू सकती हैं।
रक्षा खडसे वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य हैं और भारत सरकार में केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। उनका यह मंत्री पद 11 जून 2024 से प्रभावी है, जब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में मंत्रीमंडल में शामिल किया गया।
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि

रक्षा खडसे का जन्म 13 मई 1987 को मध्य प्रदेश के खेतिया कस्बे में हुआ। वे मूलतः लेवा पटेल कृषक समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जिसकी सामाजिक पहचान मेहनतकश और सादगीपूर्ण जीवन शैली के लिए जानी जाती है। उनकी परवरिश एक साधारण लेकिन सांस्कृतिक मूल्यों से संपन्न परिवार में हुई, जिसने उन्हें जमीनी हकीकतों और आमजन की पीड़ा को समझने का नजरिया दिया। रक्षा खडसे का पारिवारिक जीवन राजनीति से जुड़ा रहा है। वे महाराष्ट्र के वरिष्ठ और पूर्व वित्त मंत्री एकनाथ खडसे की बहू हैं। उनके पति निखिल खडसे का असमय निधन हो गया था। इस कठिन समय में भी रक्षा खडसे ने न केवल अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाई, बल्कि समाज सेवा और राजनीति को अपना कर्मक्षेत्र बनाया।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
रक्षा खडसे ने बी.एससी. (कंप्यूटर साइंस) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने यह शिक्षा नाशिक स्थित के.एच.टी.एम. महाविद्यालय से प्राप्त की। विज्ञान और तकनीक में रूचि रखने वाली रक्षा खडसे ने अपने करियर की शुरुआत राजनीति से नहीं बल्कि ग्रामीण सेवा से की, जिससे उनकी सामाजिक समझ और सेवा भावना और गहराई से विकसित हुई।
राजनीतिक यात्रा की शुरुआत गांव से संसद तक

रक्षा खडसे की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत कोथळी ग्राम पंचायत से हुई। वर्ष 2010 से 2012 तक वे कोथळी गांव की सरपंच रहीं। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण विकास, जल संरक्षण, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के कई छोटे लेकिन प्रभावशाली कार्य किए। 2012 से 2014 तक उन्होंने जलगांव जिला परिषद की सदस्य और साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल समिति की सभापति के रूप में कार्य किया। इस कार्यकाल में उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी, स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता की निगरानी और बालिकाओं के खेल में भागीदारी को बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं लागू कीं।
लोकसभा में ऐतिहासिक प्रवेश हुईं सबसे युवा महिला सांसदों में शामिल
2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें रावेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। यह एक साहसी निर्णय था क्योंकि रक्षा तब राजनीति में अपेक्षाकृत नई थीं। लेकिन जनता का भरोसा, उनके ससुर एकनाथ खडसे की लोकप्रियता और खुद उनके काम के अनुभव ने उन्हें 318608 वोटों के बड़े अंतर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मनीष जैन को हराकर लोकसभा में पहुंचाया। वह उस समय महज 26 वर्ष की थीं और हीना गावित के साथ 16वीं लोकसभा की सबसे युवा महिला सांसदों में शामिल हुईं। यह न केवल उनके लिए बल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए भी गर्व की बात थी।
जनसेवा का विस्तार 2019 और 2024 की जीत

2019 के चुनावों में, उन्होंने फिर से रावेर से जीत हासिल की और अपने काम से जनता को संतुष्ट किया। उन्होंने सड़क निर्माण, सिंचाई परियोजनाएं, महिलाओं की शिक्षा और स्वरोजगार को लेकर अनेक योजनाएं अपने क्षेत्र में चलाईं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं आम नागरिकों तक समय पर पहुंचे। 2024 के आम चुनावों में भी भाजपा ने उन पर भरोसा जताया और उन्होंने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। अब वे न केवल संसद में सक्रिय हैं बल्कि भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (क्रीड़ा एवं युवा कल्याण) के रूप में भी कार्यरत हैं।
राज्य मंत्री के रूप में योगदान
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से रक्षा खडसे ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने, महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने, और युवाओं में फिटनेस, नेतृत्व और सामाजिक सहभागिता को लेकर कई नई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने यह संकल्प लिया है कि भारत के हर जिले में युवा प्रतिभाओं को पहचानकर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मंच दिलाया जाएगा।
चुनावी सफलता और जनसंपर्क की कुशलता

रक्षा खडसे की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत उनका स्थानीय जनसंपर्क और सुलभ स्वभाव है। वे नियमित रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र के गांवों का दौरा करती हैं, जनसभाएं करती हैं, महिलाओं के समूहों से मिलती हैं और व्यक्तिगत रूप से समस्याएं सुनती हैं। यही कारण है कि वे तीनों लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से विजयी रही हैं।
सामाजिक सरोकार और महिला सशक्तिकरण
रक्षा खडसे महिलाओं की शिक्षा, बालिकाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की प्रबल पक्षधर हैं। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में महिला बचत समूह, सेल्फ-हेल्प ग्रुप (SHG) और स्वरोजगार प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। उनके प्रयासों से कई गांवों में स्कूल ड्रॉपआउट दर में कमी आई है और बाल विवाह की घटनाएं कम हुई हैं।
एक युवा नेता की छवि
रक्षा खडसे भारतीय राजनीति की उस नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं जो विचार, संवाद और संवेदना को केंद्र में रखती है। उन्होंने राजनीति को करियर नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम माना और उसी दृष्टिकोण से आज भी काम कर रही हैं। संसद में उनकी सक्रियता, प्रश्न पूछने की संख्या, समितियों में भागीदारी और जनहित के मुद्दों पर भाषण उनकी गंभीरता को दर्शाते हैं।
रक्षा खडसे का जीवन इस बात का प्रमाण है कि यदि इच्छाशक्ति प्रबल हो, दृढ़ संकल्प हो और जनसेवा का जज़्बा हो, तो कोई भी महिला किसी भी स्तर से उठकर राजनीति और समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है। रावेर की जनता ने तीन बार उन्हें सांसद बनाकर यह विश्वास जताया है कि वे न केवल उनके मुद्दों को संसद तक पहुंचा सकती हैं, बल्कि समाधान भी दिला सकती हैं।