
Politician Sudhir Gupta Biography: भारतीय लोकतंत्र में ऐसे अनेक जनप्रतिनिधि हैं जिन्होंने न केवल राजनीति को सेवा का माध्यम माना बल्कि अपने विचारों, सिद्धांतों और सामाजिक प्रतिबद्धता से क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पटल पर प्रभाव छोड़ा। सुधीर गुप्ता ऐसे ही राजनेता हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को आत्मसात करते हुए मंदसौर जैसे महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पूरी निष्ठा से किया। वर्तमान में, सुधीर गुप्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और मध्य प्रदेश के मंदसौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद (Member of Parliament) के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप सिंह गुर्जर को हराकर तीसरी बार संसद में प्रवेश किया, जिसमें उन्होंने 5,00,655 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
संसद में, सुधीर गुप्ता विभिन्न महत्वपूर्ण चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। हाल ही में, उन्होंने केंद्रीय बजट 2025-26 पर लोकसभा में सामान्य चर्चा में हिस्सा लिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे संसद की कार्यवाही में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
उनकी राजनीतिक यात्रा 2014 में शुरू हुई, जब वे पहली बार मंदसौर से सांसद चुने गए। इसके बाद, उन्होंने 2019 और 2024 में भी लगातार जीत हासिल की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अपने क्षेत्र में एक लोकप्रिय और प्रभावशाली जनप्रतिनिधि हैं।
प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
सुधीर गुप्ता का जन्म 19 मई, 1959 को मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में हुआ। उनके पिता, रामचंद्र गुप्ता, एक तेल व्यापारी थे। व्यवसायिक जीवन के साथ-साथ वे सामाजिक मूल्यों में आस्था रखने वाले व्यक्ति थे। सुधीर गुप्ता की माता दुर्गाबाई गुप्ता एक आदर्श गृहिणी थीं, जिन्होंने परिवार में संस्कारों और संस्कृति की नींव रखी।

सुधीर गुप्ता का बचपन मंदसौर की गलियों में बीता, जहां उन्होंने आरंभिक शिक्षा प्राप्त की और सामाजिक सरोकारों के प्रति रुझान विकसित किया। वे किशोरावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए और विचारधारा आधारित कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाने लगे। उनके अंदर राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और सेवा का भाव इसी जुड़ाव से पैदा हुआ।
शिक्षा और व्यावसायिक आरंभ
सुधीर गुप्ता ने विक्रम विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातकोत्तर (एम.कॉम) की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही वे छात्रों के बीच एक अनुशासित, अध्ययनशील और कर्मठ युवा के रूप में पहचाने जाने लगे। अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने को-ऑपरेटिव बैंक में कार्य किया, जहां उन्हें वित्तीय प्रणाली की समझ मिली। इसके बाद वे भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत रहे। इन दोनों संस्थानों में काम करते हुए उन्होंने जनसंपर्क, विश्वास अर्जन और सेवा के महत्व को गहराई से समझा जो आगे चलकर उनके राजनीतिक जीवन की मजबूत नींव बना।

सामाजिक जुड़ाव और राष्ट्रवादी सोच
राजनीतिक जीवन में आने से पहले सुधीर गुप्ता ने विश्व हिन्दू परिषद के साथ जुड़कर राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। यह आंदोलन उनकी विचारधारा और जन-आंदोलन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उनका जुड़ाव केवल औपचारिक नहीं था बल्कि उन्होंने ज़मीनी स्तर पर जाकर कार्य किया, समाज के विभिन्न वर्गों के साथ संवाद स्थापित किया और राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। यही इनकी राजनैतिक पहचान की बड़ी वजह बनी।
राजनीतिक यात्रा का आरंभ
भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में उन्होंने सक्रिय सदस्य के रूप में कार्य करना आरंभ किया। यहां से उनकी संगठनात्मक क्षमता, नेतृत्व कौशल और विचारधारा के प्रति समर्पण की पहचान पार्टी नेतृत्व तक पहुंची। उन्होंने धीरे-धीरे स्थानीय, जिला और फिर राज्य स्तरीय संगठनात्मक भूमिकाओं में योगदान दिया। उनका यह सफर उन्हें 2014 में उस मुकाम पर लाया जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मंदसौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

लोकसभा में प्रतिनिधित्व और संसदीय कार्य
सुधीर गुप्ता ने 2014 के आम चुनावों में पहली बार मंदसौर लोकसभा सीट से जीत हासिल की। यह मोदी लहर का समय था, लेकिन उनकी जीत केवल लहर पर सवार नहीं थी बल्कि उनके कार्य, संगठन के प्रति समर्पण और जनता के बीच लोकप्रियता ने इस जीत को मजबूत आधार दिया। 2019 में उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ा और जनता ने उन्हें एक बार फिर से अपना विश्वास सौंपा। 2024 में सुधीर गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप सिंह गुर्जर को हराकर तीसरी बार लोकसभा में प्रवेश किया। इस बार उनकी जीत का अंतर 500,655 मतों का रहा, जो स्वयं में एक रिकॉर्ड है और यह जनता के उनके प्रति अपार विश्वास को दर्शाता है।
विकास कार्य और सामाजिक प्रतिबद्धता
सांसद के रूप में सुधीर गुप्ता ने मंदसौर क्षेत्र में विकास की नई योजनाओं को प्रारंभ किया। मंदसौर क्षेत्र कृषि आधारित है। उन्होंने सिंचाई योजनाओं, फसल बीमा योजनाओं और मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए प्रयास किए। नए विद्यालयों की स्थापना, बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन, और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना उनके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में सड़कें, रेलवे कनेक्टिविटी, पेयजल आपूर्ति और शहरी विकास परियोजनाओं को गति दी गई।युवकों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान किए जिनमें स्टार्टअप्स, लघु उद्योगों और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चलाई गईं। इसके अलावा युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने विशेष रूप से युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए और महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा दिया।

विचारधारा और राष्ट्र के प्रति दृष्टिकोण
सुधीर गुप्ता विचारधारा आधारित राजनीति में विश्वास रखते हैं। वे ‘अंत्योदय’ की भावना से प्रेरित होकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने में विश्वास करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया आदि के वे सशक्त समर्थक और कार्यान्वयनकर्ता हैं। वे सांसदीय समितियों के भी सदस्य रह चुके हैं, जहां उन्होंने वित्त, सामाजिक न्याय, रेल, संचार जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव और योगदान दिए।
व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक सहयोग
सुधीर गुप्ता का विवाह साधना गुप्ता से हुआ है। साधना गुप्ता न केवल एक आदर्श गृहिणी हैं बल्कि सामाजिक कार्यों में भी उनका सहयोग करती हैं। गुप्ता परिवार का जीवन सादगीपूर्ण है और वे सामाजिक व पारिवारिक मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं।

जनता से जुड़ाव और जनप्रतिनिधित्व की मिसाल
राजनीति में विश्वास, संगठन के प्रति निष्ठा और जनता से जुड़ाव इन तीन स्तंभों पर उन्होंने अपना राजनैतिक जीवन खड़ा किया है। सुधीर गुप्ता का सबसे बड़ा गुण उनका जनता से सीधा संवाद है। वे नियमित रूप से जनता दरबार आयोजित करते हैं, मोबाइल और सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं और लगातार क्षेत्र के दौरे करते हैं। वे मानते हैं कि “जनता की सेवा ही सच्चा धर्म है” और यही उनके जीवन और कार्यशैली की प्रेरणा है।
सुधीर गुप्ता एक ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जिन्होंने सेवा, विचारधारा, ईमानदारी और विकास को राजनीति का मूल बनाया है। तीन बार सांसद बनना और हर बार बड़े अंतर से जीतना उनके कार्यों, छवि और जनता के विश्वास का प्रमाण है।