Eknath Shinde (Pic: Social Media)
Politics:�महाराष्ट्र में महायुति और झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई में इंडिया गठबंधन की जीत के बाद अब मुख्यमंत्री पद को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। महाराष्ट्र में भाजपा ने अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की 288 सीटों में से अकेले 132 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं उनके गठबंधन की साथी शिवसेना शिंदे ने 57 तो एनसीपी अजीत गुट ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस तरह से देखा जाए तो महायुति गठबंध ने विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 234 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है।
…लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है�
अब इस जीत के बाद महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा सबसे अधिक 132 सीटें अकेले अपने दम पर जीत कर आई है तो अब यह भी चर्चा होने लगी है कि भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाएगी और देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है भाजपा एकनाथ शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाएगी। भाजपा यहां भले की अधिक सीटें पाई है लेकिन वह गठबंधन का धर्म निभाएगी और शिंदे को ही मुख्यमंत्री का पद सौंपेगी।
बड़े भाई की भूमिका निभाएगी भाजपा
बता दें कि जिस तरह बिहार में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में अपने सहयोगी दल जनता दल युनाइटेड से अधिक सीटें मिलने के बाद भी बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था वैसा ही रोल वह महाराष्ट्र में भी निभाएगी और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाएगी।
देगी बड़ा संदेश
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बना कर भाजपा यह भी संदेश देगी की हमारी सीटें अधिक होने के बावजूद भी हम अपने सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखने वाले हैं।
देवेंद्र फडणवीस कर सकते हैं केंद्र की राजनीति
सूत्रों की मानें तो भाजपा देवेंद्र फडणवीस को केंद्र में ला सकती है और यहां उन्हें कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंप सकती है, ताकि उनका उपयोग महाराष्ट्र के अलावा देश की राजनीति के साथ-साथ अन्य राज्यों की राजनीति में किया जा सके।
वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन का एक बार फिर मुख्यमंत्री बनना तय है। झारखंड में इंडिया गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की कुल 81 सीटों में से 56 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अकेले अपने दम पर 34 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को 16, राजद को 4 असै मसकवस को 2 सीटें मिली हैं। यहां हेमंत सोरेन की महारथी हैं और वे ही फिर से राज्य की बागडोर संभालेंगे। उनके सामने दूर-दूर तक पार्टी या विपक्ष में नहीं है तो उन्हें चुनौती दे सके।
और मजबूत बनकर उभरे हेमंत
झारखंड विधानसभा का यह चुनाव इसलिए भी महत्पूर्ण है क्योंकि यहां पहली बार कोई गठबंधन लगातार दूसरी बार जीत कर सत्ता में पहुंचा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन को दो तिहाई बहुमत मिला है। पिछली बार इस गठबंधन को जहां 48 सीटें मिली थीं तो इस बार आठ सीटें और बढ़ गईं और 56 सीटों पर गठबंधन ने जीत दर्ज की है।