Prayagraj Ka Famous Chauraha (Image Credit-Social Media)
Prayagraj Ka Famous Chauraha:�प्रयागराज में कई ऐसे चौराहे हैं जो न सिर्फ अपने अजीबो गरीब नाम के लिए जाने जाते हैं बल्कि उनके पीछे कुछ कहानी भी है जिसकी वजह से उन्हें ये नाम मिला है। आज हम आपको इन्ही चौराहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद प्रसिद्ध है। आइये जानते हैं क्या हैं इनके नाम और इनकी दास्तां।
प्रयागराज के फेमस चौराहे
प्रयागराज में कई प्रसिद्ध चौराहे हैं जैसे, पनीर चौराहा, मामा-भांजा चौराहा, घुंघरू चौराहा, फुलवरिया चौराहा, धोभी घाट चौराहा, धकधक चौराहा, बागड़ धर्मशाला चौराहा, चक चौराहा, बड़ा और छोटा चैराहा व म्योहाल चौराहा। आपको भले ही इन चौराहों के नाम अटपटे से लग रहे हों लेकिन ये काफी प्रसिद्ध हैं और यहाँ रहने वाले लोगों के लिए ये नाम आम है। आइये जानते हैं आखिर इन चौराहों के नाम ऐसे अटपटे से क्यों हैं और क्या है इनकी कहानी।
प्रयागराज का महत्त्व हर क्षेत्र में है फिर चाहे वो साहित्यिक हो, धार्मिक हो या ऐतिहासिक हो। कल का इलाहबाद भले ही आज का प्रयागराज हो गया हो लेकिन हम इसके इतिहास को कैसे भूल सकते हैं। यहीं हर साल महाकुंभ और कुंभमेला के साथ प्रतिवर्ष माघमेले का आयोजन बेहद धूम धाम से किया जाता है। यहीं गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का पावन संगम होता है जिसे देखने लाखों लोग हर दिन आते हैं। यहाँ भारत के पहले प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू के ऐतिहासिक आनंद भवन और स्वराज भवन भी हैं। वहीँ अंग्रेज़ों के काल में स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भड़काने वाले कई स्थान भी यहीं हैं। जिसमे चंद्रशेखर आजाद पार्क भी शामिल था। कई ऐतिहासिक किले और स्थान यहाँ मौजूद हैं जो यहाँ की कहानी बयां करते हैं। ऐसे में इस शहर ने काफी कुछ देखा है। वहीँ यहाँ के चौराहे उनके नामों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं।
पनीर चौराहा
इस चौराहे का नाम पनीर चौराहा इस लिए पड़ा क्योंकि इसके आस-पास कई पनीर की दुकानें मौजूद हैं। ये कर्नलगंज इलाके में स्थित है। वहीँ यहाँ आपको प्रयागराज की मशहूर लस्सी भी मिल जाएगी। यहाँ की पनीर की दुकानों के चलते ही इस चौराहे का नाम पनीर चौराहा पड़ गया।
नेता चौराहा
प्रयागराज में एक और प्रसिद्ध चौराहा है जिसका नाम है नेता चौराहा। ये अल्लापुर में स्थित है यहाँ प्रतियोगी छात्रों की संख्या काफी ज़्यादा है। वहीँ इस एरिया में काफी मात्रा में विश्वविद्यालय और अन्य डिग्री कालेज के छात्र किराये पर रहते हैं। ये इलाका विश्वविद्यालय छात्रसंघ की राजनीति का भी गढ़ माना जाता है। वहीँ यहाँ पर कई छात्र नेता चुनावों से जुड़ी रणनीति बनाते मिल जाते हैं। ऐसे में इस चौराहे का ये नाम इसलिए भी पड़ा है।
धोबीघाट चौराहा
इस चौराहे का नाम धोबीघाट चौराहा इस लिए भी पड़ गया क्योंकि इसके आस-पास कई घोबी घाट मौजूद है। ये इलाका प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना इलाके में पड़ता है। ये बेहद प्रसिद्ध चौराहा है और यहाँ आपको अक्सर ट्रैफिक जाम ही मिलेगा।
धकाधक चौराहा
इस चौराहे के आस पास कई साहित्यकार और कवियों का जमावड़ा रहा करता था। वहीँ यहाँ पर प्रसिद्ध महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला भी रहा करते थे। ये चौराहा दारागंज इलाके में स्थित है। उनसे मिलने कई राजनीतिक दलों के लोग और साहित्यकार भी आते थे। वहीँ यहाँ होली के त्योहार पर कवि सम्मलेन भी होता था। कवि सम्मलेन का नाम तब धकाधक रखा गया था तभी से यहाँ का नाम धकाधक चौराहा हो गया।