Rahul Gandhi Kundali: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए बीता साल काफी अहम रहा। साल 2024 में राहुल गांधी ने राजनीति में काफी संघर्षो के बावजूद खुद को साबित भी किया। बीते तीन लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी विपक्ष की ओर प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी रहे। हालांकि वह सफल नहीं हो सके। लेकिन अब साल 2025 की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे में सभी के मन में यह जिज्ञासा होना स्वाभाविक है कि साल 2025 में राहुल गांधी के सितारे कितने बुलंद होंगे। आइए जानते हैं ज्योतिष रामेश्वर लांजुळकर के आंकलन के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भविष्य के बारे में।
साल 2025 में राहुल गांधी का होगा कठिनाइयों से सामना
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को हुआ था। राहुल गांधी का जन्म दोपहर 2.28 बजे दिल्ली में तुला लग्न उदय होने के समय हुआ था। उनकी लग्न तथा नवांश कुंडली में गुरु वक्री विराजमान हैं। जोकि पंचम भाव में विराजमान राहु और नवम भाव में बैठे सूर्य और मंगल को दृष्टि दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कुंडली में दशमेश (जोकि राजसत्ता का कारक माना जाता है) चंद्रमा पराक्रम के तीसरे घर में विराजमान हैं। लेकिन ग्रह चंद्रमा के दोनों ओर किसी ग्रह के न होने से अशुभ ’केमद्रुम योग’ का निर्माण हो रहा है।
इसी के चलते राहुल गांधी को अथक प्रयास के बावजूद अक्सर चुनावी समर में हार का सामना करना पड़ रहा है। 2025 की शुरूआत में विंशोत्तरी दशा के चलते राहुल गांधी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि अष्टम भाव में विराजमान वर्गोत्तम बुध उन्हें संघर्षों से लड़ने की क्षमता प्रदान करेंगे। साल 2025 के अंत राहुल गांधी के लिए शुभ होगा और शनि में शुक्र की अनुकूल दशा के चलते साल के अंत में उनके हाथ बड़ी सफलता लग सकती है। शुक्र के पाप कर्तरी योग के चलते राहुल गांधी को कोर्ट केस का सामना करना पड़ेगा।
राहुल गांधी बन सकेंगे प्रधानमंत्री?
राजनीति में सत्ता योग जन्म कुंडली में दशमेश और सूर्य दशम भाव से केंद्र या त्रिकोण भावों में होने पर मिलती है। राहुल गांधी की जन्म कुंडली पर नजर डालें तो उनकी कुंडली में ऐसे कोई भाव नहीं दिखता है। वहीं ज्योतिष के मुताबिक राहुल गांधी की कुंडली में दशमेश चंद्रमा दशम भाव से छठे भाव में है। उसका दशम भाव से कोई लेना देना ही नहीं है। वहीं सूर्य दशम भाव नहीं बल्कि द्वादश भाव में है। जोकि दशम भाव से अशुभ मानी जाती है। राहुल गांधी की कुंडली में गुरु का भी दशम भाव पर प्रभाव नहीं दिखता। ऐसे में उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना कमजोर ही नजर आती है।