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    Home » Rajkumar Sangwan Wikipedia: शिक्षा ही समाज में परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम है- डॉ. राजकुमार सांगवान
    राजनीति

    Rajkumar Sangwan Wikipedia: शिक्षा ही समाज में परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम है- डॉ. राजकुमार सांगवान

    By March 5, 2025No Comments5 Mins Read
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    Rajkumar Sangwan Wikipedia (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Rajkumar Sangwan Wikipedia (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Rajkumar Sangwan Wikipedia: डॉ. राजकुमार सांगवान एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। इनका जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो समर्पण, संघर्ष और सेवा के मूल्यों से परिपूर्ण है। उनकी कहानी एक साधारण किसान परिवार से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति के महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुंचने की है। वे 2024 से बागपत से संसद के निचले सदन लोकसभा के सदस्य और राष्ट्रीय लोक दल के सदस्य हैं।

    परिवार और शिक्षा (Rajkumar Sangwan Family And Education)

    सांगवान का जन्म 5 मार्च 1960 को उपलेहरा गाँव, मेरठ, उत्तर प्रदेश में साहब सिंह और गिरिराजो देवी के यहाँ एक हिंदू जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ़ आर्ट्स और डॉक्टर ऑफ़ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की। शिक्षा के प्रति उनकी गहरी रुचि ने उन्हें शोध करने के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पीएचडी की उपाधि प्राप्त हुई।

    राजनीतिक सफर की शुरुआत (Rajkumar Sangwan Political Career)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    डॉ. सांगवान की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 1979 में हुई, जब उनकी मुलाकात पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मेरठ में हुई। इस मुलाकात ने उनके जीवन की दिशा बदल दी, और उन्होंने समाज सेवा और राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्णय लिया। 1980 में माया त्यागी कांड के विरोध में हुए आंदोलन में भाग लेते हुए वे जेल भी गए, जिससे उनकी संघर्षशीलता का परिचय मिलता है। इसके बाद भी कई बार छात्रों और किसानों के लिए प्रोटेस्ट करते हुए वह जेल जा चुके हैं।

    उन्होंने 1982 में मेरठ के जिला उपाध्यक्ष के रूप में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) से जुड़कर अपनी राजनीतिक यात्रा को आगे बढ़ाया। 1986 में वे छात्र राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने और 1990 में युवा रालोद के मेरठ जिला अध्यक्ष के पद पर नियुक्त हुए।राजकुमार सांगवान ने विवाह नहीं किया है। वर्तमान में वह रालोद के राष्ट्रीय सचिव हैं। 61 वर्षीय राजकुमार सांगवान कुछ समय पहले पहले ही मेरठ कॉलेज में इतिहास विभाग के प्रोफेसर पद से रिटायर्ड हुए हैं।

    चौधरी चरण सिंह के सिद्धांतों के प्रबल समर्थक

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    डॉ. राजकुमार सांगवान ने अपने राजनीतिक गुरु चौधरी चरण सिंह के सिद्धांतों और विचारधारा को अपने जीवन में आत्मसात किया है। चौधरी चरण सिंह, जो भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे, ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। उनकी विचारधारा मुख्यतः किसानों के अधिकारों, ग्रामीण विकास, और स्वदेशी अर्थव्यवस्था पर केंद्रित थी।

    चौधरी चरण सिंह का मानना था कि भारत की समृद्धि का मार्ग गांवों के खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है। उन्होंने6 जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए और राज्य के कल्याणकारी सिद्धांतों पर आधारित विधेयक तैयार किए। उनकी नीतियां किसानों और गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में थीं।

    डॉ. सांगवान ने चौधरी साहब की विचारधारा को न केवल समझा, बल्कि उसे अपने राजनीतिक जीवन का आधार बनाया। उन्होंने हमेशा किसानों के हक की लड़ाई लड़ी और ग्रामीण विकास के लिए समर्पित रहे। उनकी राजनीतिक गतिविधियां और संसद में उठाए गए मुद्दे इस बात का प्रमाण हैं कि वे चौधरी चरण सिंह के सिद्धांतों के प्रबल समर्थक हैं। डॉ. सांगवान का कहना है कि उनका राजनीतिक सफर जनता की सेवा से जुड़ा है और वे चौधरी चरण सिंह के अनुयायी हैं। उन्होंने चौधरी साहब के चुनावी रैलियों में झंडा लेकर उनका प्रचार किया और उनकी विचारधारा से प्रभावित होकर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।

    राष्ट्रीय लोकदल (RLD) में भूमिका

    डॉ. सांगवान ने राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के साथ अपने राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाया। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण के कारण उन्हें विभिन्न पदों पर सेवा करने का अवसर मिला। 1982 में वे मेरठ के जिला उपाध्यक्ष बने, 1986 में छात्र रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, और 1990 में युवा रालोद के मेरठ जिलाध्यक्ष नियुक्त हुए। उनकी नेतृत्व क्षमता और संगठन कौशल के कारण पार्टी ने उन्हें झारखंड और बिहार चुनाव का प्रभारी भी बनाया।

    सांसद के रूप में योगदान

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    2024 के लोकसभा चुनाव में, डॉ. राजकुमार सांगवान ने बागपत सीट से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की। उनकी जीत ने यह साबित किया कि जनता में उनकी लोकप्रियता और विश्वसनीयता कितनी मजबूत है। 2024 लोकसभा चुनाव (बागपत सीट) के विजेता रहे

    राजकुमार सांगवान (RLD) ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी – समाजवादी पार्टी और बीजेपी के उम्मीदवारों को करारी शिकस्त देने के बाद , उन्होंने कहा – “बागपत की जनता का मुझ पर भरोसा ही मेरी असली ताकत है।” सांसद के रूप में, उन्होंने किसानों, मजदूरों और ग्रामीण समुदायों के हित में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को संसद में उठाया। उनकी वक्तृत्व कला और मुद्दों की गहरी समझ ने उन्हें एक प्रभावशाली सांसद के रूप में स्थापित किया।

    चौधरी चरण सिंह के प्रति समर्पण

    डॉ. सांगवान ने अपने राजनीतिक गुरु चौधरी चरण सिंह के सिद्धांतों और विचारधारा को आत्मसात किया है। उनका मानना है कि किसानों और ग्रामीण समुदायों के उत्थान के बिना देश की प्रगति संभव नहीं है। चौधरी चरण सिंह के प्रति अपने सम्मान और समर्पण को दर्शाते हुए, उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय लिया, ताकि वे पूरी तरह से समाज सेवा और राजनीति को समर्पित रह सकें।

    समाज सेवा और शिक्षा के प्रति योगदान

    राजनीति के साथ-साथ, डॉ. सांगवान ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मेरठ कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर के रूप में, उन्होंने कई वर्षों तक छात्रों को शिक्षित किया और उन्हें समाज सेवा के लिए प्रेरित किया। उनका मानना है कि शिक्षा ही समाज में परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम है। डॉ. राजकुमार सांगवान का जीवन एक उदाहरण है कि कैसे एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति अपने समर्पण, संघर्ष और सेवा के माध्यम से समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। साथ ही सच्ची निष्ठा और मेहनत से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

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