
Maharashtra Famous Leader Sanjay Nirupam Biography
Maharashtra Famous Leader Sanjay Nirupam: वर्तमान समय में महाराष्ट्र के एक दिग्गज नेता के तौर पर लोकप्रिय संजय निरुपम ने 1986 में अपना करियर पत्रकारिता से शुरू किया। मूल रूप से बिहार के निवासी निरुपम 1990 के दशक में पत्रकारिता के रास्ते राजनीति में आए। वह मुंबई से प्रकाशित अविभाजित शिवसेना के हिंदी मुखपत्र ‘दोपहर का सामना’ के संपादक बने।1993 में वे सामना के मुख्य संपादक बने, जो उस समय शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्वामित्व में था । इसके बाद वे 1996 में शिवसेना के लिए सांसद बने। युवा अवस्था में संजय फिल्मों के स्क्रिप्ट राइटर बनना चाहते थे। उन्होंने कुछ मराठी फिल्में भी लिखी। लेकिन इस क्षेत्र में खास सफलता नहीं मिलने पर वह लगातार अखबारों, पत्र पत्रिकाओं में आर्टिकल लिखते रहे, जिसके जरिए उन्हें राजनीति में आने का रास्ता मिला।
संजय निरुपम का व्यक्तिगत जीवन
संजय निरुपम मूलरूप से बिहार से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 6 फरवरी 1965 को बिहार के रोहतास में हुआ था। रोहतास जिले के तिलौथू प्रखंड अंतर्गत बकनौरा गांव स्थित अपने पैतृक घर में संजय निरुपम ने अपने तीन भाइयों और दो बहनों के साथ पूरा बचपन बिताया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया। मैट्रिक तक की स्कूली शिक्षा भी संजय ने अपने पैतृक जिले से ही पूरी की। संजय निरुपम एक सामान्य परिवार से आते थे और इनके बड़े भाई मुंबई में कार्य करते थे। मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद संजय निरुपम आगे की पढ़ाई के लिए अपने बड़े भाई के पास चले गए। उन्होंने साल 1984 में पटना के एक कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बीए की डिग्री प्राप्त की थी।

इसी दौरान उन्होंने जनसत्ता में लिखना शुरू किया। इनकी लेखनी से बालासाहेब ठाकरे काफी प्रभावित हुए। इस तरह इन्होंने साल 1988 में उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के जनसत्ता अखबार में बतौर पत्रकार करियर शुरू किया। 5 साल तक जनसत्ता के मुंबई संस्करण में काम करने के बाद वे 1993 में शिवसेना के मुखपत्र ’दोपहर का सामना’ में चले गए जहां उन्होंने एग्जीक्यूटिव एडिटर के पद पर ज्वॉइन किया। इस बीच निरुपम ने गीता से 10 अक्टूबर 1989 को शादी की थी। उनकी एक बेटी शिवानी निरुपम हैं।
संजय निरुपम की राजनीतिक पृष्ठभूमि
संजय निरुपम 1996 में शिवसेना के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ।�संजय निरुपम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से भारतीय संसद के पूर्व सदस्य और मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष रहें हैं। शिवसेना से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले संजय निरुपम की 19 साल के बाद फिर से ‘घर वापसी’ हो गई। कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। मुंबई के पूर्व सांसद ने लगभग दो दशक पहले अविभाजित शिवसेना छोड़ी थी।
निरुपम ने पहले शिवसेना के सदस्य के रूप में और फिर कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में राज्यसभा में दो बार सांसद के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2009 से 2014 तक उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 2009 के चुनावों में मुंबई उत्तर लोकसभा सीट जीती, जिसमें बीजेपी के दिग्गज नेता राम नाइक को मामूली अंतर से हराया था। उन्होंने पिछले 19 सालों के दौरान कांग्रेस में कई पदों पर काम किया.बता दें कि संजय निरुपम कांग्रेस में शामिल होने से पहले सोनिया गांधी के आलोचक हुआ करते थे।

वह लोक लेखा समिति (पीएसी) और वित्त समिति जैसी संसदीय समितियों के सदस्य थे । उन्होंने संसद में कांग्रेस पार्टी के लिए 2013-14 के बजट बहस की शुरुआत की। वह एआईसीसी के सचिव थे और बिहार राज्य के प्रभारी सचिव भी थे । वह टीवी चैनलों पर विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के विचार व्यक्त करने के लिए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में से एक माने जाते थे। संजय निरुपम 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार गोपाल शेट्टी से हार गए थे। उन्हें 2015 में मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया । वह 2008 में बिग बॉस के प्रतियोगी भी रहें हैं। 2017 में बीएमसी चुनावों में एक और खराब प्रदर्शन के बाद, निरुपम ने मुंबई कांग्रेस पार्टी के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया।
2019 लोकसभा चुनाव में संजय निरुपम को कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से शिवसेना के उम्मीदवार गजानन कीर्तिकर से हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में गजानन को 5,70,063 वोट मिले, तो वहीं निरुपम को 3,09,735 वोट हासिल हुए।
4 अप्रैल 2024 को उन्हें पार्टी अनुशासनहीनता के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया । बाद में उसी दिन उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया ।
संजय निरुपम की राजनीतिक उपलब्धियां
- 2024; महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल
- 4 अप्रैल 2024 को उन्हें पार्टी अनुशासनहीनता के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 6 साल के लिए निलंबित
- 2017 : चुनाव में खराब नतीजों के कारण संजय निरुपम ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
- 2015 : उन्हें मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- 2014 : संजय निरुपम 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार गोपाल शेट्टी से मिली हार।
- 2009 : 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित
- 2003-04 सदस्य, शीतल पेय, फलों के रस और अन्य पेय पदार्थों में कीटनाशकों के अवशेष और सुरक्षा मानकों पर संयुक्त समिति
- 2000-01 सदस्य, वाणिज्य समिति
- 2000 राज्यसभा के लिए पुनः निर्वाचित (दूसरी बार)
- 1999-फरवरी, 2004 और अक्टूबर 2004-मार्च 2005ः नागरिक उड्डयन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य
- 1999 केंद्रीय सतर्कता आयोग विधेयक पर संयुक्त समिति के सदस्य
- 1998-99 सदस्य, परामर्शदात्री समिति, विदेश मंत्रालय; सदस्य, कार्यकारी परिषद, संवैधानिक और संसदीय अध्ययन संस्थान
- 1996-फरवरी 2004ः सदस्य, उद्योग संबंधी समिति
- 1996 राज्य सभा के लिए निर्वाचित
- 31 अगस्त 2009 सदस्य, ऊर्जा संबंधी समिति
- 26 जुलाई 2010 सदस्य, भारत-चीन संसदीय मैत्री समूह
- 23 सितम्बर 2009 सदस्य, विशेषाधिकार समिति
- 21 जनवरी 2010 सदस्य, हिंदी सलाहकार समिति, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
- 16 सितम्बर 2009 सदस्य, परामर्शदात्री समिति, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
संसद भवन परिसर में राष्ट्रीय नेताओं और सांसदों के चित्र/प्रतिमाओं की स्थापना पर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य
सदस्य, सूचना एवं प्रौद्योगिकी समिति : सदस्य, वित्त संबंधी समिति