Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • क्रिसमस पर लखनऊ के इन रेस्ट्रॉन्ट्स और होटल में मिलेगा ख़ास इंतज़ाम, इन डिशेस का लें यहाँ आनंद
    • Best Honeymoon Destinations: बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन, कम बजट में भी मिलेगा यूरोप वाला फील
    • New Year 2026: कम खर्च, डबल सेलिब्रेशन! न्यू ईयर पर सुबह-शाम का अलग रंग दिखाती हैं ये 5 जगहें
    • Hanuman Temple Lucknow: लखनऊ में स्थित बंजरगबली का ये मंदिर है बेहद ख़ास
    • मेवात दिवस: गांधी जी का वचन, भरोसे की वो तारीख, जिसने इतिहास की दिशा बदल दी
    • उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगा 7 मंज़िला बस स्टैंड, 400 बसों की एक साथ होगी पार्किंग
    • IRCTC Tour: क्रिसमस पर घूमने का शानदार मौका! IRCTC के बजट टूर पैकेज से करें सस्ती और आरामदायक यात्रा
    • Best Adventure Parks: ये हैं लखनऊ के बेस्ट पार्क, सर्दी की धुप के साथ लीजिये एडवेंचर का भी मज़ा
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Secrets of Aurangzeb: औरंगजेब के वो राज़, जो किताबों में दर्ज नहीं, इतिहास की वो कहानियां जो पत्थरों में गूंजती हैं
    Tourism

    Secrets of Aurangzeb: औरंगजेब के वो राज़, जो किताबों में दर्ज नहीं, इतिहास की वो कहानियां जो पत्थरों में गूंजती हैं

    Janta YojanaBy Janta YojanaMay 30, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Secrets of Aurangzeb News (Social Media)

    Secrets of Aurangzeb News (Social Media)

    Secrets of Aurangzeb: इतिहास केवल किताबों में दर्ज तारीखों और नामों का सिलसिला नहीं होता, बल्कि यह उन दीवारों और खंडहरों में छिपी कहानियों का ज़खीरा होता है। जिनकी चुप्पी भी अनगिनत खामोश कहानियां छिपी होती है। जब आप किसी किले की सीढ़ियों पर कदम रखते हैं, तो वहां मौजूद एक-एक पत्थर में आप इतिहास को तलाशते हो। असल में ये महज पत्थर नहीं बल्कि अतीत से जुड़ी सदियों पुरानी यादें होती हैं। इसी तरह मुग़ल शासक औरंगजेब एक ऐसा नाम है, जो भारत के इतिहास में विवादों, वीरता, कठोरता और आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ रहा है। भारत के इतिहास में औरंगजेब ने न सिर्फ़ कई युद्ध लड़े बल्कि कई किलों पर जीत हासिल की। कुछ को तुड़वाया और कुछ में अपनी गहरी छाप छोड़ी। उनके शासन से जुड़ी कई जगहें आज भी मौजूद हैं जहां कभी साजिशें रची गईं, जहां खजाने छुपाए गए और जहां खून से इबारतें लिखी गईं।

    आइए जानते हैं मुगल शासक औरंगजेब के जीवन से जुड़े तीन खास किलों – बुरहानगढ़ किला, सलीमगढ़ किला और शीश महल (शालीमार बाग) के बारे में विस्तार से- साथ ही इनसे जुड़े रहस्य, दर्दनाक किस्से और इतिहास के वो पन्ने, जो शायद आपने पहले कभी न सुने हों।

    बुरहानपुर किले में क्या सचमुच छिपा है औरंगजेब का खजाना

    मध्य प्रदेश की पहाड़ियों में छिपा एक रहस्यमयी किला है बुरहानपुर। यह केवल एक किला नहीं, बल्कि औरंगजेब की तिजोरी थी। यह वही जगह है जहां मुग़ल बादशाह ने कथित तौर पर अपने लूटे हुए खजाने को छिपाया था।

    स्थानीय लोग आज भी इस किले में सोने के सिक्कों की तलाश करते हैं। इतिहासकारों के मुताबिक, इस किले में सुरंगों और गुप्त तहखानों का जाल बिछा हुआ है। जहां खजाना छिपाया गया था। हालांकि, इसके ठोस प्रमाण आज तक नहीं मिले हैं। लेकिन लोककथाओं और अफवाहों ने इसे एक एडवेंचर स्पॉट बना दिया है।

    छावा फिल्म का ज़िक्र और क्या थी हकीकत

    मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज पर बनी फिल्म छावा में इस किले को खासतौर पर दर्शाया गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि, औरंगजेब यहां छिपे खजाने की सुरक्षा को लेकर कितना सतर्क था। जब आप इस किले में प्रवेश करते हैं, तो आपको दीवारों पर समय की मार दिखती है। लेकिन उन्हीं दरारों में कहीं न कहीं इतिहास की सच्चाइयां भी छिपी हैं। आप भी बुरहानगढ़ जाकर औरंगजेब तिजोरी की तलाश करना चाहेंगे?

    स्थानः खंडवा ज़िला, मध्य प्रदेश

    समयः सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक

    प्रवेश शुल्कः निःशुल्क

    2. सलीमगढ़ किला – एक बेटी की दर्दनाक कैद

    दिल्ली में यमुना किनारे स्थित एक कम चर्चित लेकिन गहरा इतिहास रखने वाला किला – सलीमगढ़। यह किला उस समय का गवाह है जब राजनीति और शाही साजिशों में रक्त संबंध भी बलि चढ़ जाया करते थे। कहा जाता है कि औरंगजेब ने अपनी ही बेटी जेब-उन-निसा को इसी किले में 20 वर्षों तक कैद रखा था। जेब-उन-निसा वह बेटी थी जिसे पिता की सत्ता रास नहीं आई थी। जेब-उन-निसा एक विदुषी, कवयित्री और दार्शनिक थीं। उन्हें गरीबों से बेहद प्रेम था। उन्होंने फारसी में शायरी भी की, जो आज भी अदबी दुनिया में बहुत अहमियत रखती है। लेकिन औरंगजेब को उनकी यह आज़ादी और सोच पसंद नहीं आई।

    कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जेब-उन-निसा ने शायरी के जरिए औरंगजेब की धार्मिक कट्टरता पर सवाल उठाए थे। इसी ‘गुस्ताखी’ की सजा उन्हें किले की दीवारों के पीछे ताउम्र कैद के रूप में मिली। आज भी इस सलीमगढ़ किले की वीरान दीवारों से किसी मासूम की सिसकियां इन पत्थरों में गूंजती सी महसूस की जा सकती हैं।

    स्थानः यमुना नदी किनारा, दिल्ली

    कैसे पहुंचेः लाल किला या चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन से पैदल

    समयः सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक

    3. शीश महल, शालीमार बाग- जहां औरंगजेब बना था सम्राट

    दिल्ली का एक और नायाब ऐतिहासिक स्थल है शीश महल, जो शालीमार बाग के केंद्र में स्थित है। शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि, औरंगजेब की ताजपोशी लाल किले में नहीं बल्कि इसी शीश महल में हुई थी।

    यह महल वास्तुकला की एक अद्भुत मिसाल है। दीवारों पर शीशों का ऐसा जाल बुना गया है कि, अगर एक दीया भी जलाया जाए, तो पूरा महल रोशन हो जाता है।

    स्थानः शालीमार बाग, दिल्ली

    विशेषताः औरंगजेब की ताजपोशी स्थल

    खुलने का समयः सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक

    क्यों यहीं हुई ताजपोशी

    यह सवाल अक्सर उठता है कि औरंगजेब ने लाल किले को छोड़कर शीश महल को अपनी ताजपोशी के लिए क्यों चुना। इतिहासकारों के अनुसार, यह एक रणनीतिक निर्णय था। उस समय दिल्ली में राजनीतिक अस्थिरता थी और शालीमार बाग अपेक्षाकृत शांत व सुरक्षित स्थान था। इस महल में औरंगजेब ने केवल सत्ता संभाली नहीं, बल्कि मुग़ल साम्राज्य के सबसे कठोर दौर की शुरुआत की। शीश महल आज भी अपनी राजसी हनक लेकिन खामोशी के साथ वैसे ही खड़ा है।

    औरंगजेब और भारत के किलेः सिर्फ युद्ध नहीं, राजनीति भी थी

    औरंगजेब का शासनकाल इतिहास का सबसे लंबा मुग़ल शासन रहा। लेकिन यह सबसे विवादित भी था। उन्होंने जहां एक ओर अपने पूर्वजों की तरह भव्य किलों और मस्जिदों का निर्माण कराया, वहीं कई किलों को ध्वस्त भी किया।

    उन्हें किलों की रणनीतिक अहमियत का बखूबी अंदाज़ा था। शायद इसीलिए उन्होंने न सिर्फ़ किले जीते, बल्कि उन्हें अपने धार्मिक, सैन्य और निजी मकसदों के लिए भी इस्तेमाल किया।

    कैसे पहुंचे-

    बुरहानगढ़ खंडवा, म.प्र. रहस्यमयी

    खजाना सुरंगें, इंदौर से सड़क मार्ग,

    सलीमगढ़ दिल्ली जेब-उन-निसा की कैदगाह, लाल किला मेट्रो से,

    शीश महल शालीमार बाग, दिल्ली ताजपोशी स्थल, अद्भुत कारीगरी कश्मीरी गेट मेट्रो से पहुंचा जा सकता है।

    हम अक्सर इतिहास को कुछ पन्नों तक सीमित समझ लेते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत के किले इतिहास की सांसे हैं। औरंगजेब जैसे शासकों की कहानी सिर्फ उनके शासन या युद्धों तक सीमित नहीं है। बल्कि ऐसी अनगिनत कहानियां उन किलों में कैद हैं, जिन्हें उन्होंने छुआ, बसाया या तबाह किया है। 

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleकांग्रेस बोली, हमने भी की 6 सर्जिकल स्ट्राइक, बीजेपी बोली, सफ़ेद झूठ
    Next Article Malaiyarasan D: मलैयारासन डी – एक किसान से संसद तक का सफर, कल्लाकुरिची की नई आवाज
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    क्रिसमस पर लखनऊ के इन रेस्ट्रॉन्ट्स और होटल में मिलेगा ख़ास इंतज़ाम, इन डिशेस का लें यहाँ आनंद

    December 24, 2025

    Best Honeymoon Destinations: बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन, कम बजट में भी मिलेगा यूरोप वाला फील

    December 24, 2025

    New Year 2026: कम खर्च, डबल सेलिब्रेशन! न्यू ईयर पर सुबह-शाम का अलग रंग दिखाती हैं ये 5 जगहें

    December 23, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने माहेश्वरी प्रसाद इंटर कॉलेज के वार्षिक समारोह में किया शिरकत, गरीब बच्चों की शिक्षा पहल की खुले दिल से प्रशंसा की

    November 1, 2025

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.