Sharad Pawar: केंद्रीय जाँच एजेंसियों के आकलन के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एसपी के प्रमुख शरद पवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की वीआईपी सुरक्षा शाखा की जेड प्लस सुरक्षा दी जा रही थी लेकिन उन्होंने इसे लेने से इंकार कर दिया। गृह मंत्रालय की तरफ से उन्हें कुछ दिन पहले जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 58 कमांडोज उनकी सुरक्षा में तैनात किए जाने थे। जिसकों उन्होने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुझाए गए कुछ उपायों को मानने से इंकार कर दिया। शरद पवार ने यह भी कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि उनकी सुरक्षा क्यों बढ़ाई जा रही है।
शरद पवार ने उठाये Z+ सुरक्षा पर सवाल
उनको Z+ सुरक्षा दिए जाने वाले फैसले को लेकर उन्होने संदेह खड़ा किया है। इस सुरक्षा पर तंज कसते हुए उन्होने इसे जासूसी का जरिया बताया। पवार ने कहा कि उन्हें दी गई जेड प्लस सुरक्षा उनके बारे में प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। उन्होने कुछ दिन पहले बयान में कहा कि उन्हें दी गई जेड-प्लस सुरक्षा उनके बारे में जानकारी निकालने का प्रयास हो सकता है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें Z+ सुरक्षा देने का फैसला बुधवार को किया गया था।
क्या होती है Z+ सुरक्षा
Z+ सुरक्षा उन्ही लोगों को दी जाती है जिनकी जान को बाहरी तत्वों से खतरा होता है। अगर भारत में सुरक्षा श्रेणियों की बात करूँ तो ये कुल चार प्रकार की है। इनमें जेड प्लस (36 सुरक्षाकर्मियों का घेरा), जेड (22 सुरक्षाकर्मियों का घेरा), वाई (11 सुरक्षाकर्मियों का घेरा) और एक्स (2 सुरक्षाकर्मियों का घेरा) शामिल हैं। शरद पवार को जेड प्लस सुरक्षा देने की बात की जा रही है जिसके चलते उन्हें 36 सुरक्षाकर्मियों का घेरा दिया जायेगा। शरद पावर के साथ दो और लोगों को Z+ सुरक्षा देने की बात हुई है जिनमें से एक संघ प्रमुख मोहन भगवत है और दूसरे अमित शाह है।�