भाकपा नेता सीताराम येचुरी (Pic – Social Media)
Sitaram Yechury : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता�सीताराम येचुरी की सोमवार को अचानक तबियत खराब हो गई है, उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि उनके फेफड़े में इन्फेक्शन की समस्या है, इसमें बाद उन्हें इमरजेंसी में लाया गया था, जहां से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रहा है, फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है।
बता दें कि सीताराम येचुरी तमिल ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं, वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव हैं। वर्ष 2016 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला था। वह 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे। इसके बाद वह भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बन गए। सीताराम येचुरी और प्रकाश करात ने मिलकर जेएनयू को वामपंथ का गढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जेएनयू से किया परास्नातक
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अर्थशास्त्र में परास्नातक किया। इसके बाद उन्होंने पीएचडी में प्रवेश लिया है, लेकिन आपातकाल लागू हो जाने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, जिससे उनकी पीएचडी की पढ़ाई छूट गई थी। बता दें कि कोराना वायरस के कारण सीताराम येचुरी के बड़े बेटे आशीष का निधन हो गया थ, वह महज 35 साल के थे।
कई किताबों का किया लेखन
गौरतलब है कि सीताराम येचुरी जाने माने भारतीय राजनेता हैं, इसके साथ ही वह अर्थशास्त्री, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और लेखक भी हैं। वह विभिन्न अखबारों को लगातार कॉलम लिखते आ रहे हैं, राजनीति में भी उनकी राय को अहम माना जाता है। उन्होंने कई किताबें लिखी है, इसमें ‘यह हिन्दू राष्ट्र क्या है’,� घृणा की राजनीति’, ’21वीं सदी का समाजवाद’ जैसी किताबें अहम मानी जा रही है।