
Sleep Tourism (Image Credit-Social Media)
Sleep Tourism
Sleep Tourism: क्या आपने स्लिप टूरिज्म का नाम सुना है? जी हां आजकल यह काफी ट्रेंड में है। लोग सुकून भरी जिंदगी को जीने के लिए कुछ ऐसे स्थान पर जाते हैं जहां पर वो सुकून से सो सकें। आज के समय में लोगों के जीवन में तनाव और चिंता ने घर कर लिया है। जिसकी वजह से नींद न आना एक समस्या बन गई है। ऐसे में स्लिप टूरिज्म लोगों को काफी आकर्षित कर रही है। जहां लोग छुट्टियां लेकर घूमने के बजाय पर्यटक स्थलों पर अपनी नींद पूरी कर रहे हैं। वहीं पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां भी उन्हें इसके लिए लुभावने ऑफर्स दे रही हैं। जहां पुष्कर में टेंट हाउस में इसकी शुरुआत की गई है वहीं अजमेर में अरावली पर्वतमाला और कई अन्य स्थानों पर भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है जिसकी वजह से पर्यटकों के आने से लोगों की अच्छी कमाई भी हो रही है।
क्या है स्लिप टूरिज्म
जहां पहले लोग अपनी नींद को छोड़कर घूमने के लिए दूसरे स्थान पर जाते थे। वहीं अब सैर सपाटे के साथ सोना और शांत वातावरण में आराम फरमाना लोगों को काफी भा रहा है। पर्यटक स्थलों पर लोगों को प्राकृतिक वातावरण में आराम करने का समय मिलता है। साथ ही वह इसे काफी एंजॉय भी कर रहे हैं इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियां ऐसी हैं जो लोगों को कई तरह के ऑफिस भी दे रही हैं। समुद्र, जंगल, बर्फीली वादियां, नदी, झरनों के पास टेंट या रिजॉर्ट बनाकर यहां पर खाने पीने की व्यवस्था की जाती है। साथ ही पर्यटकों के लिए यहां पर सोने की अच्छी व्यवस्था भी रहती है।
आपको बता दें कि अजमेर और पुष्कर टूरिज्म के हब है यहां हर साल 1.50 करोड़ पर्यटक आते हैं। अजमेर में जहां ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती, नारेली तीर्थ और सोनीजी की नसियां मौजूद है वहीं पुष्कर में पुष्कर सरोवर, सावित्री मंदिर, प्रजापिता ब्रह्मा मंदिर के साथ ही साथ रेतीले धोरे हैं। भारत आने वाले कई पर्यटक खास तौर पर पुष्कर आते हैं।
आपको बता दें कि इजरायल के पर्यटकों का पूजा स्थल बेथखबाद भी यहीं है। अजमेर और पुष्कर में जर्मनी, फ्रांस, रूस, इटली, इसराइल, दक्षिण कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, स्वीडन, न्यूजीलैंड सहित कई देशों से पर्यटक आते हैं।


