SSLV-D3 Launch : इसरो ने शुक्रवार को रॉकेट लॉन्च किया है। इस रॉकेट का नाम SSLV-D3 है। रॉकेट की लॉचिंग श्रीहरिकोटा के सतीश स्पेस सेंटर से हुई। आपको बता दें कि इसरो से जिस रॉकेट को लॉन्च किया है। उससे पृथ्वी पर नजर रखी जा सकेगी। पृथ्वी होने वाले बदलावों को जानने में मदद मिलेगी। हवा के बारे में जाना जा सकेगा। सैटेलाइट में तीन पेलोड लगे हैं। यह पेलोड अलग – अलग काम करते हैं।
आपको बता दें कि बाढ़ के बारे में भी बताया जा सकेगा। अगर पूरे मिशन के बारे में बात करें तो सैटेलाइट में तीन पेलोड लगे हैं। यह धरती की निगरानी करेगा। साथ ही पर्यावरण के बारे में भी सूचना देगा। यह काम तीन तरह के पेलोड करेगा। पहले पेलोड की बात करें तो EOIR ( इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इंफ्रारेड पेलोड ) है। पर्यावरण में जो बदलाव होते हैं उसकी तस्वीरें खींचता है। आपदायों से पहले ही बचा जा सकेगा। यह पेलोड आपदा के बारे में निगरानी रखेगा।
GNSS-R ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड है। इस पेलोड का काम है कि यह मिट्टी की नमी का अनुमान लगाएगा। साथ ही बाढ़ का भी पता लगाएगा। इस पेलाड का नाम SiC-UV डोसीमीटर है। यह पेलोड अल्ट्रावायलेट किरणों की निगरानी करेगा। और जानकारी भी साझा करेगा। इसरो ने कहा कि हमारी लॉन्चिंग सही है. सैटेलाइट सही जगह पर पहुंच गई है. अब हम कह सकते हैं कि SSLV रॉकेट की तीसरी डिमॉन्सट्रेशन उड़ान सफल रही है
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