Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • कल से उल्टी गिनती शुरू, समाज को दिखाऊंगी फर्जी नेता की सच्चाई! चंद्रशेखर को लेकर गर्लफ्रेंड रोहिणी का दावा
    • सोशल मीडिया पर वायरल हुआ IRCTC का lucknow to Andaman Tour- लग्ज़री ट्रिप पॉकेट-फ्रेंडली दाम में!
    • जहां मां बगुलामुखी के आशीर्वाद से मिली थी युद्ध में जीत, उसी शक्तिपीठ पर झुकता है नेताओं का सिर
    • Bihar Assembly Election: महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी, आज होगा बिहार के सीएम फेस का ऐलान!
    • सस्पेंस खत्म! तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री उम्मीदवार…? महागठबंधन का आज होगा बड़ा दांव
    • बिहार की लाल रंग की खुनिया नदी और तुतला भवानी जलप्रपात-रोहतास का रहस्यमयी पर्यटन स्थल
    • Upendra Kushwaha Profile: अग्नि परीक्षा के दौर में उपेंद्र कुशवाहा
    • गुजरात की राजनीति में बड़ा ‘छक्का’! जडेजा की पत्नी रिवाबा मंत्रिमंडल में शामिल
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Tirumala Hills Andhra Pradesh: तिरुमाला पहाड़ियों की यात्रा गाइड: आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता
    Tourism

    Tirumala Hills Andhra Pradesh: तिरुमाला पहाड़ियों की यात्रा गाइड: आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता

    Janta YojanaBy Janta YojanaSeptember 17, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Tirumala Hills Andhra Pradesh

    Tirumala Hills Andhra Pradesh

    Tirumala Hills Andhra Pradesh: भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर राज्य की अपनी खास पहचान और परंपराएँ हैं। दक्षिण भारत का आंध्र प्रदेश भी अपनी धार्मिक और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। और इन्ही में से एक है आंध्र प्रदेश की तिरुमाला पहाड़ियाँ । तिरुमाला केवल आंध्र प्रदेश की पहचान ही नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास, कला और प्रकृति का सुंदर मेल भी हैं। इन पहाड़ियों पर बना भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर दुनिया के सबसे धनी और सबसे ज्यादा दर्शन किए जाने वाले मंदिरों में से एक है।हाल ही में यूनेस्को द्वारा जारी विश्व धरोहर की संभावित सूची (टेंटेटिव लिस्ट) जारी की गई है जिनमे भारत के 7 जगहें शामिल है और इन्ही 7 स्थानों में से एक है तिरुमाला पहाड़ियाँ। जिस कारण इसका महत्त्व और बढ़ गया है ।

    तिरुमाला पहाड़ियों का भौगोलिक स्वरूप

    तिरुमाला पहाड़ियाँ आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित हैं और ये पूर्वी घाट की शेषाचलम पर्वतमाला का हिस्सा हैं। इनकी ऊँचाई समुद्र तल से लगभग 853 मीटर है। तिरुमाला की सात प्रमुख चोटियाँ हैं – शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरुडाद्रि, अंजनाद्रि, वृशभाद्रि, नारायणाद्रि और वेंकटाद्रि। धार्मिक मान्यता के अनुसार ये सातों चोटियाँ भगवान विष्णु के वाहन शेष नाग के सात फनों का प्रतीक मानी जाती हैं। यही कारण है कि तिरुमाला पहाड़ियाँ आस्था और श्रद्धा से जुड़ी हुई मानी जाती हैं।

    तिरुमाला और भगवान वेंकटेश्वर

    तिरुमाला पहाड़ियों की सबसे बड़ी पहचान है यहाँ स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर। इसे तिरुपति बालाजी मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर वेंकटाद्रि पर्वत की चोटी पर स्थित है और इसे विश्व का सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थान माना जाता है। वेंकटाद्रि पर्वत की चोटी पर बना भगवान वेंकटेश्वर मंदिर हिंदू धर्म का बहुत पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। भगवान वेंकटेश्वर को विष्णु जी का अवतार माना जाता है, जिन्होंने कलियुग में इस रूप में अवतार लिया था। इसलिए इस मंदिर को ‘कलियुग का वैकुंठ’ भी कहा जाता है। मंदिर की बनावट द्रविड़ शैली की है, जिसमें ऊँचे गोपुरम (प्रवेश द्वार) और स्वर्ण कलश खास आकर्षण हैं। गर्भगृह में भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति विराजमान है, जो लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर का विकास चोल, पांड्य, विजयनगर और मराठा शासकों के समय हुआ था और आज यह तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित है। हर दिन यहाँ करीब 50,000 से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और यह मंदिर दुनिया के सबसे अमीर धार्मिक स्थलों में गिना जाता है।

    तिरुमाला और भगवान वेंकटेश्वर

    तिरुपति बालाजी मंदिर धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ हर साल भक्त करोड़ों रुपये का दान करते हैं। साल 2024 में मंदिर को लगभग 1365 करोड़ रुपये हुंडी दान और 2.55 करोड़ रुपये प्रसाद के रूप में मिले थे। भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर भगवान को बाल अर्पित करते हैं इसलिए यह मंदिर ‘केशदान’ के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर का खास प्रसाद ‘तिरुपति लड्डू’ है, जिसे विशेष विधि से बनाया जाता है और यह अब मंदिर की पहचान बन चुका है।

    तिरुमाला का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व

    तिरुमाला पहाड़ियों का वर्णन कई प्राचीन शास्त्रों और पुराणों में मिलता है जैसे वामन पुराण, वराह पुराण और पद्म पुराण। इन्हें बहुत पवित्र स्थान माना गया है। एक कथा के अनुसार जब माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का विवाह हुआ था तब देवता तिरुमाला पहाड़ियों पर आकर इस विवाह के साक्षी बने थे। इसलिए यह स्थान और भी पवित्र माना जाता है। तिरुपति मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी बड़ा है। चोल, पल्लव, विजयनगर और अन्य कई दक्षिण भारतीय राजाओं ने इस मंदिर का संरक्षण और विस्तार किया। खासकर विजयनगर के राजा कृष्णदेवराय ने मंदिर को भव्य रूप दिया और उसकी समृद्धि बढ़ाई।

    तिरुमाला का प्राकृतिक सौंदर्य

    तिरुमाला पहाड़ियाँ प्राकृतिक सुंदरता से भी भरपूर हैं। यहाँ घने जंगल, स्वच्छ हवा और कई दुर्लभ वन्य जीव पाए जाते हैं। आकाशगंगा झरना यहाँ का एक पवित्र स्थान है जहाँ स्नान करने से पाप मिटने की मान्यता है। इसी तरह पापनाशनम झरना भी पवित्र माना जाता है और इसे पापों से मुक्ति का स्थान कहा जाता है। यहाँ की खास जगह शिलाथोरनम है, जो एक प्राकृतिक चट्टान की मेहराब जैसी संरचना है और इसे राष्ट्रीय भू-विरासत स्मारक घोषित किया गया है। तिरुमाला की हरियाली और शांति यात्रियों को आध्यात्मिक और प्राकृतिक दोनों तरह का सुख देती है।

    तिरुमाला की संस्कृति और त्योहार

    तिरुमाला का सबसे बड़ा त्योहार ब्रह्मोत्सवम है, जो हर साल सितंबर-अक्टूबर में नौ दिनों तक मनाया जाता है। यह पर्व भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है और इसमें लाखों भक्त शामिल होते हैं। इस समय मंदिर में खास पूजा, शोभायात्राएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। भगवान की शोभायात्रा अलग-अलग वाहनों पर निकाली जाती है, जो बहुत आकर्षक होती है। इसके अलावा वैकुंठ एकादशी, रथोत्सव और अन्य पर्व भी यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं जिससे मंदिर का माहौल और भी भक्ति से भर जाता है।

    तिरुमाला की यात्रा और दर्शन

    तिरुपति शहर तिरुमाला पहाड़ियों का मुख्य प्रवेश द्वार है। यहाँ तक रेल और हवाई मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। तिरुपति से तिरुमाला की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है जिसे सड़क से 30 – 40 मिनट में तय किया जा सकता है। तिरुमाला पहुँचने के दो मुख्य रास्ते हैं – सड़क मार्ग और पदयात्रा मार्ग। सड़क मार्ग से बस, टैक्सी या निजी वाहन द्वारा जाया जा सकता है। वहीं पदयात्रा का खास धार्मिक महत्व है जहाँ अलीपिरी और श्रीवारी मेट्टू से हजारों श्रद्धालु नंगे पाँव चलकर भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करते हैं। यह परंपरा आस्था और भक्ति का प्रतीक है।

    पर्यटन और आधुनिक सुविधाएँ

    तिरुमाला में श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और सुविधा की पूरी व्यवस्था तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा की जाती है। यहाँ धर्मशालाएँ, गेस्ट हाउस और होटल उपलब्ध हैं। तीर्थयात्रियों के लिए भोजन और परिवहन की भी खास देखभाल की जाती है। तिरुमाला के आसपास कई दर्शनीय और धार्मिक स्थल हैं जैसे श्री पद्मावती देवी मंदिर, कपिला तीर्थम, चंद्रगिरी किला और श्रीकालहस्ती मंदिर।

    यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

    हाल ही में यूनेस्को ने विश्व धरोहर की संभावित सूची (टेंटेटिव लिस्ट) जारी की है, जिसमें भारत के सात स्थल शामिल किए गए हैं। इनमें आंध्र प्रदेश की तिरुमाला पहाड़ियाँ, महाराष्ट्र के पंचगनी और महाबलेश्वर के डेक्कन ट्रैप्स प्रमुख हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, मेघालय, नागालैंड, केरल और कर्नाटक के अन्य स्थल भी सूची में हैं। ये सभी स्थल भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। भारत की कुल विश्व धरोहर स्थलों की संख्या (सभी श्रेणियों में) लगभग 43 है, जबकि टेंटेटिव लिस्ट में लगभग 62 स्थल हैं।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleDeccan Traps Mahabaleshwar: 6.6 करोड़ साल पुराना महाबलेश्वर का ज्वालामुखीय अजूबा
    Next Article Kamakhya Temple Mela: जानिए कामाख्या मंदिर के अम्बुबाची पर्व की अनकही कहानी का रहस्य
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    सोशल मीडिया पर वायरल हुआ IRCTC का lucknow to Andaman Tour- लग्ज़री ट्रिप पॉकेट-फ्रेंडली दाम में!

    October 23, 2025

    जहां मां बगुलामुखी के आशीर्वाद से मिली थी युद्ध में जीत, उसी शक्तिपीठ पर झुकता है नेताओं का सिर

    October 23, 2025

    बिहार की लाल रंग की खुनिया नदी और तुतला भवानी जलप्रपात-रोहतास का रहस्यमयी पर्यटन स्थल

    October 21, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.