
Top Water Villas in India (Image Credit-Social Media)
Top Water Villas in India (Image Credit-Social Media)
Top Water Villas in India: अगर आपकी ट्रैवल बकेट लिस्ट में मालदीव की लग्ज़री वाटर विला वाली छुट्टी शामिल है, लेकिन वीज़ा या बजट आड़े आ रहा है, तो घबराइए नहीं। अब वही अनुभव आपको भारत में ही मिल सकता है। भारत में अब ऐसे जलविहार स्थल विकसित हो रहे हैं जहां फ़िरोज़ा पानी, लक्ज़री फ्लोटिंग विला, और शांत लैगून आपको विदेशी तटों की याद दिला देंगे। लक्षद्वीप से लेकर अंडमान तक, यहां के ये वाटर विला न सिर्फ आपकी छुट्टियों को खास बना देंगे, बल्कि सतत और सांस्कृतिक पर्यटन का भी हिस्सा बनेंगे। आइए जानते हैं भारत के उन बेहतरीन वाटर विला डेस्टिनेशनों के बारे में, जो आपको मालदीव जैसा रॉयल फील देंगे वो भी बिना पासपोर्ट के।
कदमत द्वीप- फ़िरोज़ा लैगून पर बसी शांति की झलक

लक्षद्वीप के कदमत द्वीप पर विकसित हो रहे वाटर विला असल में मालदीव के प्रतिस्थापन की तरह हैं। जहां फ़िरोज़ा रंग का लैगून, कांच के फर्श से सजा फिश-व्यूइंग अनुभव और योग मंच जैसी सुविधाएं लक्ज़री के नए पैमाने तय कर रही हैं। यहां की खासियत है इसका इको-फ्रेंडली डिज़ाइन और पारंपरिक वास्तुकला का खूबसूरत मेल, जो इस स्थान को एक प्रामाणिक और शांतिपूर्ण वेकेशन हब में बदलता है।
मिनिकॉय द्वीप- भारत का मिनी मालदीव

मिनिकॉय द्वीप का सफेद रेत वाला तट, नीला शांत समुद्र और वहां बनाए जा रहे हाई-एंड वाटर विला इसे मालदीव का सच्चा हमशक्ल बनाते हैं। ₹1,500 करोड़ की ग्रीन टूरिज़्म परियोजना के तहत बन रहे ये विला प्लंज पूल, सूर्यास्त देखने के लिए डेक, सोलर पैनल्स और स्थानीय सामग्री से तैयार किए गए डिज़ाइन के साथ लक्ज़री और सस्टेनेबिलिटी का परफेक्ट संतुलन पेश करते हैं। स्नॉर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग और निजी झूले जैसे अनुभव इसे रोमांटिक और साहसिक यात्रियों के लिए आदर्श बनाते हैं।
नीरमहल, त्रिपुरा – झील के मध्य एक तैरता हुआ महल

रुद्रसागर झील पर स्थित नीरमहल, त्रिपुरा का शाही प्रतीक है जो किसी भी आधुनिक वाटर विला से कम नहीं। यह महल न केवल अपने स्थापत्य की भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि झील के मध्य स्थित होने के कारण यह ‘फ्लोटिंग पैलेस’ जैसा अनुभव भी देता है। 1930 के दशक में राजा बिरेन्द्र किशोर माणिक्य द्वारा निर्मित इस महल में हिंदू और मुगल वास्तुकला का संगम दिखाई देता है। जो इतिहास और प्रकृति प्रेमियों दोनों को आकर्षित करता है।
सुहेली पार – अनदेखा स्वर्ग, जो बनने जा रहा है भारत का अल्ट्रा-लक्ज़री रिसॉर्ट

लक्षद्वीप का यह अनछुआ एटोल आने वाले वर्षों में एक प्रीमियम फ्लोटिंग रिसॉर्ट में तब्दील होने जा रहा है। जहां पर्यटन को पर्यावरण के साथ संतुलन में रखा जाएगा। प्रस्तावित विला पूरी तरह फ्लोटिंग होंगे और इसमें सीप्लेन से पहुंच, सी-स्पा रिट्रीट्स, और ओपन वॉटर व्यू जैसी सुविधाएं होंगी। इस रिसॉर्ट का डिज़ाइन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि इसे एक विशिष्ट, प्राइवेट और शांत वेकेशन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगा।
एवेस द्वीप, अंडमान – जंगल, समुद्र और लक्ज़री मिलते हैं एक साथ

अंडमान निकोबार द्वीप समूह में स्थित एवेस द्वीप एक हरे-भरे वर्षावन से घिरा द्वीप है। जो अब एक इको-लक्ज़री रिज़ॉर्ट के रूप में आकार ले रहा है। यहां के वाटर विला से समुद्र का विहंगम दृश्य, जंगल के किनारे बनी आरामदायक कुटियां और कैनोइंग, स्नॉर्कलिंग जैसी एक्टिविटी पर्यटकों को ट्रॉपिकल एडवेंचर के साथ सुकून भी देती हैं। इस परियोजना में स्थानीय आदिवासी संस्कृति और पारंपरिक स्थापत्य को शामिल किया गया है। जिससे यह स्थान एक ऑथेंटिक और स्थायी पर्यटन मॉडल बनता है।
अब विदेशी विकल्प की ज़रूरत को पूरा कर रहा भारत में वाटर विला पर्यटन
भारत में वॉटर विला केवल एक लक्ज़री अनुभव नहीं हैं, बल्कि ये देश के भीतर स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने, हरित ऊर्जा को अपनाने और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। नीति आयोग के द्वीप विकास मॉडल, ‘स्वदेश दर्शन योजना’ और लक्षद्वीप-अंडमान क्षेत्रों में केंद्र सरकार की विशेष रुचि ने इसे तेज़ी से उभरता हुआ बाजार बना दिया है।
भारत के ये वॉटर विला अब ट्रैवलर्स को ये सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि जब हमारे पास देश में ही मालदीव जैसी खूबसूरती और आराम मौजूद है, तो दूर क्यों जाना? नज़दीक, किफायती, पर्यावरण-अनुकूल और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत के ये डेस्टिनेशन आधुनिक यात्री की हर अपेक्षा को पूरा करते हैं। तो अगली बार जब आप अपने वेकेशन की प्लानिंग करें, तो पास के इस स्वर्ग का अनुभव लेना न भूलें क्योंकि अब मालदीव जैसा सुकून भारत में भी मौजूद है।