Sandhya Yadav (Pic:Social Media)
UP By Election 2024:�यूपी में नौ सीटों पर विधानसभा का उप चुनाव हो रहा है। कहीं पर भाई और भतीजा तो कहीं पर फूफा-भतीजा आमने सामने हैं। मैनपुरी की करहल सीट पर भी ऐसा ही मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां पर सैफई परिवार के तेज प्रताप यादव और यादव परिवार के रिश्तेदार अनुजेश यादव के बीच मुकाबला हो रहा है। वहीं इस बीच एक नाम काफी चर्चा है वह है करहल से बीजेपी उम्मीदवार अनुजेश यादव की पत्नी संध्या यादव का। लोग यह जानना चाहते हैं कि संध्या यादव कौन हैं? जिनके पति को बीजेपी ने करहल विधानसभा उप चुनाव में उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि संध्या यादव आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बहन हैं। इस तरह से देखा जाए तो अनुजेश यादव धर्मेंद्र और अखिलेश यादव के बहनोई हैं।
राजनीति में एक अलग पहचान है
राजनीति में संध्या यादव की एक अलग पहचान भी है। वह सैफई के यादव परिवार की पहली बेटी हैं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा था। संध्या यादव 2015 से 2020 तक मैनपुरी से जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उनके पति अनुजेश फिरोजाबाद में जिला पंचायत सदस्य रह चूके हैं। संध्या की सास और अनुजेश की मां उर्मिला देवी मैनपुरी के घिरोर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक रह चूकी हैं। संध्या यादव इस समय बीजेपी में हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले बदल लिया था पाला
संध्या यादव और उनके पति अनुजेश यादव ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस तरह से देखा जाए तो बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले की सपा को बड़ा झटका दे दिया था। अब बीजेपी ने संध्या यादव के पति अनुजेश यादव को करहल सीट से प्रत्याशी बना कर यादव परिवार के खिलाफ बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। करहल को भले ही सैफई परिवार का गढ़ माना जाता है लेकिन अनुजेश यादव के यहां से चुनाव लड़ने से यहां का समीकरण बदल सकता है। यहां अगर बीजेपी यादव वोटों में सेंध लगाने में कामयाब रही तो यहां का परिणाम चौंकाने वाला भी हो सकता है।
क्या है करहल विधानसभा सीट का समीकरण?
मैनपुर जिले की करहल विधानसभा सीट यादव बहुल सीट है। यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 3,75,000 है। यहां पर अगर जातीय समीकरण की बात की जाए तो करहल विधानसभा में 1,30,000 यादव वोटर हैं। वहीं अनुमान के मुताबिक इस सीट पर अनुसूचित जाति के 60,000 मतदाता हैं। इसके साथ ही 50,000 शाक्य, 30,000 ठाकुर, 30,000 पाल-बघेल, 25,000 मुस्लिम, 20,000 लोधी, 20,000 ब्राह्मण और 15,000 बनिया समाज के मतदाता हैं। इस सीट पर समाजवादी पाटर्भ् लगातार कई चुनाव जीतती आ रही है। लेकिन इस बार यहां पर मुकाबला कड़ा देखने को मिल सकता है और परिणाम भी चौंकाने वाला हो सकता है।