UP News :�समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से शुक्रवार को मंगेश यादव के परिजनों ने सपा राज्य मुख्यालय में भेंट कर अपनी व्यथा बताई। मंगेश के पिता, मां और बहन ने अखिलेश यादव को पुलिस द्वारा उत्पीड़न किए जाने की भी जानकारी दी। इस पर अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। बता दें कि सुलतानपुर लूटकांड के आरोपी मंगेश यादव को पुलिस ने एनकाउण्टर में मार गिराया था।
जौनपुर के गांव अगरौरा थाना बक्सा से आए मंगेश यादव के पिता राकेश यादव, मां शीला देवी और बहन प्रिंसी यादव ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। सुल्तानपुर के सर्राफ की दुकान पर 28 अगस्त, 2024 को लूट हुई थी। 2 सितम्बर, 2024 की रात्रि दो बजे पुलिस मंगेश को घर से उठाकर ले गई। 3-4 सितम्बर, 2024 को दिन में पुलिस घर आई और कहा कि पूछताछ हो रही है। तुम्हारा लड़का छोड़ दिया जाएगा। 5 सितम्बर, 2024 को उसकी पुलिस अभिरक्षा में फर्जी एनकाउण्टर में हत्या कर दी गई। पुलिस वालों ने कहा कि जाओ सुल्तानपुर के पोस्टमार्टम हाउस में लाश ले आओ। पीड़ित परिवारीजनों ने बताया कि पुलिस ने जबर्दस्ती दबाव डालकर वीडियो बनाया है, जिसमें झूठ के सिवा कुछ नहीं है। जो वीडियो पुलिस प्रसारित कर रही है, उसमें दबाव में उनसे मनमाफिक बयान दिलवाया गया है। पूरा गांव सच्चाई बता रहा है। मंगेश को जबरदस्ती अपराधी बताकर पुलिस एनकाउण्टर कर वाहवाही लूट रही है।
पीड़ित परिजनों को निष्पक्ष जांच का दिया आश्वासन
अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवारीजनों को भरोसा दिया कि उनके बेटे की पुलिस द्वारा हत्या किए जाने की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस का नया तरीका है, किसी को भी उठाओ, झूठी कहानी बनाओ और परिवार पर दबाव डालकर सच का ही एनकाउण्टर कर दो। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में एनकाउण्टर आंकड़ा, गैरकानूनी हत्याओं की नाइंसाफी का भी आंकड़ा और साथ ही पीडीए के विरूद्ध अन्याय का आंकड़ा है। पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों पर रोज ही अत्याचार हो रहे हैं। अन्याय और अत्याचार के खिलाफ समाजवादी पार्टी सदैव आवाज उठाती रही है।
वहीं, अखिलेश यादव ने सुलतानपुर लूटकांड के आरोपी मंगेश यादव के परिजनों के साथ एक तस्वीर को अपने सोशल मीडिया एक्स पर साझा किया और उन्होंने लिखा, तथाकथित एनकाउंटर में जिस युवा मंगेश यादव का जीवन चला गया, उसके शोक-संतप्त परिवार का कहना है कि पुलिस मंगेश को 2 सितंबर को ले गयी थी और 5 सितंबर को उसका एनकाउंटर दिखाया गया। इस प्रकरण की गहन जांच और सख़्त कार्रवाई ही क़ानून-व्यवस्था में जनता के खोये हुए विश्वास को वापस ला सकती है। भाजपा ने शासन-प्रशासन का नैतिक आधार खो दिया है।