CM पिनाराई विजयन का प्रियंका पर तीखा हमला (photo: social media )
Wayanad Bypoll: केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होने वाली है। इस सीट पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि कांग्रेस ने यहां प्रियंका गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वायनाड में वोटिंग से पहले जमात-ए-इस्लामी के समर्थन के मुद्दे पर कांग्रेस गिरती हुई नजर आ रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस मुद्दे पर कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और यूडीएफ की उम्मीदवार प्रियंका गांधी जमात के समर्थन से चुनाव लड़ रही हैं जबकि हम सभी को जमात की विचारधारा की पूरी जानकारी है। उन्होंने कांग्रेस से जमात के समर्थन पर जवाब मांगा है। इसका जवाब देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनाव विकास के मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए और मुद्दों से लोगों का ध्यान नहीं भटकाना चाहिए।
कांग्रेस के लिए वायनाड उपचुनाव काफी अहम
वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में जमात का मुद्दा गरमा गया है। इस मुद्दे को लेकर वाम मोर्चा की ओर से कांग्रेस को घेरने की पूरी कोशिश की जा रही है। हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने रायबरेली सीट बरकरार रखने का फैसला किया था और वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसीलिए इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है।
कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि पार्टी की ओर से प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी अखाड़े में उतरी हैं। भाजपा ने इस सीट पर महिला मोर्चा की राज्य महासचिव नव्या हरिदास पर दांव लगाया है। वाम मोर्चा की ओर से भाकपा के सत्यन मोकेरी को चुनावी अखाड़े में उतर गया है। भाकपा केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) का हिस्सा है।
जमात के समर्थन पर विजयन ने घेरा
केरल के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ माकपा नेता पिनाराई विजयन लगातार मोकरी का चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं। इस दौरान वे प्रियंका गांधी पर तीखा हमला बोल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से वायनाड सीट पर उपचुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि एक पार्टी के रूप में इस संगठन की ओर से प्रियंका गांधी की पूरी मदद की जा रही है।
केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायनाड उपचुनाव में कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह उजागर कर दिया है।
कांग्रेस से मांगा सवालों का जवाब
उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि जमात का समर्थन हासिल करके वह क्या साबित करना चाहती है? कांग्रेस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उस संगठन की विचारधारा लोकतांत्रिक मूल्यों से मेल खाती है? उन्होंने कहा कि जमात की विचारधारा के बारे में हर किसी को पूरी जानकारी है। ऐसे में कांग्रेस को इस सवाल का जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जमात की ओर से लंबे समय से सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। यह संगठन लोकतंत्र को नहीं मानता है और देश की शासन व्यवस्था की उपेक्षा करता रहा है। ऐसे संगठन की मदद लेकर कांग्रेस वायनाड में उपचुनाव लड़ रही है।
प्रियंका गांधी ने किया पलटवार
केरल के मुख्यमंत्री की ओर से लगाए गए आरोपों पर प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जनता का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान वास्तविक मुद्दों और विकास की चर्चा की जानी चाहिए। मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कभी कामयाब नहीं हो पाएगी। उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आपने वायनाड के विकास के लिए क्या काम किए हैं?
प्रियंका ने कहा कि चुनाव के दौरान लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों की चर्चा की जानी चाहिए। विकास, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से हमें लोगों का ध्यान नहीं भटकाना चाहिए। प्रियंका गांधी ने भाजपा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा का लोगों से संपर्क पूरी तरह कट चुका है।
जमात के समर्थन का प्रियंका ने नहीं दिया जवाब
वायनाड सीट पर हो रहे हो चुनाव के दौरान जमात-ए-इस्लामी का मुद्दा इसलिए गरमा गया है क्योंकि इस संगठन की ओर से इस्लामी कानून और शरियत की वकालत की जाती रही है। जमात की ओर से सिर्फ मुस्लिम हितों की पैरवी की जाती रही है। संगठन की ओर से समाज में धार्मिक विभाजन और कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जाता रहा है।
इसके साथ ही इस संगठन पर विदेश से वित्तीय मदद लेने का आरोप भी लगता रहा है। केरल के मुख्यमंत्री की ओर से जमात के समर्थन के सवाल पर प्रियंका गांधी ने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के दौरान भी यह मुद्दा उठा था मगर उस समय भी कांग्रेस की ओर से कोई सीधा जवाब नहीं दिया गया था।