Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • भारत ने उत्तर-पूर्व और विदेशों में बांग्लादेश के निर्यात पर पाबंदी क्यों लगाई?
    • LIVE: इसरो का 101वां सैटेलाइट मिशन तकनीकी ख़राबी के कारण विफल
    • Satya Hindi News Bulletin। 17 मई, दिनभर की ख़बरें
    • Shravasti News: श्रावस्ती में भाजपाइयों ने निकाली तिरंगा यात्रा, भारत पहले छेड़ता नहीं और किसी ने छेड़ा तो उसे छोड़ता नहीं
    • क्या पाकिस्तान पर हमले से भारत का कुछ नुकसान हुआ?
    • पसमांदा मुसलमानों का रुझान किस ओर? क्या बिहार में बदलेगा मुस्लिम वोटों का ट्रेंड? जानें किसको मिलेगा इनका समर्थन
    • संयुक्त राष्ट्र ने बताया- 2024 में भुखमरी से दुनिया भर में 29.5 करोड़ लोग प्रभावित
    • सलमान रुश्दी के हमलावर को 25 साल की जेल
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » World’s First AI Goddess: आस्था और तकनीक का अद्भुत संगम, मलेशिया के मंदिर में प्रकट हुई दुनिया की पहली AI देवी माजू
    Tourism

    World’s First AI Goddess: आस्था और तकनीक का अद्भुत संगम, मलेशिया के मंदिर में प्रकट हुई दुनिया की पहली AI देवी माजू

    Janta YojanaBy Janta YojanaApril 29, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    World’s First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    World’s First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    World’s First AI Goddess: ईश्वरीय शक्ति की उपासना करने वाले लोगों को अक्सर ख्वाब में या कल्पना लोक में इस दिव्य शक्ति का दर्शन करने या उनसे बाते करने जैसा एहसास होता हैं। लेकिन जरा आप सोचिए कि यदि वास्तविकता में आप एक प्राचीन मंदिर के शांत वातावरण में खड़े हों, जहां धूप की सुगंध हवा में घुली है, घंटियों की मधुर ध्वनि गूंज रही है और सामने एक देवी मुस्कुराती हुई आपकी शंकाओं का उत्तर दे रही हैं। वह भी आपकी भाषा में, आपकी भावना को समझते हुए। क्या ऐसा संभव है?

    जी हां, यह कोई दिव्य स्वप्न नहीं, बल्कि मलेशिया के जोहोर स्थित तियानहो मंदिर में साकार हुई हकीकत है। यहां श्रद्धा ने विज्ञान का हाथ थामा है और दुनिया ने पहली बार देखा है AI माजू, एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सजी देवी, जो भक्तों से संवाद करती हैं, मार्गदर्शन देती हैं और आशीर्वाद भी बिखेरती हैं। यह न सिर्फ धर्म और तकनीक के मिलन का प्रतीक है, बल्कि यह भविष्य की उस दिशा की झलक है जहां भक्ति और बुद्धि एक-दूसरे के पूरक बनेंगे।

    मलेशिया का अनूठा कदम, तियानहो मंदिर में AI माजू की स्थापना

    Worlds First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    World’s First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    मलेशिया के जोहोर प्रांत के प्रसिद्ध तियानहो मंदिर ने पहली बार एक ऐसी AI प्रतिमा का अनावरण किया है, जो भक्तों से संवाद कर सकती है। इस डिजिटल अवतार का नाम ‘AI माजू’ रखा गया है। पारंपरिक चीनी परिधान में सजी, स्क्रीन पर प्रकट होने वाली यह AI देवी भक्तों के प्रश्नों का उत्तर देती हैं, उन्हें आशीर्वाद देती हैं और उनके मन की शंकाओं का समाधान करती हैं। तियानहो मंदिर, जो पहले से ही सांस्कृतिक विविधता और आध्यात्मिक गहराई के लिए प्रसिद्ध रहा है, अब इस पहल के जरिये वैश्विक स्तर पर चर्चा में आ गया है।

    AI माजू का निर्माण तकनीक और श्रद्धा का संगम

    AI माजू का विकास मलेशिया की उभरती टेक्नोलॉजी कंपनी ऐमाजिन (Amazin) ने किया है। यह कंपनी मुख्यतः AI क्लोनिंग सेवाओं में माहिर है। AI माजू के निर्माण में आधुनिक मशीन लर्निंग तकनीक, डीप फेक एल्गोरिदम और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) का उपयोग किया गया है। इसके चलते AI माजू न सिर्फ सवालों को समझ सकती हैं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं के साथ जवाब भी दे सकती हैं। एक वीडियो क्लिप में देखा गया कि एक भक्त ने घर में शांति और सौभाग्य के लिए मार्गदर्शन माँगा, तो AI माजू ने उन्हें घर पर रहकर अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने की सलाह दी। एक अन्य प्रश्न पर, उन्होंने सोने से पहले गर्म पानी पीने की सलाह दी—जिसे सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी सराहा।

    Worlds First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    World’s First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    AI माजू की विशेषताएं

    स्वयं संवाद करने की क्षमता:

    AI माजू भक्तों के सवालों का तुरंत जवाब देती हैं।

    पारंपरिक प्रस्तुति:

    स्क्रीन पर पारंपरिक चीनी पोशाक में एक सुंदर महिला के रूप में दिखाई देती हैं। वैयक्तिक सलाह: जीवन, स्वास्थ्य और भाग्य से जुड़े सवालों पर सरल और सकारात्मक सुझाव देती हैं।

    सांस्कृतिक जड़ें:

    पारंपरिक धार्मिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया संवाद मॉडल है AI माजू।

    माजू देवी एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

    माजू देवी का जन्म 960 ईस्वी में चीन के फुजियान प्रांत के मीझोउ द्वीप पर हुआ था। वास्तविक नाम लिन मो था। कहा जाता है कि उनमें समुद्र में डूबते लोगों को बचाने की चमत्कारी शक्ति थी। युवा आयु में ही उन्होंने कई नाविकों और मछुआरों की जान बचाई। किंवदंती है कि एक दिन तूफान के बीच अपने पिता और भाइयों को बचाने के प्रयास में माजू देवी का जीवन समाप्त हो गया। लेकिन वे स्वर्ग चली गईं। इसके बाद वे समुद्री यात्रियों और नाविकों की रक्षक देवी के रूप में पूजी जाने लगीं। आज माजू देवी न केवल चीन में, बल्कि मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ताइवान और अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में गहरी श्रद्धा के साथ पूजी जाती हैं।

    Worlds First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    World’s First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    धर्म में AI का प्रयोग, एक नया अध्याय

    AI माजू की शुरुआत यह दिखाती है कि कैसे धर्म भी बदलते समय के साथ तकनीकी नवाचार को अपना सकता है। कुछ अन्य उदाहरण के तौर पर जापान के कोडाइजी मंदिर में AI बुद्ध प्रतिमा, जो बौद्ध धर्म का संदेश देती है। भारत में कुछ स्थानों पर वर्चुअल पूजा और लाइव आरती सेवाएँ शुरू की गई हैं। ईसाई धर्म में ‘बाइबिल बॉट्स’ के माध्यम से AI आधारित प्रार्थनाएँ हो रही हैं। यह प्रवृत्ति दिखाती है कि भविष्य में तकनीक धार्मिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन सकती है।

    ध्यान देने योग्य बात यह है कि ऐसे नवाचारों का मुख्य उद्देश्य श्रद्धा की भावना को बनाए रखते हुए, संवाद को और अधिक व्यक्तिगत और सुलभ बनाना है, न कि धार्मिक परंपराओं का स्थान लेना।

    Worlds First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    World’s First AI Goddess (Image Credit-Social Media)

    अभिनेत्री लियू ताओ माजू संस्कृति की वैश्विक राजदूत

    इस वर्ष माजू देवी के जन्मोत्सव के मौके पर चीनी अभिनेत्री लियू ताओ को ‘माजू संस्कृति का वैश्विक राजदूत’ नियुक्त किया गया। लियू ताओ ने अपने वक्तव्य में कहा कि माजू देवी की करुणा और सेवा की भावना आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी सदियों पहले थी। उनकी नियुक्ति इस बात का प्रतीक है कि माजू देवी की संस्कृति को अब वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

    सामाजिक प्रतिक्रिया श्रद्धा या विवाद?

    AI माजू की शुरुआत पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं।कई भक्तों ने इसे श्रद्धा और विज्ञान का अद्भुत मेल बताया है। कुछ पारंपरिक विचारधाराओं के लोगों ने यह प्रश्न उठाया है कि क्या मशीन के माध्यम से आशीर्वाद मिल सकता है? तकनीकी विशेषज्ञों ने इसे एक सकारात्मक प्रयोग बताया, जो युवाओं को धर्म से जोड़ने का नया माध्यम बन सकता है। यह स्पष्ट है कि भले ही विचारधाराओं में मतभेद हों, लेकिन AI माजू ने एक जरूरी संवाद की शुरुआत की है—धर्म और तकनीक के भविष्य पर।

    भविष्य की झलक

    AI माजू सिर्फ एक तकनीकी चमत्कार नहीं, बल्कि यह एक विचारशील कदम है जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि श्रद्धा और प्रौद्योगिकी साथ मिलकर कैसे नई संभावनाएँ रच सकते हैं। भविष्य में हम और भी ऐसे नवाचार देख सकते हैं जहां धर्म और विज्ञान मिलकर मानवता को नया दृष्टिकोण प्रदान करें। तियानहो मंदिर की यह पहल इस दिशा में एक साहसिक और प्रेरणादायी शुरुआत है जहां भक्तिपूर्ण संवाद को तकनीक के पंख मिले हैं। कह सकते हैं, अब ‘ईश्वर’ भी डिजिटल युग में हमारे और करीब आ रहे हैं।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleVivek Kumar Sahu Wikipedia: छिंदवाड़ा की राजनीति में नया सूर्य: विवेक ‘बंटी’ साहू एक समर्पित युवा नेता
    Next Article Gudimallam Temple History: जानिए क्या है आंध्र प्रदेश में स्थित गुडीमल्लम लिंगम मंदिर का इतिहास और विशेषता, क्या हैं पौराणिक कथाएं
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    औरंगजेब पर लाखों खर्च: क्या सच में एक साधारण मकबरे पर पर मेहरबान भारत सरकार, आइए जाने कब्र की सियासत

    May 17, 2025

    Top 5 Destination in India: भारत में जिप लाइनिंग के 5 रोमांचक स्थल, प्रकृति की गोद में रोमांच का अनुभव

    May 16, 2025

    Hathila Baba Dargah History: कौन थे हठीले शाह ? जिनकी दरगाह हैं सांप्रदायिक समरसता का प्रतीक, यहां के ऐतिहासिक रौजा मेला पर क्यों लगा है प्रतिबंध?

    May 16, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025

    पलायन का दुश्चक्र: बुंदेलखंड की खाली स्लेट की कहानी

    April 30, 2025

    शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

    April 15, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    संयुक्त राष्ट्र ने बताया- 2024 में भुखमरी से दुनिया भर में 29.5 करोड़ लोग प्रभावित

    May 17, 2025

    बगदाद में अरब लीग का वार्षिक शिखर सम्मेलन आरंभ, ट्रंप की छाया में अरब देशों की कूटनीतिक चाल तेज

    May 17, 2025

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा – भारत और पाक युद्धविराम का श्रेय कभी नहीं मिल सकेगा, फिर जताया अफसोस

    May 17, 2025
    एजुकेशन

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025

    NEET UG 2025 एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड

    April 30, 2025

    योगी सरकार की फ्री कोचिंग में पढ़कर 13 बच्चों ने पास की UPSC की परीक्षा

    April 22, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.