हरियाणा की हिसार में पुलिस ने खुलासा किया है कि यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जिन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उनके पास सैन्य या रणनीतिक जानकारी नहीं थी और न ही उनका आतंकवादी संगठनों से कोई संबंध पाया गया है। हालांकि वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों (पीआईओ) के संपर्क में थीं।
33 वर्षीय ज्योति, जो अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के लिए मशहूर हैं और जिसके 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था। उनके इंस्टाग्राम पर 1.32 लाख फॉलोअर्स हैं। हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि ज्योति मल्होत्रा को सशस्त्र बलों या उनकी योजनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन यह जानते हुए भी कि उसके कुछ संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंट हैं, वह उनके संपर्क में बनी रही।
एसपी ने कहा, “अभी तक हमें किसी भी आतंकी गतिविधि में उसकी संलिप्तता या किसी आतंकी समूह से उसके जुड़ाव का कोई सबूत नहीं मिला है। हमें ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला है, जिससे पता चले कि वह किसी पीआईओ से शादी करना चाहती है या धर्म बदलना चाहती है।”
पुलिस जांच में पता चला कि ज्योति ने कई बार पाकिस्तान और एक बार चीन की यात्रा की थी। उनके वित्तीय लेन-देन और यात्रा विवरणों की जांच की जा रही है। पुलिस को संदेह है कि उत्तरी भारत में पाकिस्तान से जुड़ा एक जासूसी नेटवर्क सक्रिय हो सकता है। पिछले दो हफ्तों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से 12 लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि मल्होत्रा के तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट तथा 18 मई को गिरफ्तार किए गए वीजा एजेंट हरकीरत सिंह के दो मोबाइल फोन को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है। उन्होंने कहा, “विश्लेषण का काम हिसार पुलिस को नहीं सौंपा गया है। उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया था और इस दौरान कुछ केंद्रीय एजेंसियों ने भी उसकी जांच की, लेकिन उसकी हिरासत किसी अन्य एजेंसी को नहीं दी गई। सार्वजनिक डोमेन में दिखाई गई उसकी ‘डायरी’ के पन्ने हमें बरामद नहीं हुए। हमारे पास कोई डायरी नहीं है।” बता दें कि ज्योति की डायरी की चर्चा मीडिया में बहुत हो रही है। लेकिन पुलिस ने अब उसे फर्जी करार दे दिया है।
33 वर्षीय ट्रैवल ब्लॉगर को 16 मई को पाकिस्तानी गुर्गों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3 और 5 तथा भारतीय न्याय संहिता अधिनियम की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया था। रिमांड अवधि के दौरान, उनसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों ने पूछताछ की।
एक दिन पहले हिसार पुलिस के प्रवक्ता विकास कुमार ने कहा था कि मल्होत्रा दानिश के संपर्क में थी, जो 13 मई को भारत से निष्कासित पाकिस्तानी उच्चायोग का अधिकारी है। उसे नवंबर 2023 से मार्च 2025 तक के लिए भारत भेजा गया है। उन्होंने कहा, “दानिश उसे एक संपत्ति के रूप में विकसित कर रहा था। वह अन्य यूट्यूब प्रभावशाली लोगों के संपर्क में थी।” कुमार ने कहा कि मल्होत्रा को दानिश से पाकिस्तान उच्चायोग में सिंह ने मिलवाया था, जब वह पाकिस्तान के लिए वीजा के लिए आवेदन करने गई थी।