
Hidden Travel Insurance
Hidden Travel Insurance
Hidden Travel Insurance: हवाई यात्रा आज जितनी जरूरी है, उतनी ही अनिश्चित भी हो गई है। उड़ानों का रद्द होना, घंटों की देरी, सामान का खो जाना या कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाना जैसी घटनाएं पहले से कहीं ज्यादा आम हैं। हाल ही में इंडिगो की उड़ानों में आई दिक्कतों ने हजारों यात्रियों को एयरपोर्ट पर फंसा दिया, जिसके कारण आगे की बुकिंग बिगड़ गई और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन अच्छी खबर यह है कि ऐसे समय में मदद सिर्फ एयरलाइन ही नहीं देती बल्कि आपका क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म, और OTA ऐड-ऑन पॉलिसी भी आपको यात्रा बीमा का फायदा दे सकती हैं। समस्या यह है कि अधिकतर लोग इस लाभ को जानते ही नहीं।
आइये समझते हैं कि यह बीमा कैसे काम करता है और आप इससे पूरा फायदा कैसे उठा सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड में मिलने वाला यात्रा बीमा कैसे आपकी मदद करता है
कई बैंक अपने प्रीमियम और मध्यम रेंज क्रेडिट कार्ड के साथ पहले से ही यात्रा बीमा प्रदान करते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर उड़ान रद्द हो जाती है, 6 घंटे से ज्यादा देरी होती है, सामान देर से मिलता है या आपका कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो जाता है, तो आपको 10,000 से 25,000 रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है। यह कवर सिर्फ तभी लागू होता है जब आपने टिकट उसी कार्ड से खरीदी हो और कार्ड की शर्तें पूरी होती हों।
अक्सर कार्डधारक यह समझ ही नहीं पाते कि उनके कार्ड में इतने फायदे छिपे हुए हैं। कुछ कार्ड तो पासपोर्ट खोने, विदेश में मेडिकल खर्च और दुर्घटना तक का कवर भी देते हैं। इसलिए अपने कार्ड की पॉलिसी को पढ़ना कई बार हजारों रुपये बचा सकता है।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग में जोड़ दिया जाने वाला बीमा कैसे काम करता है
जब आप MakeMyTrip, Cleartrip या Indigo जैसे प्लेटफॉर्म से टिकट बुक करते हैं तो कई बार यात्रा बीमा अपने आप ऐड हो जाता है। इसकी कीमत कम होती है, लेकिन यह मुश्किल समय में काफी राहत दे सकता है। कई यात्री इसे अनजाने में खरीद लेते हैं, लेकिन यह समझना जरूरी है कि हर प्लेटफॉर्म का बीमा कवरेज अलग होता है। कुछ पॉलिसी सिर्फ फ्लाइट रद्द होने पर कवर देती हैं, कुछ देरी पर, जबकि कुछ मिस्ड कनेक्शन या मेडिकल समस्याओं पर भी मुआवजा देती हैं। इसलिए टिकट बुक करते समय यह जरूर देख लें कि बीमा में क्या-क्या शामिल है और दावा किस स्थिति में मिलेगा।
बीमा क्लेम करने की पूरी प्रक्रिया को समझना जरूरी है
जब यात्रा बिगड़ जाती है, तब बीमा तभी काम आएगा जब आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज हों। आपको बोर्डिंग पास, एयरलाइन की ओर से प्राप्त देरी या रद्दीकरण का ईमेल, होटल या भोजन की रसीदें और आपकी टिकट की कॉपी संभालकर रखनी होती है। बीमाकर्ता को तुरंत ईमेल या ऐप के माध्यम से सूचित करना भी जरूरी है, क्योंकि कई कंपनियां 48 घंटे के भीतर दस्तावेज जमा करने की शर्त लगाती हैं। एक और बात ध्यान रखने की है कि अधिकतर योजनाओं में मुआवजा सिर्फ तभी मिलता है जब देरी कम से कम 6 घंटे से अधिक हो। बीमा कंपनियां लगभग 45 दिनों के भीतर दावे का निपटान कर देती हैं।
DGCA के नियम यात्रियों को क्या अधिकार देते हैं
बीमा के अलावा, भारत में DGCA यात्रियों को कुछ महत्वपूर्ण अधिकार देता है, जिनका लाभ हर यात्री ले सकता है। अगर फ्लाइट रद्द हो जाती है, तो एयरलाइन को पूरा पैसा वापस देना होता है या फिर वैकल्पिक उड़ान उपलब्ध करानी होती है। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर यात्रियों को भोजन और पानी जैसी आवश्यक सुविधाएं भी देनी होती हैं।
अगर देरी लंबी हो जाती है, तो यात्रियों को भोजन, होटल में ठहरने और एयरपोर्ट से होटल तक जाने-आने की सुविधा भी एयरलाइन की जिम्मेदारी होती है। यह लाभ आपको तब भी मिलता है, चाहे आपने बीमा खरीदा हो या न खरीदा हो।
यात्रा बीमा का पूरा फायदा उठाने के लिए जरूरी बातें
यात्रा के दौरान बीमा का अधिकतम लाभ तभी मिल सकता है जब आप पहले से अपने क्रेडिट कार्ड की पॉलिसी जरूर पढ़ें, ताकि आपको पता हो कि आप किन स्थितियों में दावा कर सकते हैं। ऑनलाइन टिकट बुक करते समय यह देख लें कि बीमा स्वतः ऐड तो नहीं हो गया है और हुआ है तो उसमें क्या कवर है।
हर बार यात्रा के दौरान खर्च की रसीदें संभालकर रखें और देरी होने पर एयरलाइन से देरी का सर्टिफिकेट जरूर लें। याद रखें Airline के DGCA नियम और आपका बीमा दोनों अलग-अलग लाभ देते हैं, इसलिए दोनों का फायदा उठाया जा सकता है। एक छोटी-सी जागरूकता आपकी जेब को बड़ा नुकसान झेलने से बचा सकती है।


