Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • ईरान के खामेनेई ने किसके लिए और क्यों कहा- ‘जंग शुरू…अली खैबर में आ गए हैं’
    • Beach in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में भी है बीच का मजा! पूरनपुर का ‘मिनी गोवा’ आपको कर देगा हैरान
    • Live: ईरान ने इसराइल पर और मिसाइलें दागीं, आईडीएफ ने तेहरान में हमले किए
    • पीएम मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री से मुलाकात महत्वपूर्ण क्यों है, कई फैसले
    • प्रो. रविकांत पर मुक़दमा चलाने की मंजूरी देने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी पर सवाल क्यों?
    • भारतीयों को बांग्लादेश क्यों धकेला ? ममता सरकार ने कराई घर वापसी
    • ट्रंप की ईरान को धमकी, बिना शर्त आत्मसमर्पण करो
    • शांति के लिए ख़तरा बनी इसराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद की जन्म-कथा!
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » दिल्ली चुनाव नतीजे 2025ः आप के हार की 5 खास वजहें
    भारत

    दिल्ली चुनाव नतीजे 2025ः आप के हार की 5 खास वजहें

    By February 8, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    बीजेपी करीब तीन दशक बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने को तैयार है। इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय बीजेपी 11 सीटें जीत चुकी थी और 37 सीटों पर आगे थी। यानी बीजेपी को 48 सीटें मिलने वाली हैं। आम आदमी पार्टी 10 सीटें जीत चुकी है और 11 सीटों पर वो आगे है। यानी आप को 22 सीटें मिलने वाली हैं। इस रिपोर्ट में आप की हार की खास वजहों पर बात की जा रही है।

    सत्ता विरोधी लहर यानी आ-पदा

    AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 दस साल की सत्ता विरोधी लहर और आक्रामक भाजपा के साथ लड़ा। भाजपा के अभियान के दौरान, मोदी ने दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधने के लिए ‘आप-दा’ शब्द गढ़ा। आप-दा को आप ‘विनाश’ भी कह सकते हैं। पिछले दस वर्षों में दिल्ली पर शासन करने में AAP की ‘विफलता’ को उजागर करने के लिए इस शब्द ने जरूर मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया। इसका मतलब यह है कि दिल्ली के चुनाव को मोदी से लेकर उसके छोटे कार्यकर्ता तक ने दिलोजान से लड़ा। दिल्ली की सत्ता में आप 2015 से है। पिछले दस वर्षों में केजरीवाल सरकार का ध्यान स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों पर रहा है, जबकि इसने बिजली और पानी पर सब्सिडी देना जारी रखा है। लेकिन बीजेपी ने पिछले सभी चुनावों में लगातार 30 फीसदी से ऊपर वोट शेयर बनाए रखा। उसका फायदा उसे अब मिला।

    दिल्ली शराब नीति घोटाला और ‘शीश महल’

    दिल्ली चुनाव की शुरुआत होने के साथ ही राजनीतिक विश्लेषकों ने सत्य हिन्दी पर स्पष्ट रूप से कहा था कि यह चुनाव आप के लिए आसान नहीं है। बल्कि वो एक मुश्किल लड़ाई में उतरने जा रही है। आप का शीर्ष नेतृत्व आकंठ भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया। आप लाख कह लें कि आप कट्टर ईमानदार हैं लेकिन जनता इस कहावत पर ज्यादा यकीन करती है कि जब धुआं उठा है तो किसी न किसी वजह से आग लगी है। मुख्य रूप से कथित दिल्ली शराब घोटाले की जांच ने केजरीवाल और पूरी पार्टी पर सवाल खड़े कर दिये। 

    पूरी बीजेपी और पीएम मोदी तक ने पूर्व सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास को शीशमहल कहा। यह सब झूठ नहीं था। उस आवास के जो फोटो और वीडियो जनता ने देखे, उसका असर उस पर पड़ा। केजरीवाल ने पिछले साल सितंबर में सीएम पद छोड़ा था। केजरीवाल के कथित शीशमहल पर लगे आरोपों में आलीशान वॉशरूम भी चर्चा में रहा था। आप शीशमहल के जवाब में पीएम आवास को राजमहल बताकर अपनी दागदार छवि को मिटा नहीं सकते।

    तंग किए जाने का डर

    बीजेपी ने आप की योजनाओं की नकल करके उसे मतदाताओं के बीच कायदे से प्रचारित किया। दूसरी तरफ केजरीवाल ने मतदाताओं को डर दिखाया कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो वो उसकी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी। बीजेपी मतदाताओं को यह बताने में कामयाब रही कि जब वो आप जैसी योजनायें ला रही है तो वो कल्याणकारी योजनाओं को बंद क्यों करेगी। केजरीवाल का यमुना में जहर मिलाने का आरोप भी झूठा पड़ गया। अगर वो प्रदूषित पानी की बात करते तो मतदाता उसे समझ जाते। सीधा सा अर्थ है कि अगर आप डर फैलाते हैं तो जिस पार्टी या शख्स से डराया जाता है, जनता उसी को चुनना पसंद करती है। ताकि डर ही न रहे। मतादाताओं ने इस उम्मीद में भी वोट दिया कि अब उसे डराया नहीं जाएगा।

    पुराने वादे क्या पूरे हुएः आप ने इस बार महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन 2023 में आप ने महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का वादा किया था। वो वादा आप पूरा नहीं कर सकी। अगर आप 1000 रुपये देने को तैयार नहीं हैं तो 2100 रुपये देने पर मतदाता कैसे विश्वास करते। पंजाब में आप सरकार ने भी इसी तरह की योजना का वादा किया है लेकिन वो आज तक पूरा नहीं हो सका। दूसरी ओर, भाजपा ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में महिला केंद्रित नकदी योजनाएं पेश की हैं। मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत पैसे मिलते देखे गये। महाराष्ट्र में भी शुरुआत में इसी तरह की योजना के लिए पैसे दिये गये।

    इंडिया गठबंधन में विरोधाभास

    इंडिया गठबंधन में अब भागीदारों के बीच बयानबाजी और विरोधाभास ज्यादा हैं। लेकिन खुद आप और कांग्रेस पंजाब व हरियाणा में प्रतिद्वंद्वी हैं। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने AAP प्रमुख और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल से रिहा करने की मांग करते हुए दिल्ली  में इंडिया की रैली में भाग लिया। दोनों पार्टियों ने मिलकर लोकसभा चुनाव 2024 लड़ा था। विधानसभा चुनाव में दोनों अलग हो गये। 

    दिल्ली चुनाव से एक सप्ताह पहले 28 जनवरी को, राहुल ने केजरीवाल और उनकी पार्टी के सहयोगी मनीष सिसोदिया पर तीखा हमला किया और दोनों पर कथित दिल्ली शराब घोटाले के ‘आर्किटेक्ट’ होने का आरोप लगाया। गांधी ने दिल्ली चुनाव 2025 से पहले एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए ‘शीश महल’ का भी जिक्र किया। मतदाता इस विरोधाभास को नहीं समझेंगे, यह समझने की भूल कांग्रेस और आप दोनों ने की। ऐसे में दोनों को ही न खुदा ही मिला और न विसाले सनम।

    (इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleParvesh Verma Ke Beti: प्रवेश वर्मा की बेटियों के चेहरे खिलखिलाएं, बोलीं- दिल्ली ने झूठ को जीतने नहीं दिया
    Next Article केजरीवाल, सिसोदिया जैसे आप के अधिकतर बड़े नेता कैसे हार गए?

    Related Posts

    ईरान के खामेनेई ने किसके लिए और क्यों कहा- ‘जंग शुरू…अली खैबर में आ गए हैं’

    June 18, 2025

    Live: ईरान ने इसराइल पर और मिसाइलें दागीं, आईडीएफ ने तेहरान में हमले किए

    June 18, 2025

    पीएम मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री से मुलाकात महत्वपूर्ण क्यों है, कई फैसले

    June 18, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.