
Bihar theft news (Photo: Social Media)
Bihar theft news
Bihar News: बिहार के दरभंगा जिले में शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार की जनसभा एक राजनीतिक आयोजन बनकर नहीं रह गई, बल्कि यहां हुई चोरियों की वारदात ने पूरी सभा को सुर्खियों में ला दिया। राघोपुर गांव में आयोजित इस कार्यकर्ता सम्मेलन में कुछ उचक्कों ने मंच के आसपास मौजूद महिलाओं के गहनों को निशाना बनाया।
सभा के दौरान और बाद में दर्जनों महिलाओं को अपने गहनों की चोरी का अहसास हुआ। कई महिलाएं अपने गले से सोने की चेन और मंगलसूत्र गायब देखकर फूट-फूटकर रोने लगीं। घटना की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि लगभग 12 महिलाओं के महंगे गहने चोरी हो गए।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
घटना ने स्थानीय लोगों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए। पीड़ित महिलाओं ने कहा कि जब मुख्यमंत्री की सभा में सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात होते हैं, तब इतनी बड़ी चोरी कैसे हो सकती है। आम लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठाना स्वाभाविक है। महिलाओं ने गुम हुए गहनों की तलाश में घंटों भटकने के बाद प्रशासन की कमी को महसूस किया।
घटना के बाद महिलाओं में गुस्सा चरम पर पहुंच गया। उन्होंने मुख्य सड़क जाम कर दिया, जिससे दरभंगा के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की गाड़ियां भी जाम में फंस गईं। भारी हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद सड़क जाम हटा।
पीड़ितों की आपबीती
घटना से प्रभावित महिलाएं अपने गहनों की कीमत और भावनात्मक महत्व के बारे में बताती रही। पूनम देवी ने बताया कि उनकी लगभग 1 लाख रुपये की चेन चोरी हो गई। गौरी देवी के गहनों की कीमत 40 हजार रुपये बताई गई, जबकि सुनीता देवी के सोने के गहनों का मूल्य 50 हजार रुपये है। इसी तरह गायत्री देवी, रामकुमारी देवी और राधा कुमारी ने भी अपने गहनों के गायब होने की जानकारी दी।
महिलाओं का कहना है कि केवल धन का नुकसान ही नहीं हुआ, बल्कि इस घटना ने उनकी भावनाओं और आत्मसम्मान को भी चोट पहुंचाई है। कई महिलाएं फूट-फूटकर रोती नजर आईं और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि घटना की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को पकड़कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय पुलिस ने भी कहा कि मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई है और संदिग्धों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।
हालांकि, इस घटना ने यह साफ कर दिया कि बड़ी जनसभाओं में सुरक्षा व्यवस्था में भी खामियां रह जाती हैं। लोगों का मानना है कि अगर मुख्यमंत्री की सभा में चोरी हो सकती है, तो आम सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा की स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।