
CWC Meeting Patna (Photo: Social Media)
CWC Meeting Patna
CWC Meeting in Patna: बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। दीवारों पर पोस्टर, बैनर और झंडे लहरा रहे हैं। और अब आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस की केंद्रीय कार्यकारी समिति (CWC) की बैठक बिहार की राजधानी पटना में होने जा रही है। इस बैठक में पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गजों का जमावड़ा लग रहा है, जिससे पूरे राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। क्या कांग्रेस इस बैठक से बिहार में वही जादू दोहरा पाएगी, जो उसने पिछले साल तेलंगाना में दिखाया था? इसी सवाल के साथ कांग्रेस ने चुनावी शंखनाद कर दिया है।
पटना का ऐतिहासिक सदाकत आश्रम फिर से बना रणभूमि
कांग्रेस की यह बैठक किसी आम जगह पर नहीं हो रही, बल्कि इसका केंद्र है पटना का ऐतिहासिक सदाकत आश्रम। यह वही जगह है, जहां महात्मा गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू जैसे महान नेताओं ने देश की आजादी के लिए रणनीति बनाई थी। 1940 में आजादी से पहले आखिरी बार कांग्रेस की इतनी बड़ी बैठक यहीं हुई थी। आज, 85 साल बाद, इतिहास खुद को दोहरा रहा है। इस ऐतिहासिक स्थान पर बैठक करके कांग्रेस एक बड़ा राजनीतिक संदेश दे रही है कि वह अपनी जड़ों से जुड़कर फिर से उठ खड़ी हो रही है। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और CWC के लगभग सभी 170 सदस्य शामिल होंगे।
कांग्रेस के एजेंडे में बिहार और देश की बड़ी समस्याएं
इस बैठक का मुख्य एजेंडा सिर्फ चुनावी रणनीति बनाना नहीं है, बल्कि यह बिहार और पूरे देश के अहम मुद्दों पर गहन चिंतन करेगी। बिहार में आने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर बात होगी, साथ ही चुनाव में पारदर्शिता और वोटर लिस्ट की जांच में हुई गड़बड़ियों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा होगी। कांग्रेस ने पहले ही इन अनियमितताओं को लेकर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर सवाल उठाया है।
इसके अलावा, कांग्रेस पूरे देश की समस्याओं पर भी फोकस करेगी, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार और कूटनीतिक विफलताएं शामिल हैं। पार्टी इन मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में है।
बैठक में राहुल गांधी की हाल ही में हुई ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ की खूब सराहना होने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बिहार के 25 जिलों में 16 दिनों तक 1300 किलोमीटर का सफर तय किया। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य वोट की चोरी रोकना और लोगों को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक करना था।
क्या सीटों के बंटवारे पर सुलझेगी महागठबंधन की गुत्थी?
बिहार में चुनावी माहौल पूरी तरह से तैयार है। चुनाव आयोग अक्टूबर की शुरुआत में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। ऐसे में महागठबंधन की राजनीति में सीटों का बंटवारा एक बड़ा सवाल बना हुआ है। जहां एक ओर कांग्रेस ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं महागठबंधन की सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने पहले ही यह ऐलान कर दिया है कि वह सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।