
Khunia River Bihar (Image Credit-Social Media)
Khunia River Bihar
Khunia River Bihar: मौजूदा समय में राजनीति का अखाड़ा बना बिहार वास्तव में प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यमयी स्थलों का एक अनोखा प्रदेश है। यहां नदियों, झरनों और पहाड़ियों के साथ कई रोमांचक ऐतिहासिक स्थलों की भरमार है। इन सभी में रोहतास जिला अपनी ‘खुनिया नदी’ यानी ‘खून की नदी’ के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। तिलौथू गांव के पास बहने वाली यह नदी अपने गहरे लाल रंग की वजह से स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों का ध्यान खींचती है। इस नदी को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि मानों इसमें पानी नहीं बल्कि खून बह रहा हो। यही वजह है कि इसे ‘खून की नदी’ कहा जाता है। लेकिन क्या सच में यह नदी खून जैसी लाल है, या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? आइए जानते हैं इस अनोखी नदी से जुड़ी तथ्यात्मक जानकारी के बारे में विस्तार से –
‘खुनिया नदी’ के लाल पानी से जुड़ा है वैज्ञानिक दृष्टिकोण
खुनिया नदी का लाल रंग कोई चमत्कार नहीं बल्कि एक प्राकृतिक और वैज्ञानिक प्रक्रिया का परिणाम है। यह नदी तिलौथू की पहाड़ियों से निकलती है, जहां इसका पानी शुरू में बिल्कुल सामान्य दिखता है। लेकिन जैसे-जैसे यह नदी आगे बढ़ती है, इसका रंग धीरे-धीरे गहरा लाल हो जाता है। इसके आसपास की मिट्टी भी लालिमा लिए दिखाई देती है।

इस लाल रंग का मुख्य कारण है पानी में घुला हुआ आयरन। जैसे ही यह आयरन हवा में मौजूद ऑक्सीजन के संपर्क में आता है, यह रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण लाल रंग धारण कर लेता है। इसे समझने के लिए आप रोजमर्रा की जिंदगी में लोहे की किसी वस्तु को बाहर रखकर जंग लगने की प्रक्रिया की कल्पना कर सकते हैं। लोहे पर जंग पड़ने से जिस तरह लाल या भूरा रंग आता है, ठीक उसी तरह आयरन युक्त पानी का रंग भी लाल हो जाता है। इस प्रक्रिया के चलते नदी का पानी और आसपास की मिट्टी दोनों ही गहरे लाल रंग में रंग जाते हैं। जिससे नदी का दृश्य बेहद रहस्यमयी और आकर्षक लगने लगता है। यही कारण है कि वैज्ञानिक इसे एक प्राकृतिक अजूबा मानते हैं।
खुनिया नदी से जुड़ी स्थानीय मान्यताएं और मिथक
जहां विज्ञान नदी के लाल रंग की रासायनिक व्याख्या करता है, वहीं स्थानीय लोग इसे लेकर कई रहस्यमयी मान्यताओं पर भरोसा रखते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि खुनिया नदी में आत्माओं या अपशकुनों का वास है। कहते हैं कि रात के समय नदी के किनारे खड़े होने पर अजीब आवाजें और महसूस होती हैं। इस तरह की लोक कथाएं नदी के चारों ओर एक रहस्यमयी वातावरण पैदा करती हैं। हालांकि ये कहानियां सांस्कृतिक और स्थानीय लोककथाओं का हिस्सा हैं। वहीं खुनिया नदी न सिर्फ प्राकृतिक विज्ञान के लिए बल्कि लोक कथाओं के लिए भी काफी ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर रही है।
तुतला भवानी जलप्रपात – प्राकृतिक सौंदर्य का एक खूबसूरत नज़ारा

खुनिया नदी के पास ही मां तूतालेश्वरी भवानी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। मंदिर के निकट ही तुला भवानी जलप्रपात मौजूद है, जो पर्यटकों और प्राकृतिक प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है। मानसून के दौरान यह जलप्रपात और भी मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है। जलप्रपात का पानी साफ और ताजगी से भरा हुआ है, वहीं यहां फैली आसपास की हरियाली इसे और भी खूबसूरत बना देती है। यह जगह परिवारों के घूमने के लिए भी आकर्षक है, क्योंकि यहां प्रकृति की सुंदरता और पवित्रता दोनों का अनुभव बखूबी किया जा सकता है।
बिहार का रहस्यमई रोहतासगढ़ किला इतिहास का जीवित प्रमाण
रोहतास जिले की एक और प्रमुख विशेषता है रोहतासगढ़ किला। यह किला राजा मानसिंह के द्वारा बनवाया गया था और आज भी अपनी भव्यता और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। पूरी तरह से किले की यात्रा करने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है।
किले की दीवारें, प्रवेश द्वार और प्राचीन संरचनाएं इतिहास के झरोखे को खोलती हैं। यह किला न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए, बल्कि फोटोग्राफी और पर्यटन के शौकीनों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है।
बिहार सासाराम के अन्य लोकप्रिय जलप्रपात – धुआं कुंड और मांझी कुंड
रोहतास के तुतला भवानी जलप्रपात के अलावा सासाराम क्षेत्र में स्थित धुआं कुंड जलप्रपात और मांझी कुंड भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मानसून के दौरान इन जलप्रपातों का दृश्य बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता दर्शकों को ताजगी और सुकून प्रदान करती है।
पर्यटन की दृष्टि से खुनिया नदी का महत्व

खुनिया नदी सिर्फ लाल रंग के लिए ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक विज्ञान, लोक कथाओं और इतिहास के संगम के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटक यहां आयरन युक्त पानी के प्राकृतिक चमत्कार का अनुभव कर सकते हैं। रोहतास जिले की खुनिया नदी न केवल बिहार की प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है, बल्कि यह वैज्ञानिक और लोक कथाओं का एक अनोखा मिश्रण भी प्रस्तुत करती है। इसका लाल रंग, तुतला भवानी जलप्रपात की छटा और रोहतास गढ़ किले का ऐतिहासिक महत्व इसे एक संपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है। यदि आप बिहार घूमने का सोच रहे हैं, तो खुनिया नदी, तुतला भवानी जलप्रपात और रोहतासगढ़ किले की यात्रा आपकी सूची में जरूर शामिल होनी चाहिए।
डिस्क्लेमर:
इस आलेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और तथ्यात्मक उद्देश्यों के लिए है। खुनिया नदी और आसपास के स्थलों के बारे में वैज्ञानिक और लोक कथाओं के विवरण स्रोतों एवं स्थानीय मान्यताओं पर आधारित हैं। पाठकों से अनुरोध है कि यात्रा से पहले स्थानीय नियमों, सुरक्षा निर्देशों और मौसम की जानकारी अवश्य जांच लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी व्यक्तिगत या भौतिक नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।