विनेश फोगट ने मंगलवार को कमाल कर दिया। फोगट पेरिस ओलंपिक में पहले बड़ा उलटफेर करते हुए जापान की मौजूदा चैंपियन यूई सुसाकी को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुँचीं। फिर यूक्रेन की खिलाड़ी को हराकर सेमी फाइनल में पहुँच गईं। अब वह पदक से एक जीत दूर हैं। विनेश फोगाट ने यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को अंतिम-आठ राउंड में 7-5 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। विनेश ने पूरे मुकाबले में अपना दबदबा बनाए रखा।
इससे पहले फोगट ने जापान की खिलाड़ी को हराया था। सुसाकी चार बार की विश्व चैंपियन हैं और मौजूदा स्वर्ण पदक विजेता हैं। यह सुसाकी की अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में पहली बड़ी हार है। यह विनेश फोगट की उपलब्धि को और भी उल्लेखनीय बनाती है। मंगलवार से पहले यूई ने अपने पूरे करियर में केवल तीन मैच हारे थे और विनेश ने उन्हें चौथा मैच हराया। भारतीय पहलवान ने राउंड ऑफ 16 में शीर्ष वरीयता प्राप्त यूई को 3-2 से हराकर महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। विनेश फोगट ने उन यूई सुसाकी को हराया, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान एक भी अंक नहीं गंवाया था।
🇮🇳🔥 𝗔𝗻𝗼𝘁𝗵𝗲𝗿 𝘁𝗼𝗽 𝘄𝗶𝗻 𝗳𝗼𝗿 𝗩𝗶𝗻𝗲𝘀𝗵 𝗣𝗵𝗼𝗴𝗮𝘁! Vinesh Phogat was brilliant once again, defeating Oksana Livach in the quarter-final in the women’s freestyle 50kg category. Oksana applied pressure on Vinesh in the last minute but Vinesh Phogat showed her class… pic.twitter.com/QhZ4AFRRUr
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 6, 2024
विनेश फोगट ने पहले राउंड में अपने प्रतिद्वंद्वी को समझते हुए सधी हुई शुरुआत की। यह पहली बार था जब विनेश ओलंपिक में महिलाओं की 50 किग्रा श्रेणी में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं। वह अपने पसंदीदा वर्ग 53 किग्रा से नीचे चली गईं ताकि वह खेलों में प्रतिस्पर्धा में रहें। विनेश को 30 सेकंड की निष्क्रियता के लिए दंडित किए जाने के बाद यूई ने एक अंक के साथ स्कोरिंग की शुरुआत की।
यह पहले पीरियड में यूई के पक्ष में 1-0 से ख़त्म हुआ और दूसरे पीरियड में यह ख़राब हो गया जब विनेश को निष्क्रियता के लिए एक और पेनल्टी दी गई। ऐसा लग रहा था कि यूई क्वार्टर फाइनल में आगे बढ़ रही थी। हालांकि, विनेश ने सनसनीखेज चाल के साथ यूई को पटखनी देकर दो अंक हासिल कर लिए। आख़िरकार विनेश की ही जीत हुई।
टोक्यो ओलंपिक विनेश के लिए अच्छा नहीं रहा था। इस बार विनेश ने बेहतर करने का संकल्प लिया। पेरिस खेलों की तैयारी के दौरान उन्होंने अपनी टीम से कहा था, ‘कुछ भी करना पड़े, मैं इस ओलंपिक पदक को जाने नहीं दूंगी।’
बता दें कि विनेश फोगट पिछले कुछ समय से बहुत ख़राब दौर से गुजरी हैं। विनेश भारतीय खेल के पहले ‘मी टू’ विरोध का चेहरा थीं। बृजभूषण पर अपने हमले में वह अडिग रहीं। उन्हें सड़कों पर घसीटा गया। हरिद्वार में बहती गंगा के किनारे बैठकर अपने पदक फेंकने की धमकी देने की नौबत आ गई। जब उन्हें ओलंपिक में आमने-सामने की तैयारी करनी चाहिए थी, तब वे ‘न्याय’ पाने के लिए सरकार से जूझ रही थीं।
जंतर मंतर विरोध के दिनों में यह कल्पना करना कठिन था कि विनेश के पास पेरिस के लिए क्वालीफाई करने का मौका होगा। लेकिन उन्होंने ऐसा कर दिखाा। वजन कम करने के लिए असंभव हद तक जाने वाली, वह आसानी से ट्रायल में अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकल गईं।