Mainpuri News: प्रदेश में परिषदीय स्कूलों का बुरा हाल है। सरकारी स्कूलों में सिर्फ गरीब लोग ही अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं। ऐसे गरीब जो बच्चों के लिए ड्रेस किताब नहीं खरीद सकते। परन्तु शिक्षा विभाग में मौजूद शिक्षक तथा गुंडा प्रवृत्ति के लोग नहीं चाहते कि गरीबों के बच्चे भी पढ़ सकें। यह शिक्षक अपनी मर्जी से स्कूल आते हैं और समय से कई घंटों पूर्व स्कूल में ताला लटका कर चले जाते हैं। शिक्षकों के बारे में उच्चाधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद भी नहीं की जा रही कोई कार्रवाई।
कार्यालय और कक्षाओं में लटके मिले ताले
जनपद मैनपुरी के थाना किशनी क्षेत्र के पूर्व में माध्यमिक विद्यालय है। बता दें कि इस स्कूल में दो शिक्षक हैं विमलेश कुमार और विनीत कुमार। शनिवार ग्रामीणों की सूचना पर पत्रकारों की टीम स्कूल में करीब 1 बजे पहुंची तो स्कूल के कार्यालय और कक्षाओं में ताले लटक रहे थे। मात्र दो बच्चे मौजूद थे जो अपने बस्तों को साइकिल पर लाद कर घर के लिए जाने वाले थे।
पत्रकारों ने जब बच्चों से बात की तो पता चला की स्कूल 1 बजे से पहले ही बंद हो चुका है। पत्रकारों ने तुरंत ही खंड शिक्षा अधिकारी सुनील दुबे से फोन पर बात की, तो उन्होंने बताया कि स्कूल में मौजूद दो में से एक शिक्षक किसी अन्य ड्यूटी पर भेजा गया है। तथा एक शिक्षक स्कूल में होना चाहिए। जबकि स्कूल बंद होने का समय दोपहर बाद 3 बजे है। यदि अध्यापक स्कूल में नहीं है तो नियम अनुसार गलत है।
पत्रकारों से की धक्का मुक्की
सूत्रों की माने तो दबंग शिक्षक सप्ताह में एक बार विद्यालय में जाकर उपस्थिति रजिस्टर पर साइन कर चले जाते हैं। यह शिक्षक प्रति माह 50 हजार से एक लाख तक का वेतन ले रहे हैं। कबरेज के दौरान दूसरे स्कूल के शिक्षकों ने पत्रकारों की टीम के साथ धक्का मुक्की की और वीडियो डिलीट करने के लिए कहा।
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