अहमदाबाद में 12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान AI-171 टेकऑफ के कुछ ही क्षणों बाद गिर गया। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश (38), जीवित बचे। इसके अलावा 33 अन्य लोग जो जमीन पर थे, मारे गए। केंद्र सरकार ने शनिवार को अपनी पहली आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस हादसे की विस्तृत जानकारी साझा की।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से उड़ान भरी थी। उड़ान के 30 सेकंड के भीतर, विमान ने केवल 650 फीट की ऊंचाई हासिल की और फिर तेजी से ऊंचाई खोने लगा। पायलट ने टेकऑफ के बाद तुरंत मेडे कॉल (आपातकालीन संदेश) जारी किया, लेकिन 1:39 बजे हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) से संपर्क टूट गया। इसके ठीक एक मिनट बाद, विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर क्षेत्र में बी.जे. मेडिकल कॉलेज और सिविल हॉस्पिटल के आवासीय परिसर से टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में आग लग गई, जिससे काला धुआं निकलने लगा।
हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई, जिसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। इसके अलावा, बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डाइनिंग हॉल में मौजूद 60-80 छात्रों में से 10-12 छात्र आग में फंस गए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 269 हो गई। अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में 269 शवों को लाया गया, और पुलिस अधिकारी विशाखा डबराल के अनुसार, मौत का अंतिम आंकड़ा अभी भी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि डीएनए परीक्षण चल रहा है। हालांकि यह संख्या 274 बताई जा रही है।
मंत्री ने आगे बताया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के निर्देशानुसार एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े की निगरानी शुरू हो गई है। उन्होंने ब्रीफिंग में कहा, “भारत में 34 ड्रीमलाइनर में से आठ का निरीक्षण पहले ही हो चुका है। बाकी का भी किया जा रहा है।”
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 15 जून से बोइंग 787-7 और 787-9 विमानों के प्रत्येक टेकऑफ के लिए एक बार टेकऑफ पैरामीटर की जांच अनिवार्य कर दी है। अंतिम जांच रिपोर्ट अगले साल 12 जून तक आने की उम्मीद है, जिसमें दुर्घटना के कारणों और योगदान देने वाले कारणों का विस्तृत विश्लेषण होगा।
जीवित बचे शख्स ने क्या कहा
विश्वास कुमार रमेश, सीट 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी, चमत्कारिक रूप से बच गए। रमेश ने बताया कि टेकऑफ के 5-10 सेकंड बाद विमान “हवा में अटक गया” जैसा महसूस हुआ। इसके बाद, विमान की रोशनी हरी और सफेद रंग में टिमटिमाने लगी, और फिर विमान किसी इमारत से टकरा गया और विस्फोट हो गया। रमेश ने विमान के फ्यूजलेज में एक छोटे से छेद से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। वह गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। उनके भाई, अजय, भी विमान में सवार थे, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई।
जांच दल ने विमान का ब्लैक बॉक्स (डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) बरामद कर लिया है, जो दुर्घटना स्थल पर एक इमारत की छत पर मिला। दूसरा ब्लैक बॉक्स अभी तक नहीं मिला है। प्रारंभिक जांच में इंजन थ्रस्ट, फ्लैप्स, और लैंडिंग गियर की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने पक्षी टकराव (बर्ड स्ट्राइक) की संभावना भी जताई है, क्योंकि अहमदाबाद में 2022-23 में 38 बर्ड स्ट्राइक की घटनाएं दर्ज की गई थीं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया को अपने पूरे बोइंग 787-8/9 बेड़े पर सुरक्षा जांच करने का निर्देश दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दुर्घटना स्थल का दौरा किया और घायलों और पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हादसे पर शोक व्यक्त करने वाले विदेशी नेताओं और सरकारों को धन्यवाद दिया। एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने प्रभावित परिवारों को पूर्ण समर्थन और पारदर्शिता का आश्वासन दिया है।
यह हादसा भारत में हाल के दशकों में सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक है। केंद्र सरकार और एयर इंडिया ने पीड़ित परिवारों के लिए आपातकालीन केंद्र और सहायता टीमें स्थापित की हैं। यह त्रासदी विमानन सुरक्षा पर नए सिरे से ध्यान देने की मांग करती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।