हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ कड़े बयान दिए हैं।उन्होंने कहा कि भारत को अब “घर में घुसकर मारना” नहीं, बल्कि “घर में घुसकर बैठ जाना” चाहिए, ताकि आतंकवाद का स्थायी समाधान हो सके। इससे पहले वो पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों पर केंद्र सरकार की नीति का समर्थन कर चुके हैं।
ओवैसी ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने पीओके में अपने लॉन्चपैड खाली कर दिए हैं, तो भारत को वहां जाकर स्थायी रूप से बैठ जाना चाहिए। उन्होंने संसद के उस प्रस्ताव का हवाला दिया जिसमें पीओके को भारत का हिस्सा माना गया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी कहती है ‘घर में घुसकर मारेंगे’, मैं कहता हूं ‘घर में घुसकर बैठ जाओ’। यह आतंकवाद अब खत्म होना चाहिए।”
‘आईएसआईएस से बदतर पाकिस्तान’
ओवैसी ने पाकिस्तान की परमाणु धमकियों पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि अगर वह किसी देश में घुसकर मासूम लोगों को मारेगा, तो वह देश खामोश नहीं बैठेगा।उन्होंने पाकिस्तान की तुलना आईएसआईएस से करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के जरिए जो किया है, वह आईएसआईएस से भी बदतर है।
उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार का समर्थन करें।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभी दलों की बैठक बुलाने का आग्रह किया, ताकि इस राष्ट्रीय संकट पर सभी की राय ली जा सके।
उन्होंने पाकिस्तान के नेताओं को याद दिलाया कि आतंकवाद ने उनकी अपनी पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की जान ली थी। पाकिस्तान भारत से सिर्फ एक घंटे नहीं, बल्कि आधी सदी पीछे है।
ओवैसी ने कहा कि आतंकवादियों ने भारत में कई निर्दोष लोगों की जान ली है, जिनमें हैदराबाद के लुंबिनी पार्क और दिलसुखनगर के हमलों के पीड़ित भी शामिल हैं। उन्होंने एक तेलुगु विद्वान शर्मा जी का जिक्र किया, जिन्होंने अपनी बेटी को इन हमलों में खो दिया था।
उन्होंने कहा कि पुलवामा, उरी, पठानकोट, रियासी जैसे हमलों में भी निर्दोष लोग मारे गए हैं और अब समय आ गया है कि इस आतंकवाद का स्थायी समाधान निकाला जाए।
ओवैसी ने कहा कि वह वर्तमान संकट में राजनीतिक लाभ नहीं चाहते, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए सरकार का समर्थन करते हैं। उन्होंने शुक्रवार की नमाज़ से पहले मस्जिद में काले बैंड बांटकर पाकिस्तान के नेताओं की युद्धोन्मादी बयानबाज़ी का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी भारतीय एकजुट हैं और पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के मुसलमानों ने मोहम्मद अली जिन्ना का प्रस्ताव ठुकराकर भारत में रहना चुना है। ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के मुसलमानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं और देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं।