Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Bihar Election 2025: बिहार में कांग्रेस का ‘रील कैप्टन’ कौन? राहुल या कोई और? अपने ही भ्रमजाल में फंसी कांग्रेस
    • PM शरीफ ने माना भारत के ऑपरेशन सिंदूर से नूरखान एयरबेस समेत कई ठिकाने हुए तबाह
    • औरंगजेब पर लाखों खर्च: क्या सच में एक साधारण मकबरे पर पर मेहरबान भारत सरकार, आइए जाने कब्र की सियासत
    • टूट गई आम आदमी पार्टी, 13 पार्षदों ने दिया इस्तीफा, फिर बनाई नई पार्टी
    • सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंजूरी के ‘एक्स-पोस्ट-फैक्टो’ रास्ते को अवैध घोषित किया
    • क्या दक्षिण भारत में अब कमल खिलाएंगे शशि थरूर
    • राष्ट्रपति के 14 सवालों का सचः संवैधानिक नैतिकता का पतन
    • सच का सामनाः राज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की गाइडलाइंस से ही फैसला दिया
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » औरंगजेब की कब्र पर आरएसएस-बीजेपी का यूटर्न क्यों, फडणवीस भी पलटे
    भारत

    औरंगजेब की कब्र पर आरएसएस-बीजेपी का यूटर्न क्यों, फडणवीस भी पलटे

    Janta YojanaBy Janta YojanaApril 1, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    आरएसएस, बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों ने औरंगजेब की कब्र के मुद्दे को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है।इस मुद्दे को अब एकदम से शांत कर दिया गया है। हाल ही में जब संघ और बीजेपी के नेताओं से विभिन्न शहरों में पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने कहा कि वे कब्र को नहीं हटाना चाहते हैं। हाल ही में एनडीए के सहयोगी और मोदी सरकार में शामिल लोकजनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने बहुत कड़ा बयान दिया था। चिराग ने कहा था कि इन बेकार के मुद्दों से बड़े मुद्दे देश में हैं।  

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को छत्रपति संभाजीनगर में मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह एक संरक्षित स्मारक है। उन्होंने कहा, “हम औरंगजेब को पसंद करें या न करें, उनका मकबरा एक संरक्षित स्मारक है। हम किसी को भी इसे हटाने नहीं देंगे। लेकिन इसका महिमामंडन भी नहीं करने देंगे।” नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि “कानून के दायरे से बाहर” ढांचों को हटाया जाना चाहिए। 

    यह सब तब शुरू हुआ जब बॉलीवुड फिल्म छावा रिलीज हुई। यह फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है, जिन्हें औरंगजेब ने कथित तौर पर क्रूरता से मार डाला था। फिल्म की सफलता ने औरंगजेब के खिलाफ भावनाएं भड़का दीं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग शुरू कर दी। उनका कहना था कि औरंगजेब एक “अत्याचारी शासक” था, जिसने हिंदुओं पर जुल्म ढाए, और उसकी कब्र भारतीय जमीन पर नहीं रहनी चाहिए। इन संगठनों ने कहा कि अगर औरंगजेब की कब्र को नहीं हटाया गया तो हम इसका हाल अयोध्या जैसा करेंगे।

    मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दक्षिणपंथी संगठनों की उग्र बयानबाजी का समर्थन किया। एनडीटीवी की 10 मार्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कानून के जरिए किया जाना चाहिए, क्योंकि पिछली कांग्रेस सरकार ने इसे भारतीय पुरातत्व सोसायटी या एएसआई को सौंपकर कब्र की रक्षा की थी।

    इस मांग के साथ ही नागपुर में विरोध प्रदर्शन हुए। लेकिन ये प्रदर्शन हिंसक हो गए। पुलिस ने चार एफआईआर दर्ज कीं, जिसमें कहा गया कि औरंगजेब के खिलाफ प्रदर्शन के वीडियो को एडिट कर हिंसा को बढ़ावा दिया गया। इस घटना के बाद पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने औरंगजेब की कब्र को टिन की चादरों से ढक दिया, ताकि तनाव कम हो। पुलिस ने बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के 8 लोगों पर हिंसा और मामला भड़काने की एफआईआर की। सभी 8 ने थाने में सरेंडर कर दिया और फौरन ही उन्हें जमानत मिल गई।

    इस घटनाक्रम के बाद आरएसएस का बयान सबसे पहले आया। सबसे पहले आरएसएस प्रवक्ता सुरेश अंबेकर ने कहा कि इस विवाद की कोई जरूरत नहीं है। फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैय्याजी’ जोशी ने इसे “अनावश्यक विवाद” करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक स्मारकों को लेकर इतना हंगामा ठीक नहीं।

    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “इतिहास को व्हाट्सएप पर मत पढ़ो। औरंगजेब और अफजल खान जैसे लोगों की कब्रें छत्रपति शिवाजी की बहादुरी का प्रतीक हैं। इन्हें संरक्षित करना चाहिए।” दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने कहा कि शिवाजी ने सभी जातियों और समुदायों को साथ लेकर शासन किया, तो अब औरंगजेब के नाम पर बवाल क्यों

    दक्षिणपंथियों का यूटर्न क्योंः शुरुआत में आरएसएस से जुड़े दो प्रमुख संगठनों वीएचपी और बजरंग दल ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। नागपुर में हिंसा के बाद उनकी मांगें और तेज हुई थीं। लेकिन आरएसएस का स्पष्ट बयान आने के बाद अब इन संगठनों ने इस मुद्दे को फिलहाल छोड़ने का फैसला किया है। सूत्रों के हवाले से कहा गया कि आरएसएस के हस्तक्षेप के बाद यह फैसला लिया गया। आरएसएस ने अपने संबद्ध संगठनों से कहा कि इस तरह के विवाद से सामाजिक सौहार्द को नुकसान हो सकता है और यह समय इस मुद्दे को आगे बढ़ाने का नहीं है। फडणवीस भी इसी वजह से पलट गए।

    एक सूत्र ने बताया, “नागपुर की घटना के बाद आरएसएस ने साफ कर दिया कि औरंगजेब की कब्र पर हंगामा मचाने से कोई फायदा नहीं। इससे सिर्फ तनाव बढ़ेगा।” इसके अलावा, सरकार और पुलिस की सख्ती ने भी इन संगठनों को पीछे हटने पर मजबूर किया। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, जिससे माहौल शांत हुआ। हालांकि सरकार का बयान यही था कि नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड कथित तौर पर एक मुस्लिम नेता फहीम खान हैं। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। 

    “

    महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से अब तक महाराष्ट्र में सांप्रदायिक अशांति की 823 घटनाएं हुई हैं, जिनमें नागपुर में हुई हिंसा भी शामिल है।


    औरंगजेब, 17वीं सदी का मुगल बादशाह, अपनी मृत्यु के बाद खुल्ताबाद, जिसे अब छत्रपति संभाजीनगर कहा जाता है, में दफनाया गया था। उसकी कब्र सादगी भरी है, जो उसके जीवन के अंतिम दिनों की सादगी को दर्शाती है। यह एएसआई के संरक्षण में है। इतिहासकारों का कहना है कि औरंगजेब का शासन विवादास्पद रहा—कुछ उसे कुशल प्रशासक मानते हैं, तो कुछ उसे धार्मिक कट्टरता के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। लेकिन उसकी कब्र को हटाने की मांग नई नहीं है; पहले भी कई बार यह मुद्दा उठ चुका है।

    बहरहाल, यह विवाद अब शांत पड़ गया है। कब्र अभी भी टिन की चादरों से ढकी है, और एएसआई ने इसकी सुरक्षा बढ़ा दी है। सरकार और पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। नागरिकों के बीच भी अब इस मुद्दे पर चर्चा कम हो रही है। औरंगजेब की कब्र को लेकर यह विवाद एक बार फिर इतिहास, राजनीति और धर्म के टकराव को सामने लाया। यह घटनाक्रम बता रहा है कि भारत में ऐतिहासिक मुद्दों को लेकर भावनाएं कितनी जल्दी भड़क सकती हैं, और उसका सीधा असर देश की शांति व्यवस्था पर पड़ता है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमंगल का कर्क राशि में गोचर: देश-दुनिया और स्‍टॉक मार्केट में आएंगे उतार-चढ़ाव!
    Next Article Odisha Sthapna Divas 2025: ओडिशा की स्थापना कब हुई, क्या है उड़ीसा का इतिहास ?
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंजूरी के ‘एक्स-पोस्ट-फैक्टो’ रास्ते को अवैध घोषित किया

    May 17, 2025

    राष्ट्रपति के 14 सवालों का सचः संवैधानिक नैतिकता का पतन

    May 17, 2025

    सच का सामनाः राज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की गाइडलाइंस से ही फैसला दिया

    May 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025

    पलायन का दुश्चक्र: बुंदेलखंड की खाली स्लेट की कहानी

    April 30, 2025

    शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

    April 15, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    PM शरीफ ने माना भारत के ऑपरेशन सिंदूर से नूरखान एयरबेस समेत कई ठिकाने हुए तबाह

    May 17, 2025

    पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत बड़े पैमाने पर पानी निकालने वाला है, पाकिस्तान में इस प्रोजेक्ट पर मची है दहशत

    May 16, 2025

    नीरव मोदी को फिर से बड़ा झटका, यूके हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

    May 16, 2025
    एजुकेशन

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025

    NEET UG 2025 एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड

    April 30, 2025

    योगी सरकार की फ्री कोचिंग में पढ़कर 13 बच्चों ने पास की UPSC की परीक्षा

    April 22, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.