फरवरी 2025: प्रत्येक व्यक्ति की आने वाले नए दिन से बहुत आशाएं जुड़ी होती हैं। हर माह अपने साथ उम्मीद की एक नई किरण लेकर आता है। ऐसे में, सर्दियों का मौसम अब धीरे-धीरे हमसे विदा लेने के लिए तैयार हैं और गर्मी दस्तक देने के लिए। हालांकि, फरवरी एक ऐसा महीना होता है जहां वातावरण में सर्दी-गर्मी दोनों ही बनी रहती है। ऐसे में, फरवरी 2025 को लेकर हम सबके मन में उत्सुकता होती है कि नया महीना हमारे लिए कैसा रहेगा? क्या करियर में मिलेगी सफलता? प्रेम, वैवाहिक जीवन के लिए कैसा रहेगा ये महीना? तो इन सभी सवालों के जवाब आपको एस्ट्रोसेज एआई के इस खास ब्लॉग में।

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इसके अलावा, फरवरी के महीने में ऋतु में भी बदलाव आने लगता है और इस दौरान कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। इस ब्लॉग में आपको न सिर्फ फरवरी में पड़ने वाले प्रमुख व्रत एवं त्योहार की सही तिथियों की जानकारी प्राप्त होगी, बल्कि इस महीने के बैंक अवकाशों से भी अवगत कराएंगे। तो आइए बिना देरी किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जान लेते हैं कि कैसा रहेगा फरवरी 2025 का महीना आपके लिए।
फरवरी 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, साल का दूसरा महीना होता है फरवरी जो कि वर्ष का सबसे छोटा महीना है क्योंकि इसमें सिर्फ 28 दिन होते हैं और जिस वर्ष फरवरी में 29 दिन पड़ते हैं, उसे लीप ईयर कहते हैं। बात करें इस महीने के पंचांग की, तो फरवरी 2025 का आगाज़ शतभिषा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 01 फरवरी 2025 को होगा जबकि इसका अंत 28 फरवरी 2025 को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन हो जाएगा। चलिए अब नज़र डालते हैं इस महीने के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों पर।
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फरवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार की तिथियां
हिंदू धर्म में हर महीने अनेक व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं जिनका अपना धार्मिक महत्व होता है। ऐसे में, प्रत्येक व्रत या त्योहार उस माह की विशेषता बन जाता है। इसी क्रम में, हम बसंत के महीने फरवरी 2025 में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों की तिथियां आपको प्रदान कर रहे हैं ताकि आप कोई भी महत्वपूर्ण पर्व भूल न जाएं।
तिथि | दिन | पर्व व व्रत |
02 फरवरी 2025 | रविवार | बसंत पंचमी |
02 फरवरी 2025 | रविवार | सरस्वती पूजा |
08 फरवरी 2025 | शनिवार | जया एकादशी |
09 फरवरी 2025 | रविवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
12 फरवरी 2025 | बुधवार | कुम्भ संक्रांति |
12 फरवरी 2025 | बुधवार | माघ पूर्णिमा व्रत |
16 फरवरी 2025 | रविवार | संकष्टी चतुर्थी |
24 फरवरी 2025 | सोमवार | विजया एकादशी |
25 फरवरी 2025 | मंगलवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
26 फरवरी 2025 | बुधवार | महाशिवरात्रि |
26 फरवरी 2025 | बुधवार | मासिक शिवरात्रि |
27 फरवरी 2025 | गुरुवार | फाल्गुन अमावस्या |
फरवरी 2025 में पड़ने वाले व्रत-त्योहार का धार्मिक महत्व
फरवरी 2025 में मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों की तिथियों को जानने के बाद अब हम आपको रूबरू करवाते हैं इस माह के व्रत-पर्वों के धार्मिक महत्व से।
बसंत पंचमी (02 फरवरी 2025, रविवार): पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी को हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह तिथि विद्यारंभ संस्कार के लिए बेहद शुभ होती है। बता दें कि बसंत पंचमी का पर्व देवी सरस्वती को समर्पित होता है।
सरस्वती पूजा (02 फरवरी 2025, रविवार): सरस्वती पूजा के दिन वाणी और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा का विधान है जिसे वसंत पंचमी भी कहा जाता है। यह दिन देवी सरस्वती की कृपा प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ होता है।
जया एकादशी (08 फरवरी 2025, शनिवार): हिंदू धर्म में एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु का पूजन और व्रत किया जाता है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत करने से जातक को ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिल जाती है।
प्रदोष व्रत (शुक्ल) (09 फरवरी 2025 रविवार): प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद एवं कृपा पाने के लिए किया जाता है जिसे त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को करने का विधान है। इस व्रत से जातक को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।
कुंभ संक्रांति (12 फरवरी 2025, बुधवार): सामान्य रूप से एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती हैं। बता दें कि संक्रांति तिथि वह होती है जब सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। हालांकि, प्रत्येक संक्रांति का अपना एक अलग महत्व होता है। जब सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करते हैं, तो इसे कुंभ संक्रांति कहा जाता है।
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माघ पूर्णिमा व्रत (12 फरवरी 2025, बुधवार): धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का अत्यंत महत्व है और यह पूर्णिमा माघ माह में आने के कारण माघ पूर्णिमा से नाम से जानी जाती है। यह तिथि दान, स्नान और मंत्र जाप के लिए फलदायी होती है। साथ ही, इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
संकष्टी चतुर्थी (16 फरवरी 2025 रविवार): संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने किया जाता है जो कि सनातन धर्म के सबसे लोकप्रिय व्रतों में से एक है। यह व्रत विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित होता है और इस दिन गणेश जी का पूजन एवं व्रत करने से बप्पा अपने भक्तों के जीवन से सभी समस्याओं का अंत कर देते हैं। यह व्रत गणेश जी की कृपा पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।
विजया एकादशी (24 फरवरी 2025, सोमवार): वर्ष भर में आने वाली सभी 24 एकादशी तिथियों में से विजया एकादशी को सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण माना गया है। कहते हैं कि विजया एकादशी का व्रत करने से जातक को जीवन के समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी का व्रत करने से पितरों को स्वर्ग प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025, बुधवार): महाशिवरात्रि की गिनती हिंदू धर्म के सबसे बड़े एवं पवित्र पर्वों में होती है जो कि देशभर में बेहद उत्साह से मनाई जाती है। इस दिन शिव मंदिरों की भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है और महादेव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि पर भक्तजन शिवलिंग पर बेलपत्र, जल और दूध आदि अर्पित करते हैं।
फाल्गुन अमावस्या (27 फरवरी 2025, गुरुवार): फाल्गुन अमावस्या का व्रत बहुत फलदायी होता है, विशेष रूप से उनके लिए जो अपने जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और शांति की कामना करते हैं। पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहा जाता है। इस तिथि को पितृ शांति के लिए उत्तम माना जाता गया है।
व्रत-पर्वों का धार्मिक महत्व जानने के बाद आइए अब जानते हैं फरवरी 2025 के बैंक अवकाशों के बारे में।
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फरवरी 2025 के बैंक अवकाशों की पूरी लिस्ट
अगर हम सभी राज्यों को जोड़कर फरवरी में पड़ने वाले कुल बैंक अवकाशों की बात करें, तो फरवरी 2025 में कुल 7 बैंक अवकाश होंगे जिनकी तिथियों की जानकारी आपको नीचे दी जा रही हैं।
तिथि | अवकाश | राज्य |
02 फरवरी 2025 | बसंत पंचमी | हरियाणा, उड़ीसा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल |
12 फरवरी 2025 | गुरु रविदास जयंती | हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश |
15 फरवरी 2025 | लुइ-नगाई-नी | मणिपुर |
19 फरवरी 2025 | छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती | महाराष्ट्र |
20 फरवरी 2025 | राज्य स्थापना दिवस | अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम |
26 फरवरी 2025 | महाशिवरात्रि | राष्ट्रीय अवकाश इन राज्यों को छोड़कर आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, गोवा, लक्षद्वीप,, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, पांडिचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल |
28 फरवरी 2025 | लोसार | सिक्किम |
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फरवरी 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त
यहाँ हम आपको फरवरी 2025 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्रदान करने जा रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
दिनांक एवं दिन | नक्षत्र | मुहूर्त का समय |
02 फरवरी 2025, रविवार | उत्तराभाद्रपद व रेवती | सुबह 09 बजकर 13 मिनट से अगली सुबह 07 बजकर 09 मिनट तक |
03 फरवरी 2025, सोमवार | रेवती | सुबह 07 बजकर 09 मिनट से शाम 05 बजकर 40 मिनट तक |
06 फरवरी 2025, गुरुवार | रोहिणी | सुबह 07 बजकर 29 मिनट से अगली सुबह 07 बजकर 08 मिनट तक |
07 फरवरी 2025, शुक्रवार | रोहिणी | सुबह 07 बजकर 08 मिनट से शाम 04 बजकर 17 मिनट तक |
12 फरवरी 2025, बुधवार | माघ | रात 01 बजकर 58 मिनट से सुबह 07 बजकर 04 मिनट तक |
13 फरवरी 2025, गुरुवार | माघ | सुबह 07 बजकर 03 मिनट से सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक |
14 फरवरी 2025, शुक्रवार | उत्तरा फाल्गुनी | रात 11 बजकर 09 मिनट से सुबह 07 बजकर 03 मिनट तक |
15 फरवरी 2025, शनिवार | उत्तरा फाल्गुनी व हस्त | रात 11 बजकर 51 मिनट से सुबह 07 बजकर 02 मिनट तक |
16 फरवरी 2025, रविवार | हस्त | सुबह 07 बजे से सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक |
18 फरवरी 2025, मंगलवार | स्वाति | सुबह 09 बजकर 52 मिनट से अगली सुबह 07 बजे तक |
19 फरवरी 2025, बुधवार | स्वाति | सुबह 06 बजकर 58 मिनट से सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक |
21 फरवरी 2025, शुक्रवार | अनुराधा | सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक |
23 फरवरी 2025, रविवार | मूल | दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से शाम 06 बजकर 42 मिनट तक |
25 फरवरी 2025, मंगलवार | उत्तराषाढ़ा | सुबह 08 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 30 मिनट तक |
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फरवरी 2025 में अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त
तिथि | मुहूर्त |
7 फरवरी 2025 | 07:37-07:5709:24-14:2016:35-23:29 |
10 फरवरी 2025 | 07:38-09:1310:38-18:43 |
17 फरवरी 2025 | 08:45-13:4115:55-22:49 |
26 फरवरी 2025 | 08:10-13:05 |
फरवरी 2025 में मुंडन संस्कार के शुभ मुहूर्त
तिथि | मुहूर्त |
07 फरवरी 2025, शुक्रवार | 18:41:02=31:06:01 |
10 फरवरी 2025, सोमवार | 07:03:55-19:00:14 |
17 फरवरी 2025, सोमवार | 06:58:20-28:56:47 |
26 फरवरी 2025, बुधवार | 06:49:56-11:11:31 |
फरवरी का ज्योतिषीय एवं धार्मिक महत्व
हम अपने लेखों में आपको बताते आये हैं कि हर दिन, हर सप्ताह और हर माह का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व होता है जो उसे साल के अन्य महीनों से अलग बनाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, हर महीने की अपनी खूबियां और अपने गुण होते हैं। हालांकि, यहाँ हम बात करेंगे साल 2025 के दूसरे महीने फरवरी के धार्मिक महत्व की। फरवरी के महीने से प्रकृति और मौसम में बदलाव आने लगते हैं इसलिए इस माह का महत्व बढ़ जाता है। धार्मिक दृष्टि से, फरवरी में कई बड़े एवं प्रमुख वं त्योहारों को मनाया जाता है। इस बारे में हम आपको विस्तार से बता चुके हैं इसलिए चलिए अब नज़र डालते हैं फरवरी 2025 के धार्मिक महत्व पर।
बात करें हिंदू पंचांग की, तो साल का दूसरा माह फरवरी सनातन धर्म के लिए बेहद मायने रखता है जिसका आरंभ माघ महीने के तहत होगा और इसका अंत फाल्गुन महीने के अंतर्गत होगा। हिंदू वर्ष में माघ का महीना ग्यारहवां माह होता है जो कि पौष के बाद आता है। इस माह को अत्यंत शुभ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, सामान्य रूप से माघ मास जनवरी और फरवरी के बीच में आता है। माघ माह में ही कल्पवास भी आयोजित किया जाता है। वर्ष 2025 में हिंदू वर्ष के ग्यारहवें महीने माघ का आरंभ 14 जनवरी 2025 को शुरू होगा और इसका अंत 12 फरवरी 2025 को हो जाएगा। इसी के साथ, 13 फरवरी 2025 से फाल्गुन मास शुरू हो जाएगा।
माघ मास का महत्व
माघ माह का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से माना गया है जिसे पहले माध नाम से जाना जाता था। लेकिन, बाद में इसका नाम माघ हो गया। बता दें कि ‘माध’ शब्द श्रीकृष्ण के एक नाम माधव से संबंधित है इसलिए इस माह को अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस महीने अनेक धार्मिक त्योहार मनाए जाते हैं और संगम पर कल्पवास भी किया जाता है जो व्यक्ति के शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। इस माह में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा का विधान है।
माघ माह में इन नियमों का करें पालन
माघ का महीना दान के लिए शुभ होता है इसलिए इस दौरान दान करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें जो कि इस प्रकार हैं।
- दान को कभी भी आप किसी के दबाव में आकर न करें।
- दान हमेशा किसी ऐसे इंसान को करना चाहिए जिसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो।
- दान में दी जाने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए।
- कभी भी मांस, मदिरा या नुकीली चीज़ों क दान नहीं करना चाहिए।
- दान करते समय अपने मन में ऐसा भाव रखें कि यह वस्तु भगवान की दी जा रही है।
फाल्गुन माह का महत्व
हिंदू वर्ष का बारहवां और अंतिम महीना होता है फाल्गुन। इस माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें रंगों का त्योहार होली, शिव-पार्वती के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि आदि शामिल हैं। साथ ही, फाल्गुन के महीने में वसंत उत्सव भी मनाया जाता है। इस माह में मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और चंद्र देव की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र देव का जन्म फाल्गुन मास में हुआ था इसलिए इस माह इनकी आराधना की जाती है।
फाल्गुन के महीने में जरूर करें ये काम
- फाल्गुन माह में नियमित रूप से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही, कृष्ण जी को सुगंधित फूल चढ़ाने चाहिए।
- इस महीने हल्के वस्त्र धारण करना अच्छा रहता है।
- फाल्गुन माह में गर्म पानी से स्नान करने से बचें क्योंकि इस महीने में मौसम में बदलाव होने के कारण गर्म पानी से नहाने की वजह से शरीर में कमजोरी या संक्रमण की संभावना बनी रहती है।
- आयुर्वेद और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन के महीने में ठंडे पानी से स्नान करना सर्वश्रेष्ठ होता है।
सुख-समृद्धि के लिए फाल्गुन मास में करें इनकी पूजा
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन माह में भगवान कृष्ण के तीन स्वरूपों की उपासना को बेहद शुभ माना जाता है और वह तीन स्वरूप हैं: श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप, राधा-कृष्ण और गुरु रूप में श्रीकृष्ण।
- संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले लोगों के लिए फाल्गुन मास में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करना श्रेष्ठ होता है।
- जो लोग जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इस माह में राधा-कृष्ण की आराधना करनी चाहिए।
- ज्ञान प्राप्ति के इच्छुक लोगों को फागुन के महीने में योगेश्वर जगद्गुरु कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
इस वर्ष फाल्गुन माह 13 फरवरी 2025 से शुरू होगा।
साल 2025 में बसंत पंचमी 02 फरवरी 2025, रविवार के दिन मनाई जाएगी।
इस साल जया एकादशी 08 फरवरी 2025, शनिवार के दिन पड़ेगी।
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