भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी स्थलों पर हमले करने के बाद, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार (7 मई) को जोर देकर कहा कि यदि पाकिस्तान आगे बढ़ने का फैसला करता है तो भारत “दृढ़ता से जवाब देने” के लिए तैयार है।
एनएसए डोभाल ने सख्त चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि भारत का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, हालांकि, अगर पाकिस्तान तनाव बढ़ाता है तो भारत जवाबी कार्रवाई करेगा।
एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और जापान के सुरक्षा सलाहकारों को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे के खिलाफ भारत के मिसाइल हमलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान तनाव बढ़ाने का फैसला करता है तो वह दृढ़ता से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।” उन्होंने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ब्रिटेन के जोनाथन पॉवेल, सऊदी अरब के मुसैद अल ऐबन, यूएई के महामहिम शेख तहनून और जापान के मसाताका ओकानो से बात की। अधिकारी ने कहा, “रूसी एनएसए सर्गेई शोइगु, सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और पीआरसी के विदेश मंत्री वांग यी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल बोने के राजनयिक सलाहकार से भी संपर्क स्थापित किया।”
पाकिस्तान की धमकी
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 7 मई को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से भारत के खिलाफ एक कड़ा बयान जारी किया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शाहबाज ने कहा- “हमारे पांच क्षेत्रों पर इन कायराना हमलों का जवाब न देना संभव नहीं है। पाकिस्तान को भारत द्वारा शुरू किए गए इस युद्ध के कार्य का माकूल और दृढ़ जवाब देने का पूरा अधिकार है। और यह जवाब पहले ही दिया जा चुका है।”
इसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक विशेष बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और सूचना मंत्री अताउल्लाह तराड़ ने कई दावे किए। लेकिन उनकी पुष्टि कहीं से नहीं हुई। भारतीय सेना ने इन दावों का जवाब नहीं दिया और कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया। बहरहाल, पाकिस्तान में भी सभी फ्लाइट्स का ऑपरेशन अब बहाल कर दिया गया है।
तमाम विश्लेषकों कह रहे हैं कि इन दो परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच इस तरह के परस्पर विरोधी बयान क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। विशेष रूप से, मौजूदा घटनाक्रम चिंताजनक स्थिति की ओर बढ़ रहा है। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि यह संघर्ष और बढ़ेगा या कूटनीतिक वार्ताओं के माध्यम से शांत होगा। वैसे कई देशों ने मध्यस्थता की पेशकश की है। जिसमें यूएस, ब्रिटेन, ईरान, कतर प्रमुख हैं। यूएन ने भी दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत और पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि उनके विवादित सीमा पर गोलाबारी के बाद आगे के हमले “क्षेत्र के हित में नहीं है”। अफगानिस्तान विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में कहा कि “यह दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के माध्यम से अपने मुद्दों को हल करने का आग्रह करता है”।