Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Live खबरेंः पाकिस्तान ने इंडिगो की फ्लाइट लाहौर में नहीं उतरने दिया
    • ट्रम्प ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का एडमिशन रोका
    • मोरारजी देसाई को क्यों मिला था पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान?
    • क्या मोदी बदल गए हैं? समर्थक भी पूछने लगे हैं सवाल!
    • Shravasti News: संविधान सम्मान व जनहित हुंकार यात्रा श्रावस्ती पहुंची, स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा के राष्टृवाद को बताया ढकोसला, भाजपाईयों ने सिरसिया में निकाली तिरंगा यात्रा
    • क्या पाकिस्तान ने मोरारजी देसाई पर दांव खेला?
    • मोदी बोले: दिमाग ठंडा है लेकिन रगों में सिंदूर बहता है
    • काशी का चमत्कारी बैंक: यहाँ मनोकामना पूरी करने के लिए लेना होता है राम नाम का लोन, लाल बहादुर शास्त्री की माता जी भी ले चुकी हैं कर्ज
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » महाकुंभ भगदड़ः मोदी जी कुछ याद है, आपने नेहरू पर क्या आरोप लगाया था?
    भारत

    महाकुंभ भगदड़ः मोदी जी कुछ याद है, आपने नेहरू पर क्या आरोप लगाया था?

    By January 29, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    महाकुंभ प्रयागराज में बुधवार को हुई भगदड़ की खबर अब मध्यम पड़ने लगी है। भारत का गोदी मीडिया महाकुंभ की बदइंतजामी और योगी आदित्यनाथ की हठधर्मी पर बात नहीं करना चाहता। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना की सूचना देते समय भगदड़ में मरने वालों की सूचना तक नहीं देते हैं। वो सिर्फ घायलों का जिक्र करते हैं। हालांकि मरने वालों की तादाद 10 से 15 बताई जा रही है लेकिन प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं कि आंकड़ा इससे बड़ा है। जिस तरह कोरोना से हुई मौतों को छिपाया गया, उसी तरह महाकुंभ भगदड़ में मौतों की तादाद छिपाई जा रही है। लेकिन हमारी रिपोर्ट का विषय बुधवार की भगदड़ नहीं है। यहां पर बात उस भगदड़ की हो रही है जो 3 फरवरी 1954 को हुई थी। उस घटना में इलाहाबाद में 800 लोगों की मौत हुई थी। 

    1954 की घटना की बात इतिहास में दर्ज होकर रह गई थी। लेकिन 2019 में पीएम मोदी ने इसे विवादास्पद बनाना चाहा। यहां तक ​​कि मई 2019 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक रैली में इस घटना को उठाया था। मोदी ने इस बात की तुलना उस रैली में की थी कि भाजपा और कांग्रेस सरकारें कैसे कुंभ को संभालती हैं। उन्होंने 1954 की भगदड़ का जिक्र करते हुए 2019 के कुंभ मेले के लिए यूपी सरकार के इंतजाम की तारीफ की थी। क्या मोदी को 2019 की अपनी विवादित बातें याद हैं।.

    मई 2019 में मोदी और बीजेपी ने आरोप लगाया था कि 1954 की घटना की खबर “दबा दी गई।” राज्यसभा में उस समय प्रधानमंत्री नेहरू से सवाल हुए थे। उन्होंने गहरा दुख जताया था, सदन ने एक मिनट का मौन भी रखा। लेकिन उससे पहले नेहरू ने तर्क दिया कि यह “अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश सरकार का मामला है।” हालाँकि, नेहरू ने कहा था, “निस्संदेह, दूसरे अर्थ में, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मामला है, एक राष्ट्रीय त्रासदी है…।” नेहरू से सवाल इसलिए हुए थे कि तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और पीएम नेहरू एक ही दिन इलाहाबाद पहुंच गये थे। राजेंद्र प्रसाद ने तो स्नान भी किया था।

    बीजेपी ने कौशांबी में दिये गए मोदी के भाषण के अंशों को ट्वीट किया था। मोदी ने 1 मई 2019 को कहा था- जब पंडित नेहरु प्रधानमंत्री थे तो वो एक बार कुंभ मेले में आये थे। तब पंचायत से पार्लियामेंट तक कांग्रेस की सरकार थी।

    तब अव्यवस्था के कारण कुंभ में भगदड़ मच गई थी, हजारों लोग मारे गए थे।

    लेकिन पंडित नेहरु पर कोई दाग न लग जाए, उसके लिए ये खबर दबा दी गई: पीएम। बीजेपी के उस ट्वीट को नीचे दिया जा रहा है, ताकि मोदी को उनका भाषण याद दिलाया जा सके।

    जब पंडित नेहरु प्रधानमंत्री थे तो वो एक बार कुंभ मेले में आये थे। तब पंचायत से पार्लियामेंट तक कांग्रेस की सरकार थी।

    तब अव्यवस्था के कारण कुंभ में भगदड़ मच गई थी, हजारों लोग मारे गए थे।

    लेकिन पंडित नेहरु पर कोई दाग न लग जाए, उसके लिए ये खबर दबा दी गई: पीएम #DeshBoleModiPhirSe

    — BJP (@BJP4India) May 1, 2019

    क्या नेहरू उस भगदड़ के लिए जिम्मेदार थे, क्या वो कुंभ में गये थे

    3 फरवरी 1954 को नेहरू कहां थे, इस पर नेहरू ने राज्यसभा में सवालों के जवाब में कहा था: “मैं उस स्थान पर मौजूद नहीं था। जहां त्रासदी हुई थी, लेकिन उससे बहुत दूर भी नहीं था। मैं उस अवसर पर नदी (गंगा) के दोनों किनारों पर शायद 40 लाख लोगों की जबरदस्त भीड़ को कभी नहीं भूल सकता।” दस्तावेज बताते हैं कि बाद में यूपी सरकार के जांच पैनल ने इसकी जांच की। उसने 3 फरवरी 1954 को इलाहाबाद में वीआईपी मौजूदगी और भगदड़ के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया।

    क्या हुआ था 3 फरवरी 1954 को

    1954 का इलाहाबाद कुंभ मेला आज़ादी के बाद अपनी तरह का पहला मेला था। इसीलिए आने वालों में नेहरू और तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी थे।

    राजेंद्र प्रसाद ने गंगा घाट पर पवित्र स्नान किया। फ़ोटोग्राफ़र एनएन मुखर्जी ने 1989 में एक पत्रिका में एक प्रत्यक्षदर्शी विवरण साझा किया था। मुखर्जी ने लिखा था- “मुझे आज भी यह याद करके रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि कैसे मैंने मरते हुए या मृत पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के शरीरों पर आड़े-तिरछे तस्वीरें लीं, जो टक्कर के बाद जमीन पर गिर गए थे।” उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या पर सुबह 9 से 10 बजे के बीच जब भगदड़ मची तो नेहरू मेले के प्रबंधन की निगरानी के लिए वहां मौजूद थे। नेहरू राहत कार्य का निर्देश दे रहे थे। 

    मुखर्जी, जो उस समय अमृत बाजार पत्रिका अखबार के साथ काम कर रहे थे, जो इलाहाबाद से निकलता था। उन्होंने लिखा कि वीआईपी कारों को गुजरने के लिए एक बैरियर लगाया गया था और दोनों तरफ भीड़ खड़ी थी। नेहरू और राजेंद्र प्रसाद के आगे बढ़ने के बाद, “बड़ी संख्या में दर्शक, जिन्हें बैरियर के दोनों ओर रोक दिया गया था, वे बैरियर को तोड़ते हुए नीचे घाट की ओर जाने लगे थे।”

    घटना की जांच में कई कारण बताए गए, जैसे गंगा का अपना मार्ग बदलना और एक घाट पर बहुत अधिक श्रद्धालुओं का जमा होना। लेकिन उस समय नेहरू और राजनीतिक व्यवस्था पर कम आरोप लगे थे। बेशक 2025 के महाकुंभ में भीड़ उस समय के मुकाबले कई गुना ज्यादा थी लेकिन तब (1954) राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के जाने का वहां प्रचार नहीं किया गया था। इस बार तो मात्र यूपी सरकार के मंत्रियों के जाने को बढ़ाचढ़ाकर पेश किया जा रहा है। इलाहाबाद के चप्पे चप्पे पर मोदी-योगी के पोस्टर हैं।

    मुखर्जी ने उस दिन के बारे में लिखा था- “बैरियर के दूसरी ओर साधुओं का एक जुलूस चल रहा था। भारी भीड़ उमड़ने से जुलूस में खलल पड़ गया। जब भीड़ बैरिकेड की ढलान पर हादसे का शिकार हो गई, तो ऐसा लगा जैसे खड़ी फसलों के गिरने से ठीक पहले तूफान आने पर लहरें उठती हैं। जो गिरे वे फिर उठ नहीं सके। उन्होंने लिखा, ‘मुझे बचाओ, मुझे बचाओ’ की आवाजें गूंजने लगीं। उन्होंने लिखा कि अधिकारी शाम करीब 4 बजे तक इस त्रासदी के पैमाने के बारे में काफी हद तक अनजान थे। 

    2025 से पहले प्रयाग कुंभ में फरवरी 2013 में आखिरी बार भगदड़ की सूचना मिली थी, जिसमें इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर एक फुट ओवरब्रिज गिरने से 42 लोग मारे गए थे, जिससे दहशत फैल गई थी।

    (इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleट्रम्प की टैरिफ धमकी का असरः यूएस से आने वाली कुछ चीजों पर टैक्स घटाएगा भारत
    Next Article दावोस विश्व आर्थिक मंच को क्यों नहीं भुना सका भारत?

    Related Posts

    Live खबरेंः पाकिस्तान ने इंडिगो की फ्लाइट लाहौर में नहीं उतरने दिया

    May 23, 2025

    ट्रम्प ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का एडमिशन रोका

    May 23, 2025

    मोरारजी देसाई को क्यों मिला था पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान?

    May 22, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025

    पलायन का दुश्चक्र: बुंदेलखंड की खाली स्लेट की कहानी

    April 30, 2025

    शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

    April 15, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025

    NEET UG 2025 एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड

    April 30, 2025

    योगी सरकार की फ्री कोचिंग में पढ़कर 13 बच्चों ने पास की UPSC की परीक्षा

    April 22, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.