महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के क़रीब एक महीना होने को आया और अब कैबिनेट की शपथ होने वाली है। पहले सीएम पद को लेकर खींचतान और फिर मंत्रालयों को लेकर गठबंधन सहयोगियों में खींचतान की वजह से इतनी देरी हुई। चुनाव में महायुति की जीत के बाद महायुति मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम 4 बजे नागपुर में होगा। शिवसेना और एनसीपी के कई विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाना तय है।
कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली भाजपा के विस्तार के दौरान नए चेहरे लाए जाने संभावना है। शिवसेना की ओर से 13 विधायकों के शपथ लेने की संभावना है। मंत्री बनाए जाने वालों में उदय सामंत, शंभूराजे देसाई, गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे और संजय राठौड़ शामिल हैं।
इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना से कई नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। संजय शिरसाट, भरत गोगावाले, प्रकाश अबितकर, योगेश कदम, आशीष जायसवाल और प्रताप सरनाइक के शपथ लेने की संभावना है।
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार हालाँकि, दीपक केसरकर, तानाजी सावंत और अब्दुल सत्तार समेत शिवसेना के कुछ प्रमुख नेता इस बार मंत्रिमंडल में वापस नहीं आएंगे।
महायुति गठबंधन में एक और प्रमुख दल एनसीपी सदस्यों के भी शामिल होने की संभावना है। अदिति तटकरे, बाबासाहेब पाटिल, दत्तात्रेय भरणे, हसन मुश्रीफ और नरहरि जिरवाल के मंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है।
भाजपा से कई प्रमुख विधायकों के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है। जिन लोगों को कथित तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए कॉल आए हैं, उनमें नितेश राणे, शिवेंद्र राजे, गिरीश महाजन, मेघना बोर्डिकर, पंकजा मुंडे, जयकुमार रावल और मंगल प्रभात लोढ़ा शामिल हैं।
महायुति सरकार में बीजेपी को 20 कैबिनेट पद आवंटित किए गए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि इनमें से कुछ अभी खाली ही रहेंगे, क्योंकि भाजपा भविष्य में अपने मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने पर विचार कर रही है।
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि भाजपा महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार में गृह मंत्रालय अपने पास रखते हुए आवास मंत्रालय शिवसेना को सौंप सकती है। यह भी संकेत दिया गया है कि शिवसेना और एनसीपी दोनों को पिछली महायुति सरकार में मिले विभागों को बरकरार रखा जाना संभव है, जबकि शिवसेना को एक अतिरिक्त मंत्रालय मिलेगा।
बता दें कि पिछले ढाई साल से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शासन करने के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने की कड़वी गोली निगलनी पड़ी है। हालाँकि, यह दोनों दलों के बीच गहन बातचीत के बाद हुआ है। चुनाव नतीजे आने के क़रीब दो हफ़्ते तक सीएम पद को लेकर खींचतान चलती रही।
सत्ता-साझाकरण के फार्मूले और पोर्टफोलियो वितरण को अंतिम रूप देने के लिए शिवसेना ने भाजपा के साथ गहन बातचीत की, जिसमें शिंदे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए तभी सहमत हुए जब पिछले सप्ताह भाजपा नेताओं और उनकी पार्टी के विधायकों ने उन्हें मनाने का प्रयास किया। लेकिन इसके बाद भी मंत्रालयों के बँटवारे को लेकर स्थिति साफ़ नहीं हो पाई। अब दस 10 दिन बाद कैबिनेट के शपथ लिए जाने की ख़बर आई है।