Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें बच्चों के साथ मारपीट और शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना पर कड़ी चेतावनी दी गई है। सरकार ने साफ किया है कि इस तरह की घटनाओं में शामिल शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा।
क्या है सरकार का आदेश?
मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा भेजी गई चिट्ठी के बाद, राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इस आदेश के तहत, सरकारी और निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के साथ-साथ भेदभाव को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही, शारीरिक दंड देने पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया है।
नोटिस में क्या कहा गया?
मध्य प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के अपर संचालक द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 17 (1) के तहत शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना, साथ ही भेदभाव पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, और यह दंडनीय अपराध माना जाता है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 के तहत भी शारीरिक दंड पर प्रतिबंध है।
आदेश में आगे यह भी कहा गया है कि राज्य के सभी जिलों में शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित संस्थाओं द्वारा छात्रों को शारीरिक दंड देने की घटनाओं की पहचान की जाए और उन्हें रोका जाए। यदि किसी शिक्षक द्वारा शारीरिक दंड दिया जाता है, तो तत्काल अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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