Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • पीएम मोदी साइप्रस यूं ही नहीं गए थे, कुछ नतीजा निकलेगा कूटनीतिक मुहिम का?
    • Satya Hindi News Bulletin। 17 जून, दोपहर तक की ख़बरें
    • Satya Hindi News Bulletin। 17 जून, सुबह तक की ख़बरें
    • बारिश, ब्रेक और बॉन्डिंग- मानसून माइक्रोकैशन से बदलती वीकेंड ट्रैवल की तस्वीर
    • G7 अपडेटः ट्रम्प ने सम्मेलन छोड़ा, मैक्रों को लताड़ा, ईरान के साथ युद्धविराम की बातें
    • War Live: तेल अवीव में धमाके, ट्रम्प ने ईरानियों से तेहरान छोड़ने को कहा
    • इसराइल-ईरान वॉरः ट्रम्प ने G7 के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर से इनकार क्यों किया
    • हरियाणा की मॉडल मर्डर मिस्ट्री, आखिर शीतल का कातिल कौन ?
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » असम सीएम वाले बैंक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कवर करते पत्रकार की गिरफ्तारी क्यों?
    भारत

    असम सीएम वाले बैंक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कवर करते पत्रकार की गिरफ्तारी क्यों?

    By March 26, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    असम में एक चौंकाने वाली घटना ने पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिलावर हुसैन मजुमदार को मंगलवार रात पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक यानी एसीएबी के ख़िलाफ़ एक प्रदर्शन को कवर करने के बाद घर लौटे थे। इस बैंक के निदेशक असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा हैं, और इसके अध्यक्ष बीजेपी विधायक बिस्वजीत फुकन हैं। डिजिटल मीडिया पोर्टल ‘द क्रॉसकरंट’ के मुख्य संवाददाता मजुमदार ने लंबे समय से सरकार के ख़िलाफ़ क्रिटिकल रिपोर्टिंग की है। उनकी गिरफ्तारी के पीछे सरकार का मक़सद क्या हो सकता है, और यह क़दम समाज को क्या संदेश देता है

    गुवाहाटी में बुधवार को पत्रकारों ने प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला क़रार दिया। प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि यह आधी रात के बाद पत्रकार दिलावर हुसैन मजुमदार की गिरफ्तारी के ख़िलाफ़ आज गुवाहाटी प्रेस क्लब द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के साथ एकजुटता से खड़ा है। इसने कहा है कि हम इस मामले में असम पुलिस की मनमानी की निंदा करते हैं।

    The Press Club of India stands in solidarity with the Guwahati Press Club’s protest being held today against the arrest of senior digital media journalist Dilawar Hussain Mozumder by Assam Police post midnight on March 26.

    We condemn the Assam Police’s highhandedness in the… pic.twitter.com/YrWcg5X6Cl

    — Press Club of India (@PCITweets) March 26, 2025

    पीसीआई ने कहा, ‘हम असम सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से भी इस मामले की जांच करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि राज्य पुलिस एससी/एसटी अधिनियम की सच्ची भावना का सम्मान करे। साथ ही इस बात को भी ध्यान में रखे कि पिछड़े, अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और अपने नियमित काम के हिस्से के रूप में भ्रष्टाचार से संबंधित एक संवेदनशील विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले एक पत्रकार के ख़िलाफ़ कोई भी झूठा आरोप दर्ज नहीं किया जाना चाहिए।’

    कांग्रेस, रायजोर दल और असम जातीय परिषद जैसे विपक्षी दलों ने भी मजुमदार की तत्काल रिहाई की मांग की है। ‘द क्रॉसकरंट’ के संपादक अरूप कलिता ने कहा, ‘यह गिरफ्तारी सच को दबाने की कोशिश है। दिलावर ने सिर्फ़ अपना काम किया।’ 

    इस मामले को पूरा समझने से पहले यह जान लें कि आख़िर पूरा घटनाक्रम कैसे चला। दरअसल, मंगलवार को असम जातीय परिषद की युवा शाखा ‘जातीय युवा शक्ति’ ने एसीएबी के गुवाहाटी स्थित मुख्यालय के बाहर कथित वित्तीय अनियमितताओं के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया। मजुमदार वहाँ मौजूद थे और उन्होंने बैंक के प्रबंध निदेशक डोमबारू सैकिया से सवाल पूछे। 

    एक वीडियो में दिख रहा है कि सैकिया ने जवाब देने के बजाय मजुमदार को अपने कार्यालय में आने के लिए कहा। इसके कुछ घंटों बाद ही मजुमदार को पान बाजार पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया और फिर रात में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन पर आपराधिक धमकी और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। शिकायत एक बैंक सुरक्षा गार्ड की ओर से की गई, जिसका कहना है कि मजुमदार ने उसके ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की।

    मजुमदार का नाम असम में उन पत्रकारों में शुमार है, जो सरकार की नीतियों और कथित भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते रहे हैं।

    ‘द क्रॉसकरंट’ ने पहले भी मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और उनकी पत्नी रिनिकी भुइयां सरमा से जुड़े विवादों पर खबरें प्रकाशित की हैं। 2022 में इस पोर्टल ने आरोप लगाया था कि सरमा के स्वास्थ्य मंत्री रहते उनकी पत्नी की फर्म को पीपीई किट की आपूर्ति के लिए ‘तत्काल’ ऑर्डर दिए गए थे। इसके अलावा, हाल ही में मजुमदार ने एसीएबी में कथित अनियमितताओं पर कई लेख लिखे थे। उनकी गिरफ्तारी को कई लोग इसे सरकार की ओर से ‘प्रतिशोध’ के रूप में देख रहे हैं।

    इस गिरफ्तारी के पीछे कई संभावित मक़सद हो सकते हैं। पहला, यह सरकार की ओर से एक चेतावनी हो सकती है कि जो भी सत्ता के करीबियों या प्रभावशाली लोगों से सवाल पूछेगा, उसे नतीजे भुगतने पड़ेंगे। एसीएबी में मुख्यमंत्री की सीधी संलिप्तता और प्रदर्शन के तुरंत बाद हुई कार्रवाई इस बात की ओर इशारा करती है कि सरकार इस मुद्दे को दबाना चाहती है। दूसरा, मजुमदार की गिरफ्तारी से अन्य पत्रकारों में डर पैदा करने की कोशिश हो सकती है, ताकि वे सरकार के ख़िलाफ़ बोलने से पहले दो बार सोचें। तीसरा, यह कदम असम में सत्तारूढ़ बीजेपी की छवि को ख़राब होने से रोकने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, खासकर तब जब वित्तीय अनियमितताओं की जांच की मांग जोर पकड़ रही हो।

    इस घटना के ज़रिए सरकार का संदेश साफ है: असहमति या सवाल उठाने की क़ीमत चुकानी पड़ सकती है। मजुमदार की गिरफ्तारी न केवल पत्रकारों, बल्कि आम नागरिकों और विपक्षी दलों के लिए भी एक संकेत है कि सरकार किसी भी आलोचना को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। गुवाहाटी प्रेस क्लब के सहायक महासचिव रहे मजुमदार के ख़िलाफ़ एससी/एसटी एक्ट जैसे गंभीर क़ानून का इस्तेमाल यह दिखाता है कि सरकार क़ानूनी हथियारों का उपयोग करके असहमति को कुचलने में संकोच नहीं करेगी। यह क़दम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को कमजोर करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।

    मजुमदार की गिरफ्तारी असम में सत्ता और प्रेस के बीच बढ़ते तनाव को दिखाता है। यह सवाल उठता है कि क्या सरकार सच को सामने लाने वालों को चुप कराना चाहती है अगर ऐसा है, तो यह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक संकेत है। यह घटना न केवल असम, बल्कि पूरे देश में पत्रकारिता की आज़ादी और सरकार की जवाबदेही पर बहस को तेज कर सकती है। 

    (इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमहाकुंभ भगदड़ः 2 महीने बाद भी पूरा मुआवजा नहीं, क्या हुआ तेरा वादा
    Next Article Duniya Ka Rahasyamayi Dweep: जाने ईस्टर द्वीप का रहस्य, क्या है मोआई मूर्तियों की कहानी?

    Related Posts

    पीएम मोदी साइप्रस यूं ही नहीं गए थे, कुछ नतीजा निकलेगा कूटनीतिक मुहिम का?

    June 17, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 17 जून, दोपहर तक की ख़बरें

    June 17, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 17 जून, सुबह तक की ख़बरें

    June 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.