Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका
    • Rishikesh Travel Guide: इन गर्मी की छुट्टियों में ऋषिकेश की कैसे करें यात्रा, जानिए कहाँ मिलेगा रोमांच का अद्भुत संगम
    • यूक्रेन का 40 रूसी युद्धक विमानों पर बड़ा ड्रोन हमला, रूस को भारी नुक़सान
    • Telangana Foundation Day 2025: तेलंगाना को आंध्र से कब अलग हुआ, आंध्र के आंदोलन की कब हुई शांत, आइए जानते हैं विस्तार से
    • हमें सीडीएस के सिंगापुर से बोलने का इंतज़ार क्यों करना पड़ा: कांग्रेस का केंद्र पर हमला
    • Mahoba News: समाजवादी पार्टी ने भरी हुंकार, 2027 में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा
    • शेख हसीना पर बांग्लादेश में मानवता के ख़िलाफ़ अपराध का आरोप, ट्रायल शुरू
    • ‘नया भारत’ इतना मोटा और बीमार क्यों हो रहा है?
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » आनंद कुमार को कोऑर्डिनेटर पद से हटाया, बीएसपी में उथल-पुथल क्यों?
    भारत

    आनंद कुमार को कोऑर्डिनेटर पद से हटाया, बीएसपी में उथल-पुथल क्यों?

    By March 5, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    बीएसपी में बड़ी हलचल है। नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाए जाने के दो दिन बाद ही आनंद कुमार को पद से हटा दिया गया है। मायावती ने तीन दिनों में कई बड़े बदलाव कर दिए। पहले अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। फिर अगले ही दिन उनको पार्टी से निकाल दिया। उसके बाद आनंद कुमार पर फ़ैसले लिए। अब नया कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। हाल में मायावती ने कई ऐसे फ़ैसले लिए और फिर कुछ दिनों में ही खुद उसे बदल दिया।

    इससे पहले, मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को न केवल नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाया था, बल्कि उन्हें पार्टी से पूरी तरह बाहर का रास्ता भी दिखा दिया था। इन लगातार बदलावों ने बीएसपी के भीतर और बाहर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। सवाल उठ रहा है कि मायावती की राजनीति अब किस दिशा में बढ़ रही है

    मायावती ने 2 मार्च को आकाश आनंद को सभी पदों से हटाते हुए यह साफ़ कर दिया था कि उनके जीते जी कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। इस मामले में मायावती ने अपने फ़ैसले खुद ही कई बार पलट दिए। मायावती ने पहली बार दिसंबर 2023 में आकाश को राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन 4-5 महीने के अंदर 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच ही आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया गया था और तब राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं बनाने का भी फ़ैसला ले लिया गया था।

    लेकिन चुनाव ख़त्म होने के कुछ महीने बाद ही जून महीने में मायावती ने अपना फ़ैसला फिर से बदल लिया था। लोकसभा चुनाव में बीएसपी की बुरी तरह हार के बाद फिर से मायावती ने आकाश आनंद को ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। इसके साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के पद पर उन्हें बहाल कर दिया गया था।

    लेकिन तीन दिन पहले ही आकाश को पार्टी से भी बाहर कर दिया गया। इसके बाद आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन अब आनंद कुमार को भी इस पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह सहारनपुर के रणधीर बेनीवाल को नियुक्त किया गया है। मायावती ने सोशल मीडिया पर बताया कि आनंद कुमार ने खुद एक पद पर रहने की इच्छा जताई, जिसके बाद वे केवल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भूमिका में बने रहेंगे। अब रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल बीएसपी के दो नेशनल कोऑर्डिनेटर होंगे।

    1. काफी लम्बे समय से निस्वार्थ सेवा व समर्पण के साथ कार्यरत बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री आनन्द कुमार, जिन्हें अभी हाल ही में नेशनल कोआर्डिनेटर भी बनाया गया था, उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित के मद्देनज़र एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत।

    — Mayawati (@Mayawati) March 5, 2025

    यह लगातार बदलाव बीएसपी के संगठनात्मक ढांचे में अस्थिरता का संकेत दे रहे हैं। कुछ दिनों के भीतर ही परिवार के दो प्रमुख सदस्यों को अहम ज़िम्मेदारियों से हटाना और फिर नए चेहरों को मौक़ा देना मायावती की रणनीति पर सवाल उठा रहा है।

    मायावती की नई रणनीति या मजबूरी

    मायावती ने हमेशा बीएसपी को अपने मजबूत नेतृत्व के दम पर चलाया है, लेकिन हाल के वर्षों में पार्टी का जनाधार कमजोर हुआ है। 2024 के लोकसभा चुनावों में बीएसपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिसके बाद संगठन में सुधार की मांग जोर पकड़ने लगी थी। आकाश आनंद को पहले उत्तराधिकारी के तौर पर पेश किया गया था, लेकिन उनके आक्रामक बयानों और अपरिपक्वता के चलते मायावती ने उन्हें हटा दिया। अब आनंद कुमार को भी कोऑर्डिनेटर पद से हटाना यह संकेत देता है कि मायावती परिवारवाद के आरोपों से बचते हुए पार्टी को नई दिशा देने की कोशिश कर रही हैं।

    वंशवादी राजनीति की हमेशा बड़ी आलोचक रहीं मायावती के साथ पहली बार जब आकाश आनंद दिखे थे तो उनकी तीखी आलोचना हुई थी। दरअसल, 2019 में मायावती के जन्मदिन पर उनके साथ दिखा एक नौजवान अचानक राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बन गया था। उसके बारे में हुई तमाम तरह की चर्चाओं पर बीएसपी सुप्रीमो ने तब जवाब दिया था कि वह उनका भतीजा आकाश आनंद है और वह उसे बीएसपी मूवमेंट में शामिल करेंगी। तब आकाश सिर्फ़ 24 वर्ष के थे। 

    वंशवाद को लेकर आरोपों के बीच 2019 में मायावती ने कहा था, ‘मेरे जन्मदिन पर आनंद के बेटे आकाश को मेरे साथ देखकर कुछ मीडिया समूहों ने उसे सस्ती राजनीति का शिकार बनाने का षड्यंत्र किया गया है, जिसकी मैं निंदा करती हूँ।’ उन्होंने अपने छोटे भाई आनंद कुमार के बारे में कहा था कि उनके भाई ने पार्टी के लिए बिना किसी स्वार्थ के काम किया है। 

    रणधीर बेनीवाल जैसे नए चेहरों को आगे लाना और रामजी गौतम जैसे अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताना मायावती की उस रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें वे पार्टी को जमीनी स्तर पर मज़बूत करना चाहती हैं।

    मायावती ने यह भी कहा है कि उनके दिशा-निर्देश में ही संगठन चलता रहेगा, जिससे साफ़ है कि वे अभी भी बीएसपी की कमान पूरी तरह अपने हाथ में रखना चाहती हैं।

    राजनीति की दिशा क्या

    मायावती के इन फ़ैसलों से कई सवाल उठते हैं। पहला, क्या वे बीएसपी को परिवार से अलग कर एक व्यापक नेतृत्व तैयार करना चाहती हैं दूसरा, क्या यह बदलाव पार्टी के खोए हुए दलित वोट बैंक को वापस लाने की कोशिश है और तीसरा, क्या मायावती अब अपने राजनीतिक करियर के अंतिम पड़ाव में संगठन को मज़बूत करने के लिए जोखिम ले रही हैं

    माना जा रहा है कि मायावती का यह क़दम बीएसपी को नई ऊर्जा दे सकता है, लेकिन यह जोखिम भरा भी है। आकाश आनंद को हटाने से युवा नेतृत्व की संभावनाएं कम हुई हैं, वहीं आनंद कुमार को सीमित भूमिका में रखने से परिवार का प्रभाव भी कम हो रहा है। लेकिन अगर नए कोऑर्डिनेटर पार्टी को संगठित करने और वोट बैंक को मज़बूत करने में नाकाम रहे, तो बीएसपी की स्थिति और कमजोर हो सकती है।

    मायावती की राजनीति हमेशा से अप्रत्याशित रही है। बीएसपी में यह बड़ा बदलाव उनकी उस सोच को दर्शाता है, जिसमें वे पार्टी को अपने जीवनकाल में मज़बूत और स्वतंत्र बनाना चाहती हैं। लेकिन लगातार बदलते फ़ैसले कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भ्रम भी पैदा कर सकते हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मायावती का यह दाँव बीएसपी को नई दिशा दे पाता है या यह महज एक अस्थायी प्रयोग साबित होता है। अभी के लिए मायावती की राजनीति की दिशा अनिश्चितता और संभावनाओं के बीच झूल रही है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleहाई सैलरी पैकेज में यूपी का ये संस्थान हुआ शामिल, छात्रों को मिल रहा 75 लाख का पैकेज
    Next Article BSF HCM – ASI :1,526 पदों के लिए भर्ती, जल्द जारी होगा एडमिट कार्ड

    Related Posts

    यूक्रेन का 40 रूसी युद्धक विमानों पर बड़ा ड्रोन हमला, रूस को भारी नुक़सान

    June 1, 2025

    हमें सीडीएस के सिंगापुर से बोलने का इंतज़ार क्यों करना पड़ा: कांग्रेस का केंद्र पर हमला

    June 1, 2025

    शेख हसीना पर बांग्लादेश में मानवता के ख़िलाफ़ अपराध का आरोप, ट्रायल शुरू

    June 1, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.