कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान गुल्लक भेंट करके नेशनल मीडिया की सुर्खी बने मध्य प्रदेश के कारोबारी का सुसाइड नोट बेहद विस्फोटक है। इसमें आरोप लगाया है कि ‘ईडी अधिकारियों ने कहा कि मामला निपटाना हो तो बच्चों को बीजेपी जॉइन करवा दे। नहीं तो इतनी धारा लगाऊँगा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद भी धाराएं नहीं हटा पाएगा’। कारोबारी और उसकी पत्नी के शव शुक्रवार सुबह फांसी के फंदे पर झूलते मिले हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों पर अभी तक ईडी की ओर से जवाब नहीं आया है।
सीहोर के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला। घटनास्थल पर 5 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। कुल सात बिन्दुओं के सुसाइड नोट में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के अफसरों पर दबाव बनाकर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है। कारोबारी मनोज ने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘ईडी के अफसर ने उसके कंधे पर जूते रखकर कहा, यही तेरी औकात है। इतनी धाराएं लगाऊंगा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनकर भी नहीं हटा पाएगा।’
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने के बाद मनोज और उसके परिजन सुर्खियों में आये थे। खुद राहुल गांधी ने मनोज से मिली गुल्लक से जुड़ा घटनाक्रम अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर यात्रा के दौरान शेयर किया था।
घटनाक्रम के बाद कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया था, ‘गुल्लक भेंट करने के बाद से मनोज और उसके परिजन भाजपा के निशाने पर हैं। परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है।’ मनोज परमार के आष्टा और इंदौर स्थित ठिकानों पर ईडी ने 5 दिसंबर को उनके चार ठिकानों पर छापे मारे थे।
कारोबारी ने सुसाइड नोट को राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, महाधिवक्ता, मध्यप्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, डीजीपी, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी समेत कुछ मीडिया संस्थानों को भी भेजा था जिसमें सार्वजनिक स्थान पर आत्महत्या करने की अनुमति मांगी गई थी।
सुसाइड नोट में इन बातों का जिक्र है-
मैं, मनोज परमार, निवासी शांति नगर आष्टा, जिला सीहोर मध्यप्रदेश का रहने वाला हूं। आपसे विनम्र आग्रह करना चाहता हूं, जो निम्न अनुसार हैं। महोदय, मैं 2017 से एक ही घटना की दो एफआईआर में सेशन कोर्ट आष्टा और सीबीआई कोर्ट भोपाल में ट्रायल झेल रहा हूं। इसमें फरवरी 2023 में आष्टा कोर्ट का जजमेंट हो चुका है। दूसरी एफआईआर में सीबीआई कोर्ट भोपाल में ट्रायल चल रहा है। 5 दिसंबर 2024 को ईडी ने सुबह 5 बजे मेरे घर पर तीसरी बार रेड की। उन्होंने घर में सर्चिंग की। रात करीब 9 बजे वे लोग कुछ दस्तावेज, 10 लाख रुपए और 70 ग्राम सोने की ज्वेलरी लेकर गए।
1. ये 10 लाख रुपए रिश्तेदार दिनेश परमार (शराब ठेकेदार) कुसमानिया से लिए थे। दरअसल, पत्नी नेहा परमार का 2013 से बैंक ऑफ बड़ौदा में लोन है, उसका ओटीएस करने के लिए उधार लाया था। वह रुपए भी ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू और उनका साथी राधेश्याम विश्नोई लेकर चले गए। ईडी ने जो पंचनामा मुझे दिया, उसमें न 10 लाख रुपए की जब्ती और न 70 ग्राम सोने की जब्ती का जिक्र था।
2. ईडी के अफसर 5 दिसंबर की सुबह मेरे घर आए। पहले उन्होंने घर के कैमरे बंद किए। घर के लोगों के साथ संजीत कुमार साहू गाली-गलौज और मेरे साथ मारपीट करने लगे। सभी के फोन छीन लिए। बच्चों को और पत्नी को कमरे में बंद कर दिया। सोफे से लेकर बेड तक पर जूते पहनकर सर्च करते रहे। हर आधे घंटे में बोलते रहे कि तुम और तुम्हारा परिवार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में होते, तो तुम पर केस नहीं होता। तुम्हारे बच्चे राहुल गांधी से मिलते हैं। राहुल गांधी के पास कितनी संपत्ति है। तुम्हारे बच्चे और तुमको पता होगा, बताओ। राहुल गांधी भी तुम्हारी मदद नहीं कर पाएगा। हम उसे भी जल्दी गिरफ्तार करेंगे।
3. ऊपर सर्चिंग के बाद वे लोग नीचे वाले हॉल में आए। घर में फोटो गैलरी लगी थी, जिसमें राहुल गांधी से लेकर समस्त कांग्रेस के नेता के फोटो थे। इसे देखकर संजीत कुमार साहू ने बार-बार बोला कि तुम्हारे घर ईडी के आने का कारण यह फोटो और तुम्हारे बच्चों का कांग्रेस के लिए कैंपेनिंग करना है। संजीत कुमार साहू ने मुझे जमीन पर बिठाया। खुद सोफे पर बैठकर मेरे कंधों पर जूते समेत पैर रखकर बोले, ….यही तेरी औकात है।
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मेरे बार-बार निवेदन के बाद पैर हटाए। फिर वही बात बोली… तेरे बच्चों से बोल कि वह जिंदा रहना चाहते हैं। तेरी बीवी और परिवार के लोगों को बचाना चाहते हो, तो तेरे बच्चों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वाइनिंग करवा दे। नहीं तो सभी लोगों पर झूठा प्रकरण बनाकर अंदर डाल देंगे।
सुसाइड नोट का एक अंश
इसके बाद राधेश्याम विश्नोई बोले, सीबीआई वाले केस में तो तेरी जमानत हो गई है। इस मामले में केजरीवाल, हेमंत सोरेन, डीके शिवकुमार से जाकर पूछना, जीवन भर जमानत नहीं होगी। इसलिए साहू सर जो बोल रहे हैं, वो कर। तेरे बच्चों से दो दिन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वाइन करवा कर राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनवाकर डलवाना चालू कर दे, तो परिवार बच जाएगा।
4. लैपटॉप में पता नहीं क्या लिख रहे थे। बोल रहे थे, जो हम दस्तावेज लाए हैं, उनको भी साथ रख दो। उन पर भी हस्ताक्षर करवाने हैं। पता नहीं क्या लिखा। उनको मेरा बयान बताकर मुझे डराकर, पीटकर हस्ताक्षर करवाए। बोले- ये तेरे बयान हैं। बहुत सारे पेपर पर भी हस्ताक्षर करवाए। मुझे यह भी पता नहीं कि क्या पेपर थे।
मेरे घर से ओरिजिनल रजिस्ट्री भी साथ लेकर गए, पर हस्ताक्षर फोटो कॉपी पर ही करवाए। मेरे घर कोई पेपर नहीं छोड़ा। ओरिजिनल रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेज भी साथ में लेकर गए। साथ में सैमसंग गैलेक्सी जेड फोल्ड तीन फोन भी लेकर गए, जो कि ओपन फोन था। खाली लिफाफे पर हस्ताक्षर करवा कर भी ले गए।
5. मेरे बार-बार निवेदन के बाद भी दिनभर खाने का दाना तक नहीं दिया। वह लोग बाहर से खाना मंगवाकर खाते रहे। यहां तक कि मुझे बाथरूम जाना होता, तो संजीत कुमार साहू दरवाजा खोलकर सामने खड़े होकर टॉयलेट करवाने लेकर जाते थे। बार-बार एक ही बात बोलते थे कि मामला निपटाना हो, तो बच्चों को बीजेपी ज्वाइन करवा दे, मामला खत्म हो जाएगा।
6. मैंने बार-बार निवेदन किया कि साहू सर मामले में नेहा परमार, रीना परमार, सुषमा परमार, धरम सिंह परमार, मनोहर पंवार, राजकुमार परमार, को कुछ नहीं पता है। जो जानकारी है, वह सब मुझे है। ये सारे लोग बेकसूर हैं। इसमें इनको कुछ नहीं पता है, जो किया सब मैं पहले ही बता चुका हूं। इसके बाद भी साहू सर द्वारा मुझसे मारपीट की गई। साहू सर ने बताया मुझे सब पता है कि यह सारे लोग बेकसूर है।
7. मेरा कांग्रेस पार्टी के नेताओं और खासकर राहुल जी से निवेदन है कि आपसे जुड़ने और कांग्रेस का काम करने पर हम जैसे लोगों को ईडी परेशान कर रही है, जिसके कारण आत्महत्या करना पड़ रहा है। मेरा निवेदन है कि मरने के बाद बच्चों की जिम्मेदारी आप की और कांग्रेस पार्टी की है, जिससे कांग्रेस के लोगों में यह संदेश जाए कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है। मेरा निवेदन है कि मेरी मौत को जाया मत होने देना। ये बच्चे अगर इस परिस्थिति में नहीं टूटे, तो कभी नहीं टूटेंगे। राहुल जी बच्चों को अकेला मत छोड़ना।
ईडी के छापे के पीछे की कहानी
ईडी ने बीती 5 दिसंबर को मनोज परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। यहां से कई चल-अचल और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए थे। साथ ही, साढ़े तीन लाख रुपए का बैंक बैलेंस भी फ्रीज किया था। मामला पंजाब नेशनल बैंक में 6 करोड़ रुपए के कथित फ्रॉड का है। इस मामले में परमार की गिरफ्तारी भी की गई थी।