Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • गांव की गली से भाई की राजनीति तक: अखिलेश यादव की बुआ कमला देवी यादव का सादगीभरा सफर
    • कल से उल्टी गिनती शुरू, समाज को दिखाऊंगी फर्जी नेता की सच्चाई! चंद्रशेखर को लेकर गर्लफ्रेंड रोहिणी का दावा
    • सोशल मीडिया पर वायरल हुआ IRCTC का lucknow to Andaman Tour- लग्ज़री ट्रिप पॉकेट-फ्रेंडली दाम में!
    • जहां मां बगुलामुखी के आशीर्वाद से मिली थी युद्ध में जीत, उसी शक्तिपीठ पर झुकता है नेताओं का सिर
    • Bihar Assembly Election: महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी, आज होगा बिहार के सीएम फेस का ऐलान!
    • सस्पेंस खत्म! तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री उम्मीदवार…? महागठबंधन का आज होगा बड़ा दांव
    • बिहार की लाल रंग की खुनिया नदी और तुतला भवानी जलप्रपात-रोहतास का रहस्यमयी पर्यटन स्थल
    • Upendra Kushwaha Profile: अग्नि परीक्षा के दौर में उपेंद्र कुशवाहा
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » गांव की गली से भाई की राजनीति तक: अखिलेश यादव की बुआ कमला देवी यादव का सादगीभरा सफर
    राजनीति

    गांव की गली से भाई की राजनीति तक: अखिलेश यादव की बुआ कमला देवी यादव का सादगीभरा सफर

    Janta YojanaBy Janta YojanaOctober 24, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Kamla Devi Yadav (Image Credit-Social Media)

    Kamla Devi Yadav

    Kamla Devi Yadav: उत्तर प्रदेश की राजनीति में यादव परिवार का नाम सत्ता, संघर्ष और समाजसेवा तीनों का पर्याय रहा है। मुलायम सिंह यादव का यह परिवार जितना सुर्खियों में रहा, उतना ही इसके कुछ सदस्य मीडिया की चमक-दमक से दूर भी रहे। ऐसे ही शांत और सादगी भरे जीवन का उदाहरण हैं कमला देवी यादव। जो न केवल मुलायम सिंह यादव की बहन हैं, बल्कि अखिलेश यादव की वास्तविक बुआ भी हैं। हालांकि राजनीति में मायावती का नाम मुलायम सिंह यादव की बहन के तौर पर खासा चर्चित रहा। हालांकि वास्तविक बहन कमला देवी राजनीति की बड़ी हलचल से दूर रहकर भी वे पारिवारिक मूल्यों और जमीन से जुड़े जीवन का जीता-जागता प्रतीक बन चुकी हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से –

    सैफई के ग्राम्य परिवेश से शुरू हुई कहानी

    कमला देवी यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ, जो अब भारतीय राजनीति का एक प्रतीक बन चुका है। उनका बचपन बिल्कुल देहाती वातावरण में बीता। मिट्टी की खुशबू, गांव की खुली हवा और सादगी में पली-बढ़ी एक ऐसी लड़की, जिसने अपने भाई मुलायम सिंह को संघर्ष करते देखा। जब मुलायम युवावस्था में राजनीति में कदम रख रहे थे, तब कमला देवी घर की ज़िम्मेदारी निभा रही थीं।

    वो उस दौर की महिला थीं, जो शिक्षा और आधुनिकता के संसाधनों से दूर रहते हुए भी जीवन के मूल्यों को गहराई से समझती थीं। मुलायम सिंह के शुरुआती दिनों में उन्होंने उनके परिवार की देखरेख में बड़ी भूमिका निभाई।

    सियासत से रही दूरी, लेकिन हर मोड़ पर भाई का दिया साथ

    भले ही वे राजनीति से दूर रहीं, मगर सैफई परिवार की आत्मा का हिस्सा हमेशा रही हैं। कहा जाता है कि जब भी मुलायम या अखिलेश किसी पारिवारिक समारोह या संकट में रहे, तो कमला देवी सबसे पहले आगे बढ़ीं। वे मीडिया के सामने नहीं आतीं, न भाषण देती हैं, लेकिन परिवार के भीतर उनकी राय का हमेशा सम्मान होता है।

    उनका स्वभाव शांत और बेहद संयमी माना जाता है। गांव की परंपरा के अनुसार वे परिवार की बड़ी बहन की तरह सब पर स्नेह और अनुशासन दोनों रखती हैं।

    गांव में बिताती हैं एक सादगी भरा जीवन

    कमला देवी आज भी सैफई के पारिवारिक आवास के करीब रहती हैं। वे अपनी दिनचर्या ग्रामीण परिवेश में ही बिताती हैं। सुबह जल्दी उठना, घर के कामों में हाथ बंटाना, पूजा-पाठ करना और ज़रूरतमंदों की मदद करना। कई बार उन्हें स्थानीय लोग बड़ी मां कहकर संबोधित करते हैं।

    लेकिन उनकी उपस्थिति न तो सोशल मीडिया पर हैं, न ही राजनीति के मंच पर। उनका जीवन पूरी तरह गोपनीय और पारिवारिक दायरे में सीमित है, लेकिन गांव में उनकी पहचान एक दयालु, धर्मपरायण और सम्मानित महिला के रूप में है।

    अपने भाई के संघर्ष की गवाह हैं कमला यादव

    जब मुलायम सिंह यादव राजनीति में उभर रहे थे। उस समय छात्र राजनीति से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक कमला देवी ने परिवार के घरेलू मोर्चे को संभाला। कई पुराने साथी बताते हैं कि सैफई में मुलायम के शुरुआती दौर में परिवार की महिलाओं ने त्याग और सहयोग से ही घर को संभाला।

    कमला देवी का मानना है कि ‘राजनीति का सबसे बड़ा उद्देश्य समाज की भलाई है, लेकिन घर के भीतर संस्कार की राजनीति भी उतनी ही ज़रूरी है।’ यही वजह है कि अखिलेश यादव जैसे आधुनिक नेता भी अपने पारिवारिक रिश्तों को उतना ही सम्मान देते हैं।

    सादगी ही उनकी पहचान

    कमला देवी का जीवन किसी प्रेरक कहानी से कम नहीं है। वे साधारण साड़ी पहनती हैं, बिना किसी दिखावे के पूजा-पाठ में लीन रहती हैं और गांव की बेटियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करती हैं। अक्सर सैफई आने वाले मेहमानों को उनके हाथों से बना खाना मिलता है। गांव की बुजुर्ग महिलाएं कहती हैं कि ‘मुलायम जी जितने सख्त नेता थे, कमला दीदी उतनी ही कोमल और दयालु इंसान हैं।’

    अखिलेश के लिए ‘बुआ’ से ज़्यादा मां जैसी

    अखिलेश यादव के बचपन में जब मुलायम सिंह राजनीति में व्यस्त रहते थे, तो कमला देवी ने कई बार मां जैसी भूमिका निभाई। वे आज भी अखिलेश के बच्चों से लेकर परिवार के सबसे छोटे सदस्य तक को उतना ही स्नेह देती हैं। राजनीति की जटिल दुनिया में जहां रिश्ते अक्सर औपचारिक हो जाते हैं, वहां अखिलेश की बुआ कमला देवी यादव उस भावनात्मक धरोहर की याद दिलाती हैं, जिसे आज भी सैफई परिवार सादगी, संस्कार और अपनेपन के साथ जीता है। 

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleकल से उल्टी गिनती शुरू, समाज को दिखाऊंगी फर्जी नेता की सच्चाई! चंद्रशेखर को लेकर गर्लफ्रेंड रोहिणी का दावा
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    कल से उल्टी गिनती शुरू, समाज को दिखाऊंगी फर्जी नेता की सच्चाई! चंद्रशेखर को लेकर गर्लफ्रेंड रोहिणी का दावा

    October 24, 2025

    Bihar Assembly Election: महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी, आज होगा बिहार के सीएम फेस का ऐलान!

    October 23, 2025

    सस्पेंस खत्म! तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री उम्मीदवार…? महागठबंधन का आज होगा बड़ा दांव

    October 23, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.