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    Home » ग्रीनलैंड क्यों जा रही हैं यूएस उपराष्ट्रपति की पत्नी उषा वेंस, वहां लोग गुस्से में क्यों
    भारत

    ग्रीनलैंड क्यों जा रही हैं यूएस उपराष्ट्रपति की पत्नी उषा वेंस, वहां लोग गुस्से में क्यों

    By March 25, 2025No Comments5 Mins Read
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    अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी और सेकेंड लेडी उषा वेंस की आगामी ग्रीनलैंड यात्रा ने एक बड़े राजनयिक विवाद को जन्म दे दिया है। ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट बी. एगेडे ने इस दौरे को “अत्यधिक आक्रामक” करार देते हुए इसे अमेरिकी साम्राज्यवादी मंशाओं का हिस्सा बताया है। यह विवाद तब और गहरा गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ग्रीनलैंड को अमेरिका के अधीन करने की अपनी पुरानी महत्वाकांक्षा को फिर से दोहराया। इस घटनाक्रम ने ग्रीनलैंड और डेनमार्क दोनों में तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है।

     - Satya Hindi

    ग्रीनलैड में ट्रंप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

    उषा वेंस गुरुवार से शनिवार तक ग्रीनलैंड की यात्रा पर रहेंगी, जहां वह अपने बेटे और एक छोटे अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां की राष्ट्रीय डॉगस्लेड रेस- अवन्नाता किमुस्सेरसु में हिस्सा लेंगी। व्हाइट हाउस ने इस यात्रा को सांस्कृतिक पहल के रूप में पेश किया है, जिसका मकसद ग्रीनलैंड की विरासत को समझना और दोनों देशों के बीच एकता को बढ़ावा देना है। हालांकि, ग्रीनलैंड के स्थानीय नेता और निवासी इसे संदेह की नजर से देख रहे है। उनका मानना है कि यह यात्रा महज एक दिखावा है और इसके पीछे अमेरिका की रणनीतिक मंशाएं छिपी हैं।

    प्रधानमंत्री एगेडे ने स्थानीय मीडिया से कहा, “यह यात्रा डॉगस्लेड रेस से कम और शक्ति प्रदर्शन ज्यादा जुड़ी लग रही है।” उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अमेरिका की दबंगई को दर्शाता है। उनके मुताबिक, यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जो ग्रीनलैंड को अपने नियंत्रण में लेना चाहता है।

    pic.twitter.com/klqs9EXjM7

    — Second Lady Usha Vance (@SLOTUS) March 23, 2025

    ट्रंप की ग्रीनलैंड पर नजर

    यह विवाद उस समय सामने आया है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में ग्रीनलैंड को “किसी भी तरह से” हासिल करने की बात कही। ट्रंप ने पहली बार 2019 में ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा जताई थी, जिसे डेनमार्क ने “हास्यास्पद” कहकर खारिज कर दिया था। हालांकि, अब उनकी यह योजना एक मजाक से गंभीर नीति में बदलती दिख रही है। इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस के संयुक्त सत्र में ट्रंप ने कहा, “हम ग्रीनलैंड को हासिल करेंगे, चाहे वह किसी भी तरह से हो।” उनके इस बयान ने ग्रीनलैंड की संप्रभुता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

    🚨President Trump declares the U.S. will acquire Greenland ‘one way or the other,’ emphasizing its strategic importance and the island’s right to self-determination.

    ‘We welcome you into the USA if you choose,’ he told Congress. #Greenland #Trump #USPolitics pic.twitter.com/jtG7oVExaH

    — WorldsQuant (@WorldsQuant) March 24, 2025

    ग्रीनलैंड डेनमार्क का हिस्सा है, लेकिन इसे व्यापक स्वायत्तता प्राप्त है। ट्रंप का यह दावा कि ग्रीनलैंड एक रणनीतिक संपत्ति है, जिसे अमेरिका को हासिल करना चाहिए, ने स्थानीय नेताओं में आक्रोश पैदा किया है। ग्रीनलैंड की बढ़ती भू-राजनीतिक अहमियत भी इस विवाद का एक कारण है। आर्कटिक क्षेत्र में बर्फ के पिघलने से नए समुद्री मार्ग और प्राकृतिक संसाधन सामने आए हैं, जिसके चलते यह क्षेत्र अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।

    ग्रीनलैंड की राजनीतिक अस्थिरताः इस यात्रा का समय भी विवादास्पद है। ग्रीनलैंड में इस महीने की शुरुआत में संसदीय चुनाव हुए थे, जिसमें एगेडे की इनुइट अताकातिगीट पार्टी को बहुमत नहीं मिला। वह फिलहाल कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं और गठबंधन के लिए बातचीत जारी हैं। संभावित अगले प्रधानमंत्री जेन्स-फ्रेडरिक नील्सन ने भी इस यात्रा की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह दौरा नई सरकार के गठन और नगरपालिका चुनावों के बीच गलत समय पर हो रहा है। यानी ग्रीनलैंड में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही इस यात्रा के खिलाफ हैं।

    अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने शक बढ़ाया

    उषा वेंस के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और ऊर्जा सचिव क्रिस राइट जैसे बड़े अधिकारी भी इस यात्रा का हिस्सा हैं। ग्रीनलैंड के नेताओं का मानना है कि इन अधिकारियों की मौजूदगी सांस्कृतिक यात्रा के दावे को कमजोर करती है। एगेडे ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ग्रीनलैंड में क्या कर रहे हैं इसका एकमात्र उद्देश्य हम पर दबाव बनाना है।”

    अमेरिका पहले से ही ग्रीनलैंड में पिटुफिक स्पेस बेस (पूर्व में थुले एयर बेस) संचालित करता है, जो शीत युद्ध के समय से उसकी सैन्य मौजूदगी का प्रतीक है। ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने भी जनवरी में इस बेस का दौरा किया था, जिससे अमेरिकी मंशाओं पर और सवाल उठे थे।

    ‘We don’t want to be Americans or Danes’ – Greenland’s PM pushes for recognition and equality with Denmark.

    Prime Minister of Greenland Mute Bourup Egede raised concerns about the true nature of equality in Greenland’s relations with Denmark, speaking during an interview after… pic.twitter.com/bzqBLLs0F6

    — Viory Video (@vioryvideo) January 20, 2025

    डेनमार्क और ग्रीनलैंड का रुख

    डेनमार्क और ग्रीनलैंड दोनों ने इस दौरे की कड़ी आलोचना की है। कोपेनहेगन में नेताओं ने इसे “नरम कूटनीति” के बहाने साम्राज्यवादी नीति का हिस्सा बताया। ग्रीनलैंड के लोग इसे अपनी संप्रभुता पर हमले के रूप में देख रहे हैं। एगेडे, जो ग्रीनलैंड की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं, ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के खिलाफ कूटनीतिक प्रयास नाकाम रहे हैं।

    उषा वेंस की यह यात्रा, जो सतह पर सांस्कृतिक मेलजोल का प्रयास दिखती है, ने ग्रीनलैंड और अमेरिका के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। ट्रंप की ग्रीनलैंड को लेकर आक्रामक नीति और इस दौरे के समय ने इसे एक जियो पॉलिटिक्स विवाद में बदल दिया है। ग्रीनलैंड के नेता इसे अपनी स्वायत्तता और लोकतंत्र पर खतरे के रूप में देख रहे हैं, जबकि अमेरिका इसे एक रणनीतिक कदम के तौर पर पेश कर रहा है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है, क्योंकि ग्रीनलैंड अपनी पहचान और संप्रभुता को बचाने के लिए तैयार दिख रहा है।

    रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी

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