
Jairam Ramesh asked question to PM Modi
Jairam Ramesh asked question to PM Modi
Jairam Ramesh asked question to PM Modi: बीकानेर की चिलचिलाती गर्मी में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच से एक बार फिर बॉलीवुड स्टाइल में “डायलॉगबाज़ी” कर रहे थे, तब देश के कई कोनों में बेचैनी भरी ख़ामोशी पसरी थी। मंच से जब तालियां गूंज रही थीं, तब सोशल मीडिया पर सवालों की आवाज़ गूंज रही थी—वो सवाल जो जनता पूछना चाहती है, लेकिन अब तक उन्हें जवाब नहीं मिले। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने लिखा, “आज बीकानेर में जिस तरह प्रधानमंत्री ने एक बार फिर फिल्मों जैसे खोखले डायलॉग्स का सहारा लिया, उससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि वे उन गंभीर सवालों का जवाब दें जो देश उनसे पूछ रहा है।” जयराम रमेश ने चार ऐसे सवाल उठाए, जो न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं बल्कि विदेश नीति और संसद की गरिमा तक पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं।
पहला सवाल—आख़िर पहलगाम में निर्दयता से मारे गए अमरनाथ यात्रियों के हत्यारे अब तक खुले क्यों घूम रहे हैं? रमेश ने लिखा कि कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यही आतंकी गिरोह पिछले 18 महीनों में पुंछ, गगनगीर और गुलमर्ग में हुए तीन अन्य हमलों में भी शामिल रहा है। फिर भी कोई निर्णायक कार्रवाई क्यों नहीं?
दूसरा सवाल—आपने अब तक कोई सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाई? जब देश गंभीर आतंकी हमलों से जूझ रहा है, तब विपक्ष को भरोसे में न लेना क्या लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत नहीं है?
तीसरा सवाल संसद से जुड़ा है। 22 फरवरी 1994 को संसद में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को क्यों नहीं दोहराया गया? और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाक गठजोड़ की नई हकीकत को देखते हुए संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया गया?
चौथा सवाल, जो विदेश नीति पर कटाक्ष है—डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो लगातार अमेरिका की भूमिका पर बयान दे रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस पर मौन क्यों हैं?
देश में जब हर मंच पर राजनीतिक बयानबाज़ी गर्म है, तब जयराम रमेश का यह ट्वीट सरकार को उसकी ज़िम्मेदारियों की याद दिलाता है। क्योंकि आज जनता को नारे नहीं, जवाब चाहिए।