दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटों की गिनती शनिवार 8 फरवरी को शुरू होने जा रही है। आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजधानी में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए बुधवार 5 फरवरी को मतदान हुआ था।
एग्जिट पोल में 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की वापसी का अनुमान लगाया गया है, जिसमें पार्टी को 36 के बहुमत के आंकड़े को आराम से हासिल करने और उससे 10-15 अधिक सीटें हासिल करने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे मौजूदा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP बाहर हो जाएगी। हालाँकि, कांग्रेस को अधिकतम 0-3 सीटें मिलने का अनुमान है। नीचे जानिये चुनाव नतीजे, कौन आगे, कौन जीत रहा हैः
- सबसे पहले बैलेट पेपरों की गिनती हो रही है।
- जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से आप उम्मीदवार मनीष सिसौदिया ने शनिवार को कहा, “परिणाम वाले दिन हर किसी को चिंता होती है। हम भी इंसान हैं… लेकिन, हमें विश्वास है कि हम सरकार बनाने जा रहे हैं क्योंकि हमने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में काम किया है। लोगों ने ईमानदारी और काम की राजनीति के लिए वोट किया है। हम भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं… लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है जो कुछ ही घंटों में घोषित किया जाएगा…”
- तिलक नगर से आप उम्मीदवार जरनैल सिंह ने कहा है कि “शनिवार को तिलक नगर के लोगों के फैसले की गिनती होगी। जब से आप का गठन हुआ है, तब से तिलक नगर के लोग मुझे प्यार दे रहे हैं और मुझे यकीन है कि आप बहुमत के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतेगी।”
- आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल चौथी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जनता जिसका समर्थन करती है, वह चुनाव जीतता है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले 10 वर्षों में लोगों की सेवा की है…अरविंद केजरीवाल चौथी बार दिल्ली के सीएम बनेंगे।”
- नई दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने कहा कि, “मैं बहुत आशान्वित हूं। मुझे लगता है कि मैंने जो कहा वह लोगों को पसंद आया। बाकी देखते हैं क्या होता है। जल्द ही सब कुछ सामने आ जाएगा।” बहरहाल, ज्यादातर एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को सबसे कम सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।
- चुनाव नतीजों के दौरान आपके दिमाग में यह सवाल आ सकता है कि अंतिम मतदान प्रतिशत क्या रहा। क्योंकि पिछले कई चुनावों से केंद्रीय चुनाव आयोग या ईसीआई मतदान प्रतिशत बदल देता है। ईसीआई के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अनुमानित मतदान प्रतिशत 60.54 प्रतिशत रहा, जिसमें उत्तर पूर्व जिले में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत 66.25 प्रतिशत दर्ज किया गया। सबसे कम मतदान दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले में 56.40 फीसदी दर्ज किया गया।
- चुनाव आयोग (ईसी) ने वोटों की गिनती के लिए 5,000 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया है। गिनती शहर भर के 27 केंद्रों पर हो रही है। किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। सुचारू प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों सहित पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गये हैं। चुनाव में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं हुई, सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट कुशलतापूर्वक काम कर रहे थे।
पिछले एक दशक में दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव देखे गए हैं। 2013 में कांग्रेस के 15 साल के शासन को समाप्त करके और कांग्रेस के बाहरी समर्थन से, 49 दिनों की अल्पकालिक सरकार बनाकर AAP एक जबरदस्त ताकत के रूप में उभरी। 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 67 सीटें हासिल कर प्रचंड जीत हासिल की। भाजपा, जिसके पास 2013 में 32 सीटें थीं, 2015 में नाटकीय रूप से गिरकर चार पर आ गईं। 2020 में, AAP ने 62 सीटों के साथ प्रभुत्व बनाए रखा, जबकि भाजपा मामूली सुधार के साथ आठ सीटों पर पहुंच गई। इस बीच, कांग्रेस 2015 और 2020 दोनों में कोई भी सीट जीतने में विफल रही।