
Nitish Kumar vs Tejaswi Yadav
Nitish Kumar vs Tejaswi Yadav
Bihar elections: बिहार जैसे बड़े और घनी आबादी वाले राज्य में मुख्यमंत्री पद का चुनाव हमेशा चर्चा का केंद्र बना रहता है। इस समय बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है। जहां एक ओर कुछ लोग नीतीश कुमार को अनुभव और स्थिरता का प्रतीक मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि तेजस्वी यादव युवा नेतृत्व के रूप में एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। किसी भी राज्य के समग्र विकास की दिशा और गति काफी हद तक उसके मुख्यमंत्री की सोच, नीतियों और निर्णयों पर निर्भर करती है। ऐसे में बिहार के आगामी नेतृत्व को लेकर लोगों की राय जानना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी उद्देश्य से Newstrack ने एक सर्वे किया, जिसमें न केवल बिहार, बल्कि पूरे भारत के नागरिकों से उनकी राय ली गई। इस सर्वे में जो प्रतिक्रियाएं सामने आईं, वे काफी हद तक चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी है।
75 प्रतिशत लोगों ने नीतीश का किया समर्थन
इस वक्त जो स्थितियाँ बिहार में चल रही हैं, उनमें लोगों को बाढ़, अशिक्षा, जातिवाद और पिछड़ेपन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मानव जीवन के तीन जो सबसे मूलभूत मानक निर्धारित किए गए हैं रोटी, कपड़ा और मकान वे भी बिहार के कई निवासियों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इन सभी समस्याओं को मद्देनज़र रखते हुए बिहार में एक उपयुक्त शासन और संघर्षशील नायक की आवश्यकता है। या फिर वर्तमान सरकार को ही निचले स्तर पर अधिक गहनता और निष्ठा से काम करने की ज़रूरत है।
अब प्रदेश कोई भी हो, उसके विकास कार्यों की ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री के हाथों में ही होती है। बिहार की बात करें तो इस वक्त दो ही चेहरे प्रमुख रूप से सत्ता की बागडोर संभालने के लिए आगे हैं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव। इन दोनों ही राजनेताओं में से बिहार की जनता के अनुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प कौन हो सकता है, जो विकास कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम दे सके और बिहार को विकास की ऊँचाइयों तक पहुँचा सके इस मुद्दे पर Newstrack द्वारा किए गए सर्वे में चकित करने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
बिहार समेत पूरे भारत की जनता में से 75 प्रतिशत लोगों ने नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में अपनी राय दी है। लोगों का अब भी मानना है कि नीतीश कुमार, अन्य किसी भी राजनेता की तुलना में अधिक प्रभावी रूप से बिहार में विकास कार्यों को लागू कर सकते हैं। वहीं तेजस्वी यादव का जनता द्वारा काफी विरोध किया गया है।
हमें प्राप्त मतों में से 75 प्रतिशत लोगों ने नीतीश कुमार का समर्थन किया, जबकि बचे हुए 25 प्रतिशत मतों में कई लोग ऐसे थे जिन्होंने किसी अन्य राजनेता का नाम लिया या फिर किसी भी राजनेता का समर्थन नहीं किया। हमारे सर्वे में तेजस्वी यादव का जनता ने जमकर विरोध किया है। तेजस्वी के विरोध को लेकर जनता ने कई कारण भी गिनाए हैं, जिनमें उनका पारिवारिक बैकग्राउंड, लालू यादव के पुत्र होने के साथ-साथ उनकी अशिक्षा का भी उल्लेख किया गया है।
CM नीतीश को मिल रही है बढ़त
इन चुनावी प्रयोगों के ज़रिए एक बात तो स्पष्ट होती दिख रही है कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को एक बार फिर प्रदेश की सत्ता सौंपने का मन बना लिया है। वहीं आरजेडी नेता और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव को बिहार की राजनीति में अपना स्थायी स्थान बनाने में अभी और समय लग सकता है।
हालांकि, केवल इन प्रयोगों के आधार पर चुनाव परिणाम को लेकर निश्चित राय बनाना उचित नहीं होगा, लेकिन इन आकलनों के ज़रिए संभावित नतीजे ज़रूर स्पष्ट होते दिख रहे हैं।