वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह बुद्धि, तार्किक क्षमता, समझने की शक्ति, अपने विचारों को व्यक्त करने की क्षमता और संचार कौशल को दर्शाते हैं। बुध को एक तटस्थ या स्थिर ग्रह के रूप में देखा जाता है। बुध बुद्धि, वाणी, व्यापार और यात्रा के कारक हैं। इसके अलावा इस ग्रह को नवग्रहों में राजकुमार की उपाधि दी गई है और इसे किशोर माना जाता है। इस वजह से जिन लोगों पर बुध का प्रभाव होता है, वे अक्सर अपनी उम्र से अधिक युवा दिखाई देते हैं।

इसके अलावा ज्योतिषियों के अनुसार बुध या तो सूर्य के समान भाव में रहता है या डिग्री में इसके नज़दीक रहता है। चंद्र राशि के आधार पर, इस ब्लॉग में बताया गया है कि 18 जनवरी, 2025 को बुध के धनु राशि में अस्त होने का लोगों के व्यापार, करियर, शिक्षा, प्रेम जीवन और पारिवारिक जीवन आदि पर क्या प्रभाव पड़ेगा। साथ ही जानेंगे बुध के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने वाले ज्योतिषीय उपायों के बारे में।
बुध के धनु राशि में अस्त होने के दौरान कुल सात राशियों के जातकों को सावधान रहने की ज़रूरत है। आगे इन राशियों के बारे में विस्तार से बताया गया है लेकिन उससे पहले यह जान लीजिए कि बुध 18 जनवरी को किस समय पर धनु राशि में अस्त हो रहे हैं।
बुध धनु राशि में अस्त: समय
बुध बहुत कम समय के लिए किसी एक राशि में गोचर करते हैं और वह लगभग 23 दिनों के अंदर ही राशि परिवर्तन कर लेते हैं। अब 18 जनवरी, 2025 को सुबह 06 बजकर 54 मिनट पर बुध ग्रह धनु राशि में अस्त होने जा रहे हैं। तो चलिए अब जानते हैं कि बुध के धनु राशि में अस्त होने का राशियों और देश-दुनिया पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।
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बुध धनु राशि में अस्त: विशेषताएं
बुध ग्रह के धनु राशि में अस्त होने का मतलब है कि वह सूर्य से बहुत नज़दीक यानी 8 से 10 डिग्री के अंदर हैं। सूर्य ग्रह का बुध पर शक्तिशाली प्रभाव पड़ने की वजह से बुध की ऊर्जा कमज़ोर या क्षीण हो जाती है। ज्योतिष में ग्रह की अस्त अवस्था वह प्रक्रिया है जब कोई ग्रह अपनी सारी शक्तियों को खो बैठता हैं। साथ ही, ग्रह कमजोर और शक्तिहीन हो जाते हैं।
धनु राशि विस्तार और साहसिक ऊर्जा का प्रतीक है जबकि बुध ग्रह संचार कौशल और बौद्धिक क्षमता के कारक हैं। धनु राशि में बुध के अस्त होने पर इन गुणों का मेल होता है। जब सूर्य का प्रभाव बुध पर हावी हो जाता है, तब कभी-कभी इन गुणों में टकराव देखा जा सकता है या इन्हें नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति के पास ऊंचे विचार और ज्ञान पाने की ललक होती है लेकिन उसे स्पष्टता, फोकस और खुद को प्रभावी रूप से व्यक्त करने के मामले में संघर्ष करना पड़ सकता है। धैर्य विकसित कर के और अपने संचार कौशल में निखार लाकर इन चुनौतियों को पार किया जा सकता है।
बुध के धनु राशि में अस्त होने की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
बौद्धिक स्तर पर संघर्ष और स्पष्टता
- बुध ग्रह बुद्धि, संचार और सीखने का कारक हैं जबकि धनु राशि का संबंध उच्च ज्ञान, दर्शनशास्त्र और व्यापक सोच से है। हालांकि, धनु राशि में बुध के अस्त होने पर दार्शनिक या जटिल विचारों को समझने या स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में कमी हो सकती है। व्यक्ति को अपने ऊंचे विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में दिक्कत हो सकती है।
- ज्यादा सोचना या सरल बना देना: इस स्थिति में व्यक्ति की विचारों को अधिक जटिल बनाने की प्रवृत्ति हो सकती है या फिर वह महत्वपूर्ण मामलों को बहुत ज्यादा सरल बना सकता है जिससे छोटी-छोटी बारीकियों के छूटने का डर रहता है।
आवेग में आकर बात करना
- धनु अग्नि तत्व की राशि है और इसे सीधी बात करने और आवेगशीलता के लिए जाना जाता है। बुध के इस राशि में अस्त होने पर व्यक्ति बेबाक और सहज होकर बात करता है या लापरवाह तरीके से बात कर सकता है। ये परिणाम के बारे में सोचे बिना बात कर सकते हैं जिसकी वजह से कभी-कभी गलतफहमियां या मतभेद होने का डर रहता है।
- आशावादी लेकिन अस्थिर: इनकी बातें आशावादी और उत्साहित हो सकती हैं लेकिन इनके विचारों में अनुरूपता की कमी देखी जा सकती है।
ध्यान लगाने में दिक्कत
- धनु राशि के जातकों की रोमांच और खोज करने की इच्छा की वजह से अक्सर इनका स्वभाव अस्त-व्यस्त और विचलित होता है। बुध के अस्त होने पर इस ऊर्जा के कारण किसी काम पर फोकस बनाए रखने में दिक्कतें आ सकती हैं।
- सीखने को लेकर अधीरता: इनकी किसी एक काम को पूरा किए बिना या उसमें महारत हासिल किए बिना दूसरे विचार या विषय पर चले जाने की प्रवृत्ति हो सकती है।
अधिकार या पारंपरिक ज्ञान को लेकर संघर्ष
- धनु राशि आत्मनिर्भरता और प्रतिबंधों से मुक्ति पाने की इच्छा का प्रतीक है। इस राशि में बुध के अस्त होने पर व्यक्ति को संचार के पारंपरिक रूपों या ज्ञान के स्थापित नियमों का सम्मान करने में दिक्कत हो सकती है। ये पारंपरिक ज्ञान को पूरी तरह से समझे बिना उस पर सवाल उठा सकते हैं या उसे अस्वीकार कर सकते हैं।
- संरचित शिक्षा से संबंधित चुनौतियां: इस स्थिति में जातक को औपचारिक शिक्षा या संरचित माहौल प्रतिबंधित करने वाला लग सकता है और उन्हें शिक्षा के पारंपरिक माहौल में संघर्ष करना पड़ सकता है।
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बुध धनु राशि में अस्त: विश्व पर प्रभाव
सरकारी और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाभ की औसत संभावनाएं नज़र आ रही हैं।
- बुध के अस्त होने पर भारत समेत विश्व की अन्य महाशक्तियों को धन की हानि होने की आशंका है।
- पड़ोसी देशों के संबंध और बातचीत में कमी आ सकती है और इसकी वजह से कई अवसर छूट सकते हैं।
- विश्व स्तर पर बुध के अस्त होने का कनाडा और यूके जैसे देशों के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- इस दौरान प्रमुख देशों के बीच कोई निर्णय लेना प्रतिकूल साबित हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप प्रमुख देशों के संबंध खराब या टूट सकते हैं।
व्यापार, सूचना प्रौद्योगिकी और मीडिया
- सॉफ्टवेयर, दूरसंचार और नेटवर्किंग जैसे क्षेत्रों में मंदी आ सकती है और इस वजह से इन क्षेत्रों में समस्याएं और नुकसान देखने को मिल सकता है।
- बुध के अस्त होने पर नेटवर्किंग, परिवहन और सॉफ्टवेयर क्षेत्रों में भी समस्याओं के आने की आशंका है।
- इस समय व्यापार में मंदी या घाटा होने के संकेत हैं।
गूढ़ विज्ञान और अध्यात्म
- इस दौरान गूढ़ विज्ञान आदि क्षेत्र खूब फल-फूलेंगे।
- चूंकि, बुध बृहस्पति की राशि धनु में अस्त होने जा रहे हैं इसलिए इस समय ज्योतिषी, आकाशिक रीडर, टैरो रीडर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है।
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बुध धनु राशि में अस्त: स्टॉक मार्केट पर असर
- शेयर मार्केट रिपोर्ट के अनुसार मीडिया और प्रसारण, दूरसंचार और अस्पताल प्रबंधन के क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
- बुध के धनु राशि में अस्त होने पर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के उद्योगों के कारोबार में गिरावट देखने को मिल सकती है।
- इस समय संस्थानों, आयात और निर्यात सभी क्षेत्र समृद्ध होंगे।
- फार्मास्यूटिकल और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के मज़बूत प्रदर्शन करने के संकेत हैं।
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र भी प्रगति देखने को मिलेगी।
बुध धनु राशि में अस्त: इन राशियों को होगा नुकसान
मेष राशि
मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब धनु राशि में अस्त होने के दौरान वे आपके नौवें भाव में रहेंगे। इस दौरान मेष राशि के जातकों को अपने पिता और सलाहकार का मार्गदर्शन मिलेगा।
आप अपने एडवांस कोर्स को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे लेकिन बुध के अस्त होने के दौरान आपको इसमें सफलता मिल पाने की संभावना कम ही है। लंबी दूरी की यात्रा या तीर्थयात्राओं में बाधाएं आने की आशंका है। आप अपने अच्छे कर्मों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे और इसके साथ ही आपका रुझान आध्यात्मिक मार्ग की ओर भी बढ़ेगा लेकिन हो सकता है कि आप इस समयावधि में आध्यात्मिक मार्ग पर चलने में सक्षम न हों। बुध की आपके तीसरे घर पर पड़ रही दृष्टि की वजह से आपकी अपने छोटे भाई-बहनों के साथ बहस हो सकती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के पहले और चौथे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके सातवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। बुध के चौथे भाव के स्वामी होने के कारण विवाहित जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप और आपका पार्टनर घर में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने में असमर्थ हो सकते हैं।
यदि आप वाहन या प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं, तो इसके लिए यह सही समय नहीं है। चूंकि, बुध ग्रह व्यापार के कारक हैं इसलिए बुध के धनु राशि में अस्त होने के दौरान आपको किसी नई बिज़नेस डील पर भी हस्ताक्षर करने से बचना चाहिए। यह आपकी नई कंपनी के लिए भी अच्छा रहेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके पांचवे भाव में अस्त होने जा रहे हैं। आपको अपनी या अपनी संतान की शिक्षा और विकास को लेकर धन निवेश करने की ज़रूरत हो सकती है। पांचवां भाव सट्टेबाज़ी और स्टॉक मार्केट को भी दर्शाता है। बुध के अस्त होने के दौरान आपको बड़े निवेशों पर धन हानि होने की आशंका है इसलिए आप निवेश करते समय सावधानी बरतें।
चूंकि, बुध बुद्धि के कारक हैं इसलिए छात्रों को इस समयावधि में ध्यान लगाकर पढ़ाई करने में दिक्कत आ सकती है। धनु राशि में बुध के अस्त होने से खासतौर पर बुध से संबंधित पाठ्यक्रमों जैसे कि लेखन, गणित, मास कम्युनिकेशन और अन्य किसी भाषा की पढ़ाई कर रहे छात्रों की सीखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। आपको कोर्स को पूरा या शुरू करने में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
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बुध धनु राशि में अस्त: इन राशियों को होगा लाभ
वृषभ राशि
वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके आठवें भाव में अस्त होने जा रहे हैं। वृषभ राशि के जातकों के लिए यह समय अनुकूल नहीं रहने वाला है। कुंडली के अष्टम भाव का संबंध अचानक होने वाली घटनाओं और बदलावों से होता है।
मुमकिन है कि अचानक से आपकी नौकरी छूट जाए या जिस प्रमोशन की आप उम्मीद कर रहे थे, वो आपको न मिल पाए। इसके अलावा आपको पैसे मिलने में देरी हो सकती है या आपको अचानक से वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के छठे भाव में बुध अस्त होने जा रहे हैं एवं इस राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं। बारहवें भाव के स्वामी के छठे भाव में होने पर आपको कानूनी मसलों और बिल आदि को लेकर समस्याएं, देरी या निराशा होने की आशंका है। इस प्रकार यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
अगर आपने कर्ज़ लिया हुआ है, तो इस समय इसे न चुका पाने की वजह से आप परेशानी में पड़ सकते हैं। आपके खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इस वजह से आप उलझन में पड़ सकते हैं और आपको यह समझ नहीं आ पाएगा कि आपको क्या करना चाहिए।
बुध के धनु राशि में गोचर करने पर करें ये उपाय
- बुध ग्रह की पूजा करने का सबसे बेहतरीन तरीका है भगवान बुध के ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करना।
- बुध को शांत करने के लिए आप तोते, कबूतर और अन्य पक्षियों को दाना दे सकते हैं।
- बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए नियमित रूप से खुद भोजन करने से पहले गाय को चारा खिलाएं।
- हरी सब्जियां जैसे कि पालक और अन्य पत्तेदार सब्जियां खासतौर पर गरीब बच्चों को खिलाएं या उन्हें दान में दें।
- भीगी हुई हरी मूंग की दाल पक्षियों को खिलाने से भी कुंडली में बुध की स्थिति मज़बूत होती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. जब कोई ग्रह सूर्य से कुछ अंश की दूरी पर आ जाता है, तब उसे अस्त माना जाता है।
उत्तर. हां, सूर्य के नज़दीक होने के कारण बुध अस्त होता रहता है।
उत्तर. हां, ज्यादातर समय बुध धनु राशि में सहज होता है।
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