म्यांमार
म्यांमार के नाय पी ताव में शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया जिससे नागरिक बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और म्यांमार के लोगों की जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी। इन परियोजनाओं का काम भारत की 50 लाख डॉलर की वार्षिक अनुदान सहायता से पूरा किया गया है।
म्यांमार में भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने देश के केंद्रीय सामाजिक कल्याण, राहत और पुनर्वास मंत्री डॉ. सो विन और सीमा मामलों के मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल तुन तुन नौंग के साथ मिलकर सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) और राखीन प्रांत विकास कार्यक्रम (आरएसडीपी) परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
म्यांमार में भारतीय दूतावास के अनुसार, उद्घाटन की गई परियोजनाएं चिन प्रांत और नागा स्व-प्रशासित क्षेत्र में स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण नई सामाजिक और आर्थिक सुविधाएं प्रदान करेंगी, जो उनकी भलाई के लिए फायदेमंद होंगी। चिन प्रांत में 16 सड़कों और पुलों के साथ एक शिक्षा केंद्र का निर्माण पूरा होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसी तरह, नागा स्व-प्रशासित क्षेत्र में 19 सड़कों और पुलों और दो शिक्षा केंद्रों का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। कुल मिलाकर, इन पहलों में 45 लाख अमेरिकी डॉलर की लागत से 38 गतिविधियां शामिल हैं, जो क्षेत्रीय विकास के लिए व्यापक प्रयास और प्रतिबद्धता को दिखाती हैं। इसके अलावा, महत्वपूर्ण परियोजनाओं में ग्वा टाउनशिप में जल आपूर्ति प्रणाली का निर्माण और मराउक यू टाउनशिप में भस्मक का काम पूरा होना शामिल है। भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ये परियोजनाएं आवश्यक सेवाओं और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
बीएडीपी और आरएसडीपी ढांचे के तहत, भारत सरकार प्रति वर्ष 50 लाख डॉलर की अनुदान सहायता प्रदान करती है, जैसा कि समझौता ज्ञापन (एमओयू) में तय किया गया है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल आपूर्ति, स्वास्थ्य देखभाल, बिजली, सड़क निर्माण, स्कूल निर्माण और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुधारना और लोगों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।
सरकार ने पिछले साल यांगून क्षेत्र, नाय पी ताव, तनिनथारी क्षेत्र, सागांग क्षेत्र, मैगवे क्षेत्र और मांडले क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा, ई-लर्निंग और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में इसी तरह की पहल का समर्थन किया है।
भारतीय दूतावास ने बताया, “यह साझेदारी सागांग क्षेत्र, चिन प्रांत और राखीन प्रांत जैसे सीमावर्ती इलाकों में समुदायों के विकास और सशक्तिकरण के लिए है। यह म्यांमार के लोगों के लिए सतत विकास और बेहतर जीवन स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए दोनों सरकारों की प्रतिबद्धता को दिखाता है।”
शुक्रवार का कार्यक्रम अक्टूबर में भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त पांच त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (क्यूआईपी) के हस्ताक्षर समारोह के बाद हुआ। ये परियोजनाएं म्यांमार के विभिन्न क्षेत्रों में कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, हथकरघा और आपदा जोखिम न्यूनीकरण क्षेत्रों में नागरिक बुनियादी ढांचे को सुधारने का काम करेंगी।
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