Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Satya Hindi News Bulletin । 02 मई, दिनभर की ख़बरें
    • Satya Hindi News Bulletin । 02 मई, 8 बजे की ख़बरें
    • फूलों की घाटी फिर से महकी: उत्तराखंड का यह अनमोल रत्न 2025 के पर्यटन सीजन के लिए खुला
    • क्या देशभक्त होना इतना बड़ा गुनाह …. सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस से इशारों में पूछे सवाले, देश में हो रहे बवाल पर जताया दुख
    • इस महाभारत का शांतिपर्व कहाँ है?
    • Satya Hindi News Bulletin। 2 जून, दोपहर तक की ख़बरें
    • सावरकर-गोडसे परिवार के संबंधों को रिकॉर्ड में लाने की राहुल की मांग क्यों ठुकराई?
    • रूस का पर्ल हार्बर! यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब ने मचाया कहर
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » शिवरानी जी अपने समय से बहुत आगे की लेखिका थीं: अशोक वाजपेयी
    भारत

    शिवरानी जी अपने समय से बहुत आगे की लेखिका थीं: अशोक वाजपेयी

    By January 22, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    हिंदी के प्रख्यात लेखक एवम संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने लेखकों विशेषकर महिला रचनाकारों से अपने लेखन में अपने समय को दर्ज करते हुए राजनीतिक दृष्टि अपनाने  की अपील की है। वाजपेयी ने सोमवार को गांधी शांति प्रतिष्ठान में प्रेमचन्द की पत्नी शिवरानी जी के तीन कहांनी संग्रहों का लोकार्पण करते हुए यह बात कही। उनके वर्षों से दो अनुपलब्ध कहांनी संग्रह “नारी हृदय “और” “कौमुदी ” का सात दशक बाद पुनर्प्रकाशन किया गया और उनकी असंकलित कहानियों का नया संग्रह “पगली ” उनके निधन के करीब  50 साल बाद अब आया है।

    स्त्री दर्पण द्वारा शिवपूजन सहाय की 63 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में “स्त्री लेखा “पत्रिका के स्त्री रंगमंच अंक का भी लोकार्पण किया गया जो रेखा जैन की जन्मशती पर केंद्रित है।समारोह को  सुप्रसिद्ध  विद्वान  हरीश त्रिवेदी चर्चित आलोचक ,रोहिणी अग्रवाल साहित्य अकादमी से सम्मानित लेखिका अनामिका एवम कहानीकार नीला प्रसाद और शिवपूजन सहाय के नाती  विजय नारायण ने भी  संबोधित किया।

    वाजपेयी ने वर्तमान सत्त्ता की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज लेखकों को अपने समय का सच कहने की जरूरत है। शिवरानी देवी अपने समय से आगे की लेखिका थीं और उनकी कहानियों में निजता के साथ साथ  राजनीतिक दृष्टि भी है।आज की  स्त्री  लेखिकाओं में वह दृष्टि नहीं दिखाई पड़ती जो शिवरानी जी के पास थीं।

    उंन्होने कहा कि शिवरानी जी कहांनी समझौता दो पात्रों के संवाद की अनूठी कहांनी है। वैसी कहानी हिंदी में मुझे दिखाई नहीं देती। उंन्होने साहस की भी चर्चा की।

    समारोह में रश्मि वाजपेयी, नासिरा शर्मा, रेखा अवस्थी, गिरधर राठी, विभा सिंह चौहान, अनिल अनलहातु, जयश्री पुरवार, मीना झा, वाज़दा खान, अतुल सिन्हा, जितेंद्र श्रीवस्तव,  ज्योतिष जोशी, अशोक कुमार, विभा बिष्ट, श्याम सुशील, मनोज मोहन, रश्मि भारद्वाज, अशोक गुप्ता, प्रसून लतान्त, शुभा दिवेदी आदि उपस्थित थे।

    प्रेमचन्द की जीवनी “कलम का सिपाही ” का अंग्रेजी अनुवाद करने वाले त्रिवेदी ने कहा कि उन्हें शिवरानी से मिंलने के अनेक अवसर मिले, लेकिन जब भी वे मिली वह बहुत शांत स्वभाव की महिला थीं। किसी से घर में बात भी नहीं करती थीं। अपने पुत्रों श्रीपत राय और अमृत राय से भी नहीं। मुझे यह देखकर आश्चर्य भी हुआ कि इसी शिवरानी जी ने अपने जमाने मे ” साहस” जैसी साहसिक कहांनी लिखी जिसमें बेमेल विवाह का तीखा विरोध करते हुए लड़की ने वर को ही जूते से मंडप में पीट दिया।

    त्रिवेदी ने कहा कि प्रेमचन्द और शिवरानी देवी में तुलना करने और शिवरानी जी को बढ़चढ़कर बताने की भी जरूरत नहीं है। अनामिका  ने कहा के शिवरानी देवी का लेखन या उन्होंने स्त्रियों की आंखें साफ करने का काम किया। अगर किसी को ध्यान से देख लो तो उससे नफरत करना करते नहीं बनता है। प्रेमचंद की बूढ़ी काकी कहानी में समय वातावरण का चित्रण बहुत सुंदर हुआ है वही शिवरानी देवी की बूढ़ी  काकी कहानी में लेखिका अंदर की ओर लौटी है और जो संवेदनात्मक रूप से जो चित्रण किया है वह बहुत सुंदर हुआ है।

    रोहिणी अग्रवाल ने कहा कि आज हमें शिवरानी देवी को केवल याद करने की नहीं बल्कि उनकी तरह योद्धा स्त्री बनकर समाज में स्त्रियों के अधिकार के लिए लड़ने की जरूरत है।

    नीला प्रसाद ने “ साहस” कहांनी का विश्लेषण करते हुए लेखिका के साहस की चर्चा की एवम कहा कि 1924 में एक स्त्री द्वारा बेमेल विवाह का विरोध करते हुए वर को जूते से मंडप में मारना कितनी बड़ी घटना थी क्योंकि आज भी कोई लड़की यह साहस नहीं कर पाती है। विजय नारायण ने अपने नाना शिवपूजन सहाय का  प्रेमचन्द तथा शिवरानी जी के साथ आत्मीय संबंधों का जिक्र करते हुए उस दौर को याद किया जब बनारस में प्रेमचन्द के साथ लेखकों का जुटान होता था ।

    समारोह में नारायण के पिता एवम स्वतंत्रता सेनानी रंगकर्मी बीरेंद्र नारायण की अंग्रेजी में थिएटर पर लिखी पुस्तक के आवरण का भी लोकार्पण किया गया। दिव्या जोशी ने कल्पना मनोरमा की किताब की महेश दर्पण द्वारा की गई समीक्षा का पाठ किया। मीनाक्षी प्रसाद ने शिवरानी जी को काव्यांजलि पेश की और एक उनकी स्मृति में एक गीत भी गाया।संचालन कल्पना मनोरमा और विशाल पांडेय ने किया।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleBest Momos in Lucknow: लखनऊ में यहाँ मिलेंगें 100 से ज़्यादा वैरायटी के मोमोज़, जानिए कहाँ है ये जगह
    Next Article Liquor in Train: ट्रेन से यात्रा के दौरान क्या शराब ले जा सकते हैं आप? जानिए क्या कहता है भारतीय रेलवे का नियम

    Related Posts

    Satya Hindi News Bulletin । 02 मई, दिनभर की ख़बरें

    June 2, 2025

    Satya Hindi News Bulletin । 02 मई, 8 बजे की ख़बरें

    June 2, 2025

    इस महाभारत का शांतिपर्व कहाँ है?

    June 2, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.