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    Home » मायावती ने आकाश आनंद को अब पार्टी के सभी पदों से क्यों हटाया?
    भारत

    मायावती ने आकाश आनंद को अब पार्टी के सभी पदों से क्यों हटाया?

    By March 2, 2025No Comments6 Mins Read
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    मायावती ने फिर से अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। तो सवाल है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया आकाश मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकरी होंगे या नहीं इन सवालों के जवाब से पहले यह जान लें कि मायावती ने क्या कहा है।

    दरअसल, बीएसपी ने रविवार को एक बड़े बदलाव का संकेत दिया है। लखनऊ में पार्टी की एक अहम बैठक के बाद बीएसपी ने एक बयान जारी कर कहा है कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। उनके पिता और पार्टी महासचिव आनंद कुमार को राज्यसभा सांसद रामजी गौतम के साथ नए राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया है। 

    मायावती पार्टी में फेरबदल क्यों कर रही हैं, इसका संकेत उन्होंने दिया है। कांशीराम के सिद्धांतों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हालाँकि उन्होंने कभी भी अपने परिवार के सदस्यों के पार्टी में काम करने का विरोध नहीं किया, लेकिन उनका यह साफ़ मानना है कि यदि उनमें से कोई भी पार्टी या आंदोलन को नुक़सान पहुँचाने के लिए उनके नाम का दुरुपयोग करता है, तो वे उसे तुरंत हटा देंगे।

    बीएसपी के बयान में कहा गया है कि मायावती ने घोषणा की कि अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद उनके दामाद आकाश आनंद को भी पार्टी की सभी ज़िम्मेदारियों से हटा दिया गया है। मायावती ने अशोक सिद्धार्थ पर पार्टी के भीतर गुटबाजी करके विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा है कि इससे बीएसपी की संगठनात्मक ताक़त कमजोर हुई। उन्होंने पार्टी को कमजोर करने के उनके प्रयासों के उदाहरण के रूप में उनके बेटे की शादी के आसपास की घटनाओं सहित हाल की घटनाओं का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य था और इसी के कारण उन्हें पार्टी से निकाला गया।

    उन्होंने बताया कि आकाश आनंद को हटाना ज़रूरी था, क्योंकि उनके ससुर का उन पर बहुत प्रभाव हो सकता था। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ के कार्यों ने आनंद के राजनीतिक दृष्टिकोण को इस तरह से प्रभावित करना शुरू कर दिया था जो पार्टी के सर्वोत्तम हित में नहीं था। सिद्धार्थ को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने दावा किया कि उन्होंने न केवल बीएसपी को नुकसान पहुंचाया, बल्कि आकाश आनंद के राजनीतिक करियर को भी पटरी से उतार दिया।

    मायावती ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को स्थिर करने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार अब राष्ट्रीय समन्वयक की भूमिका भी संभालेंगे। पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करने के लिए राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया है।

    मायावती ने पार्टी मामलों को संभालने में आनंद कुमार की क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्होंने कभी उन्हें निराश नहीं किया और बीएसपी के मिशन के प्रति वफादार रहे।

    राजनीतिक उत्तराधिकार का क्या होगा

    मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकार को लेकर रह-रह कर सवाल उठता रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मायावती ने बीएसपी की कमान आकाश आनंद के हाथ में देने के लिए राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। दिसंबर 2023 में यह घोषणा आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की एक बैठक के दौरान की गई थी। 

    लेकिन लोकसभा चुनाव के बीच ही आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया गया था और तब राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं बनाने का भी फ़ैसला ले लिया गया था। तब आकाश बीजेपी के ख़िलाफ़ काफी आक्रामक थे। आकाश आनंद के ख़िलाफ़ मायावती की वह कार्रवाई तब की गई थी जब यूपी में दिया उनका एक भाषण काफी सुर्खियों में था। 28 अप्रैल को सीतापुर में एक चुनावी रैली में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में आकाश आनंद और चार अन्य के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था।

    अपने इस फ़ैसले को लेकर मायावती ने पार्टी को खड़ा करने और डॉ. भीमराव आंबेडकर के स्वाभिमान के लिए कांशीराम और खुद की मेहनत का हवाला दिया था। उन्होंने कहा था कि इस आंदोलन को गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है और इसी के तहत आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। उन्होंने तब कहा था कि वह अपना फ़ैसला वापस ले रही हैं। इसके पीछे वजह उन्होंने आकाश आनंद में पूरी परिपक्वता के अभाव को बताया था। 

    2024 में कुछ महीने बाद जून महीने में ही मायावती ने अपना फ़ैसला फिर से बदल लिया था। लोकसभा चुनाव में बीएसपी की बुरी तरह हार के बाद फिर से मायावती ने आकाश आनंद को ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।

    इसके साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के पद पर उन्हें बहाल कर दिया गया था। ऐसा तब किया गया था जब लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने एक भी सीट नहीं जीती।

    वंशवादी राजनीति की हमेशा बड़ी आलोचक रहीं मायावती के लिए आकाश आनंद पर फ़ैसला लेना आसान काम नहीं रहा होगा। और इसका अंदाजा मायावती को 2019 में अपने जन्मदिन पर आई तस्वीरों के बाद लग गया होगा।

    दरअसल, 2019 में मायावती के जन्मदिन पर उनके साथ दिखा एक नौजवान अचानक राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बन गया था। उसके बारे में हुई तमाम तरह की चर्चाओं पर बीएसपी सुप्रीमो ने तब जवाब दिया था कि वह उनका भतीजा आकाश आनंद है और वह उसे बीएसपी मूवमेंट में शामिल करेंगी। तब आकाश सिर्फ़ 24 वर्ष के थे। 

    मायावती ने तब कहा था, ‘मैं कांशीराम की चेली हूँ और जैसे को तैसा जवाब देना जानती हूँ। मैं आकाश को बीएसपी मूवमेंट में शामिल करूँगी और अगर मीडिया के कुछ जातिवादी और दलित विरोधी तब़के को इस पर आपत्ति है तो रहे, हमारी पार्टी को इसकी कोई चिंता नहीं है।’

    वंशवाद को लेकर आरोपों के बीच 2019 में मायावती ने कहा था, ‘मेरे जन्मदिन पर आनंद के बेटे आकाश को मेरे साथ देखकर कुछ मीडिया समूहों ने उसे सस्ती राजनीति का शिकार बनाने का षड्यंत्र किया गया है, जिसकी मैं निंदा करती हूँ।’ उन्होंने अपने छोटे भाई आनंद कुमार के बारे में कहा था कि उनके भाई ने पार्टी के लिए बिना किसी स्वार्थ के काम किया है। मायावती ने कहा कि ‘उन्होंने आनंद कुमार को बीएसपी का उपाध्यक्ष बनाया था लेकिन उन पर परिवारवाद का आरोप न लगे इसलिए आनंद ने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया। आनंद का पूरा परिवार बीएसपी मूवमेंट के लिए समर्पित है।’ 

    (इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है।)

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