बुध का मीन राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में हर माह होने वाले ग्रहों के गोचर एवं स्थिति में बदलाव का प्रभाव मनुष्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र पर पड़ता है जैसे कि करियर, प्रेम जीवन, व्यापार आदि। बता दें कि नवग्रहों में बुध ग्रह को एक विशेष स्थान प्राप्त है जो कि संचार, वाणी, बुद्धि एवं तर्क के कारक कहे गए हैं। इसी कम्र में, जब बुध देव किसी राशि में उपस्थित होते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के अधिकांश क्षेत्रों पर पड़ता है। साथ ही, गोचर के समय बुध ग्रह की स्थिति और उसकी दिशा व्यक्ति के व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में बड़े परिवर्तन लेकर आ सकती है। एस्ट्रोसेज एआई का यह लेख आपको बुध का मीन राशि में गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा।

आपको बता दें कि बुध को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह कहा जाता है और इन्हें एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करने में लगभग 30 दिनों का समय लगता है। इस तरह बुध देव का राशि परिवर्तन विभिन्न राशियों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है, उदाहरण के तौर पर, जब बुध ग्रह मेष राशि में गोचर करते हैं, तब लोगों में नई सोच और नए विचार आते हैं। वृषभ राशि में बुध का गोचर जातकों के व्यापार में स्थिरता और समृद्धि देता है।
यह भी पढ़ें: राशिफल 2025
दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी
इसके विपरीत, बुध ग्रह के वक्री अवस्था में होने पर इनके प्रभाव में तीव्रता देखने को मिलती है। बुध की वक्री अवस्था जातकों के संचार में समस्या, गलतफ़हमी, और तकनीकी समस्याएं जैसी परेशानियों को जन्म दे सकती हैं। हालांकि, बुध का गोचर उन लोगों के लिए विशेष रूप से मायने रखता है जिनका संबंध शिक्षा, लेखन और व्यापार आदि के क्षेत्र से हैं। वहीं, बुध ग्रह का गोचर शुभ होने से छात्रों का मन पढ़ाई में लगने लगता है, व्यापार में प्रगति के नए अवसर मिलते हैं और लेखकों की रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
अब फरवरी 2025 में बुध जल्द ही अपनी नीच राशि में गोचर करने जा रहे हैं। हमारे इस विशेष ब्लॉग में आपको मीन राशि में बुध गोचर की यह ज्योतिषीय घटना राशि चक्र की 12 राशियों को कैसे प्रभावित करेगी और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल उपायों की जानकारी प्राप्त होगी। लेकिन, सबसे पहले जान लेते हैं बुध का मीन राशि में गोचर का समय एवं तिथि।
बुध गोचर कब और क्या रहेगा समय?
वैदिक ज्योतिष में बुध को युवा ग्रह के रूप में जाना जाता है जो अब 27 फरवरी 2025 की रात 11 बजकर 28 मिनट पर मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि मीन राशि के स्वामी गुरु ग्रह हैं और यह बुध ग्रह की नीच राशि है। सामान्य शब्दों में कहें तो, मीन राशि में बुध देव नीच अवस्था में होते हैं इसलिए इनसे मिलने वाले परिणाम भी कमज़ोर रह सकते हैं। बुध का मीन राशि में गोचर होने से सभी राशियों के जातकों के जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया में भी बदलाव आ सकते हैं। इस बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं बुध का धार्मिक महत्व।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
बुध ग्रह का धार्मिक महत्व
- बुध ग्रह के धार्मिक महत्व की बात करें, तो बुध देव को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है जो कि संतुलन और धैर्य के देवता हैं।
- किसी व्यक्ति के जीवन में बुध ग्रह संतुलन, विवेक और समझदारी का आशीर्वाद देते हैं।
- साथ ही, इनके शुभ प्रभाव से व्यक्ति का झुकाव धार्मिकता की तरफ बढ़ता है और इससे इंसान सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित होता है।
- धार्मिक दृष्टि से, बुध ग्रह धर्म ग्रंथों जैसे कि वेदों, शास्त्रों और अन्य ग्रंथों के अध्ययन में विशेष भूमिका अदा करते हैं।
- इस ग्रह का धार्मिक उपदेश, शिक्षा और प्रचार में भी महत्व माना जाता है।
- कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति धर्म गुरुओं और प्रचारकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि बुध के आशीर्वाद से ही वह अपने विचारों और उपदेशों को स्पष्ट एवं प्रभावी रूप से रख पाते हैं।
- बुध महाराज की कृपा प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें। विष्णु जी की आराधना करें और बुध के मंत्रों का जाप करें।
चलिए अब नज़र डालते हैं बुध की मीन राशि में स्थिति पर।
विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान
मीन राशि में बुध ग्रह की विशेषताएं
- ज्योतिष शास्त्र में मीन राशि में बुध की स्थिति को शुभ नहीं माना जाता है। हालांकि, बुध की यह स्थिति जातक को दयालु और सहज बनाने का काम करती है।
- इस राशि में बैठे बुध महाराज आपको अपने मन की आवाज़ सुनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही, चीज़ों को गहराई से जानने-समझने में समर्थ बनाते हैं।
- गुरु ग्रह की राशि मीन जल तत्व की राशि है और इस राशि में बुध नीच अवस्था में होते हैं, फिर भी यह आपको औसत परिणाम दे सकते हैं क्योंकि बुध और बृहस्पति दोनों को शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त है।
- बुध मीन राशि में होने से जातकों की बात करने की क्षमता प्रभावित होती है।
- मीन राशि के जातक सपनों की दुनिया में जीने वाले होते हैं इसलिए इस दौरान यह लोग अपनी बात रखने या भावनाओं का इज़हार करने के लिए बातचीत के बजाय कविता या कला आदि का उपयोग कर सकते हैं।
- अगर मीन राशि में बुध देव दूसरे शुभ ग्रहों के साथ विराजमान होते हैं, तो बुध की यह स्थिति अशुभ नहीं कही जाएगी। लेकिन, बुध ग्रह मीन राशि में पापी ग्रहों के साथ मौजूद हैं, तो आपको नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट
बुध गोचर के दौरान जरूर आज़माएं ये उपाय
बुध ग्रह से शुभ परिणामों को पाने और कुपित बुध को शांत करने के लिए आप नीचे दिए गए उपायों को अपना सकते हैं।
हरे रंग का उपयोग: बुध ग्रह को रंग हरा बहुत प्रिय है इसलिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें और हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। ऐसा करने से बुध से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
हरी सब्जियों और आंवला का सेवन: बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए आंवला और हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। ऐसा करने से कुंडली में बुध बलवान होते हैं।
श्री गणेश का पूजन: भगवान गणेश से भी बुध ग्रह का संबंध माना जाता है इसलिए कुंडली में बुध दोष की शांति के लिए भगवान गणेश की उपासना करना और उन्हें दूर्वा अर्पित करना लाभदायक रहता है, विशेष रूप से बुधवार के दिन।
बुध मंत्र का जाप: बुध देव के मंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से बुध ग्रह को शांत किया जा सकता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद हरे वस्त्र धारण करके “ॐ बुं बुधाय नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
बुध का मीन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध देव को बहुत ज्यादा अनुकूल ग्रह नहीं कहा जा सकता है। बुध महाराज… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध देव को शुभ ग्रह माना जाता है। हालांकि, इन जातकों की कुंडली में बुध… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह आपके पहले/लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह … (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध देव आपकी कुंडली में तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध एक महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं जो कि आपके कोषाध्यक्ष कहे गए… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके लग्न/पहले भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके… (विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो कि आपके नौवें भाव… (विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध देव को अनुकूल ग्रह नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आपकी कुंडली… (विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके सातवें भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे… (विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध देव शुभ ग्रह माने जाते हैं क्योंकि आपकी कुंडली में इन्हें छठे भाव… (विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध महाराज महत्वपूर्ण माने गए हैं जिन्हें आपकी कुंडली में पांचवें भाव और… (विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों की कुंडली में बुध का गोचर आपके पहले/लग्न भाव में हो रहा है। बता दें कि आपके… (विस्तार से पढ़ें)
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ज्योतिष में बुध ग्रहों को युवराज के नाम से जाना जाता है जो बुद्धि, वाणी और संचार कौशल को नियंत्रित करते हैं।
राशि चक्र में बुध देव को मिथुन और कन्या राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं।
गुरु ग्रह को मीन राशि का स्वामी माना गया है।
The post नीच राशि में बुध का गोचर, इन राशियों को करेगा परेशान और इन पर रहेगा मेहरबान! appeared first on AstroSage Blog.