Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • प्रो. रविकांत पर मुक़दमा चलाने की मंजूरी देने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी पर सवाल क्यों?
    • भारतीयों को बांग्लादेश क्यों धकेला ? ममता सरकार ने कराई घर वापसी
    • ट्रंप की ईरान को धमकी, बिना शर्त आत्मसमर्पण करो
    • शांति के लिए ख़तरा बनी इसराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद की जन्म-कथा!
    • भारत का यह मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जिसमें एक पूरा शहर बसा है, यूरोप की वेटिकन सिटी से भी विशाल है!
    • इसराइल-ईरान युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका? जानें क्या असर होगा
    • यूएस और ईरान के बीच अहम बैठक के संकेत, किसको तेहरान भेज रहे हैं ट्रम्प
    • हैदराबाद का फलकनुमा पैलेस, मानो हिंदुस्तान की धरती पर आसमान का एक टुकड़ा उतर आया हो, लेकिन इसे बनवाने वाले नवाब को इसकी भव्यता ने कंगाल कर दिया
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Bharat Ki Sabse Badi Nadi: आइए जानते हैं भारत की दूसरी सबसे लंबी और पवित्र धारा, गोदावरी नदी के बारे में
    Tourism

    Bharat Ki Sabse Badi Nadi: आइए जानते हैं भारत की दूसरी सबसे लंबी और पवित्र धारा, गोदावरी नदी के बारे में

    By March 19, 2025No Comments8 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Bharat Ki Sabse Badi Nadi Godavari (Photo – Social Media)

    Bharat Ki Sabse Badi Nadi Godavari (Photo – Social Media)

    Bharat Ki Sabse Badi Nadi Godavari: गोदावरी नदी गंगा(Ganga) के बाद भारत की दूसरी सबसे लंबी और पवित्र नदियों में से एक है, जिसे ‘दक्षिण गंगा’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका उद्गम महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर के पास ब्रह्मगिरी पर्वत से होता है और यह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और कर्नाटक जैसे राज्यों से होकर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में समाहित हो जाती है। यह नदी कृषि, सिंचाई, जल आपूर्ति और जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके तटों पर कई प्राचीन नगर और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जो इसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से विशेष बनाते हैं। गोदावरी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि भारत की सभ्यता, परंपरा और आर्थिक गतिविधियों की एक मजबूत रीढ़ है।

    गोदावरी का पवित्र स्रोत (Origin Of Godavari River)

    ब्रह्मगिरी पर्वत(Bramhagiri Mountain) की ऊँचाई लगभग 1,295 मीटर (4,250 फीट) है और यह नासिक(Nashik) से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पर्वत प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा है और यहाँ कई मंदिर और तीर्थ स्थल स्थित हैं।

    गोदावरी का उद्गम स्थल एक छोटे जलस्रोत के रूप में ब्रह्मगिरी पर्वत पर स्थित है, जिसे ‘कुशावर्त तीर्थ’ कहा जाता है। इसे गोदावरी नदी का आधिकारिक प्रारंभ बिंदु माना जाता है और इसे पवित्र स्नान स्थल भी माना जाता है।

    गोदावरी का पौराणिक उल्लेख (Mythological reference of Godavari)

    गोदावरी नदी(Godavari River) से जुड़ी एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा महर्षि गौतम और उनकी पत्नी अहिल्या से संबंधित है। महर्षि गौतम त्र्यंबकेश्वर में तपस्या कर रहे थे, जिससे उनका क्षेत्र उर्वर बना रहा, जबकि अन्य स्थानों पर सूखा पड़ा था। इससे ईर्ष्यालु ऋषियों ने एक छल रचा और उनके आश्रम में एक मृत गाय भेज दी, जिससे महर्षि गौतम पर गौहत्या का आरोप लगाया गया। पापमुक्त होने के लिए उन्हें गंगा जल लाने को कहा गया। उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर शिव ने गंगा को पृथ्वी पर आने की अनुमति दी। त्र्यंबकेश्वर में अवतरित इस नदी को गोदावरी नाम मिला, जिसे ‘दक्षिण गंगा’ भी कहा जाता है।

    स्रोत एवं प्रवाह(Source and Flow of Godavari)

    गोदावरी नदी (Godavari River) पश्चिमी घाट (Western Ghats) से निकलकर पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है और लगभग 1,465 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके बंगाल की खाड़ी में मिलती है।

    गोदावरी नदी कई सहायक नदियों को अपने साथ समेटती है, जिनमें प्रमुख हैं:

    प्रवाह के उत्तर की ओर: पेंगंगा, वारधा, वैनगंगा, और इंद्रवती

    प्रवाह के दक्षिण की ओर: मंजर, प्रवरा, मूसि, और साबरी

    भौगोलिक विस्तार(Geographical Expansion of Godavari)

    गोदावरी नदी का बेसिन क्षेत्र लगभग 312,812 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो इसे भारत की सबसे बड़ी नदी घाटियों में से एक बनाता है। इस नदी का प्रवाह क्षेत्र महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, और छत्तीसगढ़ के बड़े हिस्सों को सींचता है। यह क्षेत्र कृषि के लिए अत्यंत उपयुक्त है और यहाँ कई प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।

    गोदावरी के उद्गम स्थल पर प्रमुख स्थान(Major places at Godavari River)

    गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के आसपास कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं:

    त्र्यंबकेश्वर मंदिर – भगवान शिव का एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग।

    कुशावर्त तीर्थ – गोदावरी का पवित्र जल स्रोत, जहाँ तीर्थयात्री स्नान करते हैं।

    गंगाद्वार – वह स्थान जहाँ से गोदावरी पहाड़ी क्षेत्र से नीचे उतरती है।

    रामकुंड, नासिक – जहाँ श्रीराम ने गोदावरी नदी में स्नान किया था।

    बद्राचलम (तेलंगाना) – भगवान राम से जुड़ा हुआ एक प्रमुख तीर्थ।

    राजमुंद्री (आंध्र प्रदेश) – गोदावरी पुष्करम मेला और सांस्कृतिक केंद्र

    गोदावरी का धार्मिक महत्व(The religious significance of Godavari)

    गोदावरी नदी का उल्लेख वेदों, पुराणों और रामायण-महाभारत जैसे धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, जिससे इसका पौराणिक महत्व स्पष्ट होता है। इस नदी के तट पर कई पवित्र तीर्थस्थल स्थित हैं, जिनमें त्र्यंबकेश्वर, नासिक, बद्राचलम, कौंत्या तीर्थ और राजमुंद्री प्रमुख हैं। त्र्यंबकेश्वर में स्थित भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग इस नदी के उद्गम स्थल को अत्यंत धार्मिक महत्व प्रदान करता है। नासिक, जो कुंभ मेले का आयोजन स्थल भी है, यहाँ हर 12 वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन गोदावरी नदी के तट पर होता है। इसे नासिक-त्र्यंबक कुंभ मेले के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इस नदी के किनारे काफी समय बिताया था, जिससे यह स्थल और भी पवित्र माना जाता है। इसके अतिरिक्त, कुशावर्त तीर्थ गोदावरी का पवित्र जल स्रोत है, जहाँ श्रद्धालु स्नान करते हैं, जबकि गंगाद्वार वह स्थान है, जहाँ से यह नदी पहाड़ी क्षेत्र से नीचे उतरती है।

    गोदावरी का आर्थिक महत्व(Economic Importance of Godavari)

    कृषि एवं सिंचाई – गोदावरी नदी का जल भारत के कई राज्यों में कृषि की रीढ़ है। इसके तटवर्ती क्षेत्रों में उर्वर भूमि पाई जाती है, जिससे यहां धान, गन्ना, कपास, दालें, तिलहन और अन्य फसलों की उपज अत्यधिक होती है। इस नदी पर बनाए गए सिंचाई परियोजनाएँ किसानों के लिए बहुत लाभकारी हैं। कुछ प्रमुख सिंचाई और जल परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं:

    • जयकवाड़ी बाँध: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित यह बाँध मराठवाड़ा क्षेत्र की जल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है।

    • पोलावरम बाँध: यह परियोजना आंध्र प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे कृषि एवं जल आपूर्ति को बढ़ावा मिलेगा।

    • श्रीराम सागर परियोजना: यह बाँध तेलंगाना में स्थित है और इसका उपयोग सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाता है।

    इन परियोजनाओं से लाखों किसानों को जल आपूर्ति मिलती है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

    जल विद्युत उत्पादन- गोदावरी नदी के जल प्रवाह का उपयोग कई हाइड्रोपावर (जलविद्युत) परियोजनाओं में किया जाता है। इनसे न केवल बिजली उत्पादन होता है, बल्कि यह स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का प्रमुख स्रोत भी है। जैसे: स्रिसैलम जलविद्युत परियोजना , निजाम सागर डैम हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट

    उद्योग और व्यापार – गोदावरी नदी के किनारे कई औद्योगिक क्षेत्र और व्यापारिक केंद्र विकसित हुए हैं। इस क्षेत्र में गन्ना, कपड़ा, तेल मिल, सीमेंट, पेपर, और रसायन उद्योग प्रमुख हैं। राजमुंद्री और नासिक जैसे शहर व्यापार के बड़े केंद्र हैं, जहाँ कृषि और औद्योगिक वस्तुओं का उत्पादन और निर्यात किया जाता है।

    मत्स्य पालन एवं जल संसाधन – गोदावरी नदी का जल मत्स्य पालन (फिशरीज) के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। इसके तटीय क्षेत्रों में मछलियों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो स्थानीय समुदायों की रोज़गार और आय का प्रमुख स्रोत हैं।

    परिवहन एवं पर्यटन – गोदावरी नदी पर कई पुलों और जलमार्गों का निर्माण किया गया है, जिससे नौकायन और व्यापारिक परिवहन संभव हुआ है। इसके अलावा, इस नदी के किनारे कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल होने के कारण पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिला है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।

    जनसंख्या और बस्तियाँ (Population and Settlements)

    गोदावरी नदी के किनारे कई बड़े और छोटे शहर बसे हैं, जो विभिन्न राज्यों के सामाजिक और आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित हुए हैं। महाराष्ट्र में स्थित नासिक धार्मिक और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, जो कुंभ मेले और अंगूर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। निजामाबाद, जो तेलंगाना में स्थित है, कृषि और व्यापार का प्रमुख केंद्र है, जहाँ चावल मिलें और हल्दी उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। राजमुंद्री, आंध्र प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है, जिसे गोदावरी नदी के किनारे बसे सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाता है। यह क्षेत्र साहित्य, कला और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, बद्राचलम, तेलंगाना का एक पवित्र तीर्थस्थल है, जो भगवान राम के मंदिर के लिए जाना जाता है। ये सभी शहर गोदावरी नदी से न केवल जल आपूर्ति प्राप्त करते हैं, बल्कि व्यापार, परिवहन, कृषि और धार्मिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    पर्यावरणीय चुनौतियाँ (Environmental Challenges)

    हालाँकि, गोदावरी नदी का जल दक्षिण भारत की जीवनरेखा माना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसके जल की गुणवत्ता और प्रवाह पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्रमुख पर्यावरणीय समस्याएँ इस प्रकार हैं:

    प्रदूषण – औद्योगिक कचरा, कृषि रसायन, और नगरीय मलजल गोदावरी नदी में मिलकर इसके जल को प्रदूषित कर रहे हैं। विशेष रूप से नासिक, राजमुंद्री, और अन्य शहरी क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर है।

    अवैध रेत खनन – रेत खनन से नदी की प्राकृतिक धारा बाधित होती है और जल स्तर में कमी आती है।

    वनों की कटाई एवं जलवायु परिवर्तन – बेसिन क्षेत्र में अंधाधुंध वनों की कटाई से गोदावरी नदी के प्रवाह में कमी आई है और जलवायु परिवर्तन के कारण भी इसके जल स्तर में अनिश्चितता देखी जा रही है।

    संभावित समाधान(Possible Solutions)

    नदी संरक्षण योजनाओं का क्रियान्वयन

    सख्त पर्यावरणीय कानूनों का पालन

    पुनर्वनीकरण (Reforestation) अभियान चलाना

    स्थानीय समुदायों को जागरूक करना

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleबिहार में शिक्षक का भूत देगा ट्रेनिंग, शिक्षा विभाग ने लगाई ड्यूटी
    Next Article HSSC की 2008 भर्ती पर उठे सवाल, हाईकोर्ट ने गठित की तीन सदस्यीय कमेटी

    Related Posts

    भारत का यह मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जिसमें एक पूरा शहर बसा है, यूरोप की वेटिकन सिटी से भी विशाल है!

    June 17, 2025

    हैदराबाद का फलकनुमा पैलेस, मानो हिंदुस्तान की धरती पर आसमान का एक टुकड़ा उतर आया हो, लेकिन इसे बनवाने वाले नवाब को इसकी भव्यता ने कंगाल कर दिया

    June 17, 2025

    बारिश, ब्रेक और बॉन्डिंग- मानसून माइक्रोकैशन से बदलती वीकेंड ट्रैवल की तस्वीर

    June 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.