
Mini Goa of Uttar Pradesh (Image Credit-Social Media)
Mini Goa of Uttar Pradesh (Image Credit-Social Media)
Beach in Uttar Pradesh : जब बात समंदर के किनारे वाली छुट्टियों की आती है, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले गोवा, केरल या अंडमान जैसे तटीय राज्य आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर भारत के हृदयस्थल उत्तर प्रदेश में भी एक ऐसी जगह मौजूद है, जहां आपको ‘बीच वेकेशन’ जैसा अनुभव मिल सकता है? जी हां, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में स्थित पूरनपुर एक ऐसा ही अनोखा स्थल है, जहां प्रकृति का सौंदर्य, शांत वातावरण और रोमांचक गतिविधियों का अनोखा संगम है। यहां का ‘चूका बीच’ न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि यात्रियों के लिए भी एक छुपा हुआ खजाना बन चुका है। आइए जानते हैं कि कैसे उत्तर प्रदेश में भी आप उठा सकते हैं बीच के लुत्फ का पूरा मजा।
पूरनपुर पर्यटन की नजर में
पूरनपुर, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में स्थित एक शांत, हरा-भरा और सौंदर्य से भरपूर कस्बा है। नेपाल और उत्तराखंड की सीमा के पास होने के कारण यहां की जलवायु अपेक्षाकृत शीतल और ताज़ा रहती है। पूरनपुर, लखनऊ से लगभग 228 किमी, बरेली से 89 किमी और रामपुर से करीब 147 किमी दूर स्थित है। यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीव और खासतौर पर चूका बीच के लिए प्रसिद्ध होता जा रहा है।

चूका बीच- उत्तर प्रदेश का ‘मिनी गोवा’, क्या है चूका बीच की खासियत
चूका बीच वास्तव में शारदा सागर बांध के किनारे स्थित एक विस्तृत जल क्षेत्र है जिसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया गया है। यह एक कृत्रिम बीच है जिसे पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से सजाया गया है। यहां रेत, नावें, झोपड़ियां और जल गतिविधियां इतनी सजीव लगती हैं कि लोग इसे उत्तर प्रदेश का ‘मिनी गोवा’ कहने लगे हैं। यहां आप शांत पानी के किनारे बैठकर प्रकृति की गोद में विश्राम कर सकते हैं या फिर बोटिंग और फोटोग्राफी का लुत्फ ले सकते हैं। विशेष रूप से सूर्यास्त के समय यहां का नज़ारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
पूरनपुर को बनाते हैं खास ये कारण
प्राकृतिक सौंदर्य
पूरनपुर का वातावरण बेहद शांत और ताजगी से भरपूर है। चारों तरफ फैले घने जंगल, खेतों की हरियाली और पक्षियों की चहचहाहट इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बना देती है।
शुद्ध वातावरण और शांत परिवेश
यहां का वायुमंडल प्रदूषण रहित है। शहरों की भीड़भाड़ और कोलाहल से दूर यह एक ऐसा स्थान है जहां आत्मा को शांति मिलती है।
एडवेंचर प्रेमियों के लिए उपयुक्त
पूरनपुर केवल प्राकृतिक सौंदर्य का ही केंद्र नहीं है, बल्कि एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी यह एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। यहां लोग ट्रेकिंग, हाइकिंग, कैम्पिंग, और फोटोग्राफी जैसी गतिविधियों का आनंद लेते हैं।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व: जंगल का रोमांच (Pilibhit Tiger Reserve: Adventure in the Jungle)

जब आप पूरनपुर जाएं, तो पीलीभीत टाइगर रिजर्व जरूर घूमें। पूरनपुर से कुछ ही किमी की दूरी पर स्थित यह रिजर्व उन स्थानों में से एक है जो ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा संरक्षित किया गया है। यहां पर आप बाघों के साथ-साथ तेंदुए, हिरण, नीलगाय, सियार, सुअर और कई पक्षियों की प्रजातियां भी देख सकते हैं। जंगल सफारी का अनुभव बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए यादगार साबित होता है।
पूरनपुर तक कैसे पहुंचें (How to reach Puranpur)
सड़क मार्ग (By Road)
पूरनपुर अच्छी सड़क कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है। आप लखनऊ, बरेली या दिल्ली से टैक्सी या बस के जरिए यहां पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग ( By Train):
पूरनपुर का रेलवे स्टेशन पास ही है। बरेली, लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों से यहां सीधी रेल सेवा उपलब्ध है।
वायु मार्ग ( By Air):
नजदीकी हवाई अड्डा बरेली या लखनऊ है, जहां से आप सड़क मार्ग से पूरनपुर पहुंच सकते हैं।
Where to Stay in Puranpur (ठहरने की सुविधाएं)

पूरनपुर और पीलीभीत में कई अच्छे होटल, रेसॉर्ट और गेस्टहाउस मौजूद हैं जो आरामदायक और बजट-फ्रेंडली विकल्प देते हैं। चूका बीच के पास कुछ इको-हट और फॉरेस्ट रेस्ट हाउस भी हैं जिन्हें पहले से बुक किया जा सकता है।
घूमने के अन्य स्थान (Nearby Attractions)
पूरनपुर और उसके आसपास के कुछ अन्य आकर्षक पर्यटन स्थल:
1. नैनीताल (140 किमी दूर)
अगर आप थोड़ी लंबी दूरी की यात्रा करना चाहते हैं, तो नैनीताल एक बेहतरीन हिल स्टेशन विकल्प है।
2. सीतापुर जंगल एरिया
यह क्षेत्र ट्रेकिंग और जंगल कैंपिंग के लिए जाना जाता है।
3. नेपाल बॉर्डर गांव
यहां आप भारत-नेपाल सीमा के पास के गांवों की संस्कृति और मेल-मिलाप का अनुभव कर सकते हैं।
स्थानीय व्यंजन और बाजार (Local Food and Shopping)
पूरनपुर और पीलीभीत में उत्तर भारतीय शाकाहारी भोजन का लुत्फ उठाया जा सकता है। यहां आपको पारंपरिक पूड़ी-सब्जी, खस्ता कचौड़ी, मिठाइयां और दाल-भात के साथ-साथ ठेठ देसी व्यंजन मिलते हैं। स्थानिक बाजार में हाथ से बने मिट्टी के बर्तन, बांस के उत्पाद और स्थानीय हस्तशिल्प वस्तुएं भी मिलती हैं।
Best Time to Visit (जाने का सही समय)
पूरनपुर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम ठंडा और सुहावना होता है। हालांकि बारिश के दिनों में चूका बीच की खूबसूरती और भी निखर जाती है, लेकिन कुछ गतिविधियां सीमित हो सकती हैं। गर्मियों में भी यहां का वातावरण अपेक्षाकृत ठंडा रहता है, खासकर सुबह और शाम।
क्यों जाएं पूरनपुर (Why go to Puranpur)
शहरी जीवन से ब्रेक लेने के लिए, सुकून और शांति का अनुभव करने के लिए, परिवार या दोस्तों के साथ वीकेंड गेटवे के रूप में, बीच और जंगल दोनों का अनुभव एक साथ लेने के लिए जैसी खूबियों की वजह से ये स्थल पर्यटकों को लुभा रहा है।
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